घायल गणपत चैहान |
गणपत चैहान की अस्पताल की पर्ची जिसमें रात्रि 11.50 बजे भर्ती करवाने का समय है |
आईपीएस मोनिका सैन के नेतृत्व में की गई थी कार्रवाई
अजमेर-पाली सरहद पर शुक्रवार रात्रि 6 अक्टूबर में सहायक पुलिस अधीक्षक
सहायक पुलिस अधीक्षक मोनिका सैन शुक्रवार रात्रि में अपनी टीम के साथ अजमेर-पाली सरहद पर कार्रवाई के लिए पहुंची। यहां पर छक्का दाने से जुआ खेला जा रहा था। टीम ने यहां जुआ खेल रहे लोगों को दबोच लिया। उनके पास मिले रूपए भी टीम ने जप्त कर लिए। इस कार्रवाई के दौरान गणपत चैहान और सहित दो व्यक्ति चोटिल हो गए। गणपत के पांव में ज्यादा चोट लगने के कारण उसे पुलिसकर्मियों ने निजी अस्पताल में भी भर्ती करवाया, जहां इलाज के बाद परिजन गणपत को घर ले गए।
कौन सही- कौन गलत?
इस पूरे मामले में जब आईपीएस सैन से पक्ष जाना गया तो उन्होंने कहा कि वह कार्रवाई के लिए गई थी लेकिन छोटी कार्रवाई होने के कारण ब्यावर सदर थाना पुलिस को कार्रवाई के आदेश देकर लौट आई थी। उन्होंने कहा कि हो सकता है भागने के दौरान कोई चोटिल हुआ हो। इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वहीं जब ब्यावर सदर थानाधिकारी सहदेव सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आईपीएस मेड़म की कार्रवाई थी। थाने से जाप्ता बुलवाया गया। इस पर डीओ डयूटी पर तैनात हैडकाॅन्सटेबल सुरेन्द्र सिंह वहां गया था। सुरेन्द्र सिंह को आईपीएस मेड़म ने 66 हजार 405 रूपए और 7 जुआरी सौंपे और मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसी आधार पर कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि इससे पहले क्या हुआ इसके बारे में आईपीएस मेडम ही जानकारी दे सकती है।
मोनिका सैन ने जुए की फड़ पर दबिश देकर कार्रवाई की थी। यहां पर मौजूद दो लोगों के चोट लग गई और इसी का फायदा देते हुए पुलिस ने उन्हें मामले से बाहर कर दिया ।
जड़े संगीन आरोप
पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए गणपत चैहान ने कहा कि आईपीएस मोनिका सैन के साथ आई टीम ने उन्हें पकड़ा था। उसकी जेब से भी 70 हजार रूपए की रकम सिपाहियों ने निकाली थी। गणपत ने कहा कि पूर्व में उसने तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ बयान दिए थे। इसी रंजिश के चलते उसे कार्रवाई के दौरान धक्का दिया गया जिससे वह गिर गया और चोटिल हो गया। उसने आईपीएस मोनिका सैन को खुद के किड़नी का इलाज चलने की जानकारी दी। इस पर उन्होंने सिपाहियों के जरिए उसे जालियां रोड़ स्थित आनंद मल्टीस्पेशलिटी हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पहुंचाया। पुलिसकर्मी उसे यहां छोड़कर रवाना हो गए। इसके बाद उसने अपने परिजनों को सूचना देकर यहां बुलवाया। गणपत ने कहा कि वह इस मामले की शिकायत एसपी और आईजी को भी करेगा।
अब सच क्या है यह तो स्वयं पुलिस ही जानती है लेकिन जुए की कार्रवाई के दौरान गणपत वहां मौजूद था और वहीं पर उसे चोट लगी है। पुलिसकर्मी ही उसे अस्पताल में भर्ती करवाकर गए हैं। यह सीसीटीवी में भी रिकाॅर्ड है। पुलिस ने चोट लगने के कारण ही संभवतया दोनों जुआरियों को छोड़ा है। अन्य आरोपों के बारे में तो जांच ही स्पष्ट कर सकेगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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