Sunday 30 July 2017

अब थाने, चौकी और पुलिस लाईन होंगे तम्बाकू मुक्त जोन

सार्वजनिक स्थान पर धुम्रपान करने वाले आमजन को भी नहीं बख्शा जाएगा
अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने शराबियों के खिलाफ कार्रवाई कर जहां कीर्तिमान स्थापित किया वहीं अब जिले के सभी थाने, पुलिस चौकी और पुलिस लाईन को तम्बाकू मुक्त घोषित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर धुम्रपान करने वाले आमजन के खिलाफ भी कोटपा की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसा करने के पीछे उनका उद्देश्य तम्बाकू उत्पादों से होने वाली बीमारियों और मौत के बढ़ते ग्राफ में कमी लाना साथ ही युवाओं को भी ऐसे व्यसनों से दूर रहने का संदेश देना है।
जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले वह आॅफिस से घर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान बस स्टेंड के पास एक यातायात पुलिसकर्मी सड़क पर खड़े होकर धुएं के छल्ले उड़ा रहा था। यह नजारा देखकर उन्हें खासा दुख हुआ। उन्होंने कहा कि जब पुलिस ही खुले में धुम्रपान करेगी तो आमजन पर क्या असर होगा? इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि पुलिस लाईन, पुलिस थाना और चौकियों को तम्बाकू मुक्त जोन घोषित करेंगे। जिससे कि आमजन में तम्बाकू से दूर रहने का संदेश जा सके। वहीं पुलिस अधिकारियों को कोटपा के अन्र्तगत सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
थाने में धुम्रपान पर भी कार्रवाई
जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने कहा कि यदि थाने में कोई पुलिसकर्मी या अधिकारी धुम्रपान करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कोटपा की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। किसी भी सूरत में वह थाना, चैकियों और पुलिसलाईन में धुम्रपान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हुक्का बार संचालकों की भी खैर नहीं
एसपी राजेन्द्र सिंह ने कहा कि रविवार को यातायात पुलिसकर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा था। इस दौरान श्वास रोग विशेषज्ञ ने जब हुक्के से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया तो उनके होश फाख्ता हो गए। उन्हें इससे पहले अंदेशा नहीं था कि हुक्का शरीर को इतना नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि अब हुक्का बार शहर में नहीं चलने दिया जाएगा। जिससे कि युवा पीढ़ी इसके व्यसन से बच सके।
दो माह में 3 हजार शराबियों के खिलाफ कार्रवाई
एसपी राजेन्द्र सिंह को अजमेर पुलिस की कमान संभाले लगभग दो माह हुए हैं। इन दो माह में जिले में तीन हजार से अधिक शराबियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष जहां ड्रिंक एंड ड्राईव के 5 हजार 6सौ चालान किए गए थे वहीं इस वर्ष अब तक 7 हजार का आंकडा पार कर लिया गया है।
5100 बदमाश फरार
एसपी राजेन्द्र सिंह की मानें तो राज्य में सबसे अधिक बदमाशों को पकड़ने में अजमेर जिला अग्रणी है। इसके बावजूद भी लगभग 5100 बदमाश फरार चल रहे हैं। इन बदमाशों को पकड़ने के लिए भी पुलिस अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं। बदमाशों को पकड़वाने के लिए वह खुद भी अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं और इसे किसी चैलेंज से कम नहीं मान रहे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
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Tuesday 18 July 2017

तो राजपूत बनकर बचाई आईपीएस मोनिका सैन ने अपनी जान

चोट लगने के बाद भी रात भर संभाल रखा था मोर्चा
आनंदपाल एनकाउंटर प्रकरण में 12 जुलाई को सांवरदा में श्रद्धांजली सभा में अचानक हुए उपद्रव में आईपीएस मोनिका सैन को भी भीड़ ने काफी नुकसान पहुंचाया, लेकिन सैन ने जब खुद को राजपूत बताया और बाद में राजपूती कपड़े पहनकर अपनी जान बचाई।
आईपीएस मोनिका सैन ने अपने साथ घटित उस खौफनाक मंजर के बारे में बताया कि शाम को अचानक नागौर जिला पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख को सूचना मिली कि रेलवे भीड़ रेलवे ट्रेक उखाड़ रही है और 8 काॅन्सटेबल को बंदी बना लिया गया है। इनमें से तीन पर कैरोसीन भी छिड़क दिया गया है ओर आग लगाने जा रहे हैं। इस पर एसपी देशमुख ने उन्हें साथ लिया और घटना स्थल की ओर बढ़ गए। उनके साथ दो गनमैन, एक ड्राईवर और एक अन्य हैड काॅन्सटेबल भी था। घटनास्थल से लगभग 800 मीटर दुरी पर ही भीड़ ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। एसपी देशमुख ने बाहर निकलकर भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन भीड़ उन पर भी पिल पड़ी। जैसे-तैसे एसपी देशमुख ने समाज के नेताओं की गाड़ी में शरण ली और अपनी जान बचाई।
गाड़ी पर लाठी और पत्थर बरस रहे थे
आईपीएस मोनिका सैन बताती हैं कि वह मंजर काफी खौफनाक था। हजारों की संख्या में लोग और चारों तरफ से लाठियां व पत्थर बरसाए जा रहे थे। गाड़ी एकाएक पलटने को हुई तो उन्होंने सभी को गाड़ी से उतरने के निर्देश दिए। सभी ने हैलमेट और जैकेट पहन रखा था। इससे काफी बचाव हुआ। भीड़ ने गनमैन की बंदूक छीन ली और सभी के साथ मारपीट शुरू कर दी। उन पर भी डंडे बरसाए गए। उन्होंने अपना हैलमेट हटाकर राजपूत समाज की बेटी होने की बात लोगों से कही। जब लोगों ने देखा कि महिला है तो कुछ को रहम आ गया। उन्होंने उसे जैसे तैसे वहां से बचाकर निकाला। वहां से छिपते छिपाते वह एक घर की ओर गई जहां कुछ महिलाएं खड़ी थी। महिलाओं ने अंदर ले जाकर बैठाया। वहां जाने के बाद ही उन्होंने स्थानीय थाना पुलिस से सम्पर्क किया। लगभग 40 मिनट वह उस घर में रूकी। इसके बाद महिलाओं ने उन्हें राजपूती ड्रेस पहनने की सलाह दी। उन्होंने वर्दी के उपर ही राजपूती ड्रेस डाली और स्थानीय थानाधिकारी के साथ थाने पहुंची। थाने जाते ही एसपी पारिस देशमुख और गनमैन सहित अन्य के बारे में जानकारी ली।
हुडदंगियों पर निकाला गुस्सा
इतना सब होने और खौफनाक मंजर से निकलने के बाद भी मोनिका सैन कहां हार मानने वाली थी। उन्होंने कहा कि थाने में जैसे ही हुडदंगियों को लाया गया तो उन्हें अच्छा खासा सबक सिखाया। इसके बाद पूरी रात वहां की व्यवस्था को देखते रहे और मोर्चा संभाले रखा। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने भी उन्हें आराम करने की सलाह दी लेकिन उन्होंने मामला निपटने के बाद ही चैन की सांस लेने की बात कही। अधिकारियों ने भी उनके इस साहस के लिए बाद में पीठ थपथपाई।
नेताओं पर हो कार्रवाई
आईपीएस सैन ने कहा कि इतनी मात्रा में भीड़ एकत्रित करने वाले राजपूत समाज के नेताओं के खिलाफ अवश्य सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि जिस तरह से माहौल को बिगाड़ा गया और पुलिसकर्मियों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई यह पूरी तरह कानून के खिलाफ है। ऐसे लोगों पर यदि कार्रवाई नहीं होती है तो भविष्य में ऐसे दुसरे लोगों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से पुलिस का मनोबल गिरता है।
सैन की बहादुरी को सलाम
आईपीएस मोनिका सैन ने जिस तरह इस पूरे प्रकरण में भूमिका निभाई और चोटिल होने के बाद भी मोर्चा संभाले रखा। यह वाकई काबिले तारीफ है।  उनकी यह बहादुरी सलाम करने योग्य है। अन्य महिला पुलिस अधिकारियों को भी चाहिए कि वह मोनिका सैन से प्रेरणा लें और हालातों से भागने की बजाय उनका डटकर सामना करे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Saturday 8 July 2017

हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा पर सवाल, 5 सिम कार्ड जप्त


जेल स्टाॅफ शक के दायरे में!

प्रदेश की हाई सिक्योरिटी जेल जिसमें परिंदा भी पर नहीं मार सकता, इस जेल में शनिवार को पांच मोबाईल सिम मिलने से यहां की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान खड़े हुए हैं। यह पहला मौका है जब हाईसिक्योरिटी जेल से मोबाईल या सिम मिले हों। दरअसल जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने शनिवार को जिला पुलिस के अधिकारियों को हाई सिक्योरिटी जेल का औचक निरीक्षण के निर्देश दिए। अधिकारियों ने जब बारिकी से जेल को खंगाला तो वहां से पांच मोबाईल सिम बरामद हुए। जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने कहा कि जेल में निरीक्षण के दौरान हार्डकोर अपराधी मांगीलाल विश्नोई के कब्जे से तीन और लाॅरेंस के कब्जे से दो मोबाईल सिम बरामद हुए हैं। सिम जप्त कर लिए हैं और सिविल लाईन थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है। निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोलाराम यादव, देवेन्द्र कुमार विश्नोई, डीएसपी राजेश मीणा, ओमप्रकाश मीणा, रामगंज थानाधिकारी अजयकांत रतूड़ी, क्लाॅक टावर थानाधिकारी रमेन्द्र सिंह, सिविल लाईन थानाधिकारी करण सिंह खंगारोत, कोतवाली थानाधिकारी बनवारी लाल मीणा, आदर्श नगर थानाधिकारी नरपत सिंह चारण, क्रिश्चयनगंज थानाधिकारी विजेन्द्र सिंह गिल सहित अन्य मौजूद थे।
लापरवाही तो है ही
एसपी राजेन्द्र सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जेल में जैमर भी है और पुख्ता बंदोबस्त भी है। इसके बावजूद भी यदि सिम कार्ड पहुंचा है तो अवश्य ही लापरवाही रही है। इस संबंध में जांच करवाई जाएगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
हार्डकोर की हरकतें होती है कैद
हार्डकोर अपराधी को पूरे पुख्ता बंदोबस्त के बीच हाई सिक्योरिटी जेल से बाहर निकाला जाता है तो इसकी भी विडियो रिकाॅर्डिंग करवाई जाती है। यानि कि हार्डकोर अपराधियों की हर एक हरकतों को कैद करने के साथ ही नजर भी रखी जाती है। फिर ऐसे में सिम कार्ड जेल के अंदर तक पहुंच पाना तो नामुमकिन सा लगता है।
जेल स्टाॅफ शक के दायरे में
जेल के स्टाॅफ पर अब शक की सुई जा रही है। ऐसे में जेल स्टाॅफ से सघन पूछताछ की जाएगी तो इसका भण्डाफोड हो सकता है कि किसने सिम कार्ड उपलब्ध करवाया। जेल में सिम मिलने के बाद से वैसे भी हडकम्प मचा हुआ है।
सिम कार्ड भी खोलेगी राज
सिम कार्ड को भी जिला पुलिस के एक्सपर्ट को दे दिया गया है जो सिम कार्ड से किन लोगों से बात हुई है और किस फोन में लगाकर उसे इस्तेमाल किया गया था सहित अन्य कई राज से पर्दाफाश करने में जुट गए हैं। फिलहाल दोनों हार्डकोर तो इस संबंध में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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अब नहीं होना होगा अभिभावकों को परेशान

देवनानी ने सभी को साथ बैठाकर बनवाई आम सहमति
अजमेर में स्कूलों में बालवाहिनी योजना को सशक्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के विरोध में चल रहा वैन संचालकों का गतिरोध शनिवार शाम को समाप्त हो गया। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के निवास पर आयोजित बैठक में पुलिस व परिवहन प्रशासन तथा वैन व टैम्पो संचालकों के बीच विभिन्न मुद्दो पर सहमति बन गई। प्रशासन ने वैन के उपर कैरियर लगाने तथा कागजों की कमियों को दूर करने के लिए विशेष शिविर लगाने तथा वैन संचालकों ने एक बार में 12 बच्चे बैठाने तथा अन्य सुरक्षा उपाय अपनाने पर सहमति जताई है।
शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने बताया कि आज हुई बैठक में वैन संचालकों ने अपनी सात सूत्राीय मांगे प्रशासन के समक्ष रखी। इन पर सकारात्मक माहौल में सहमति बनी। वैन संचालकों ने एप्रेन पहनने, एक बार में वैन में 12 से अधिक बच्चे नहीं बैठाने, टैम्पो में 8 बच्चे बैठाने, मान्यता प्राप्त गैस किट का ही उपयोग करने, अग्निशमन यंत्रा लगाने तथा वैन व टैम्पो से टेप व चार्जिंग पाॅइंट हटाने पर सहमति जतायी।     उन्होंने बताया कि पुलिस व परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए कि वैन व टैम्पो संचालकों के दस्तावेजों में बालवाहिनी से संबंधित जो भी कमियां हैं उन्हें अगले सप्ताह रविवार को एक विशेष शिविर आयोजित कर दूर किया जाए। वैन संचालकों को वैन के उपर कैरियर लगाने की भी अनुमति दी गई। इसी तरह अन्य मांगे भी आपसी सहमति से सुलझा ली गई। बैठक में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी विनोद कुमार, पुलिस उप अधीक्षक प्रीति चैधरी, वैन एसोसिएशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
गौरतलब है कि जब से जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चैधरी ने बालवाहिनी योजना को सशक्त करने के लिए अभियान चलाया था। इसके बाद से ही वैन संचालक हडताल पर उतर गए। इससे अभिभावकों को खासा परेशान होना पड़ रहा था।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Friday 7 July 2017

कमाण्डो सोहन सिंह की सलामती के लिए जगह-जगह प्रार्थना






कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउण्टर में हीरो की भूमिका निभाने वाले कमाण्डो सोहन सिंह की तबियत बिगड़ने की सूचना ने हर किसी को हैरान कर दिया है। सोहन सिंह की सेहतमंदी के लिए मंदिरों में प्रार्थना, मस्जिद और दरगाह में दुआ, गुरूद्वारों में अरदास तो गिरीजाघरों में प्रे की जा रही है। राजस्थान पुलिस के भी लगभग सभी थानों, चैकियांे व कार्यालयों में भी जल्द से जल्द सोहन सिंह के स्वस्थ होने की प्रार्थना हो रही है। अजमेर में भी दरगाह सर्किल के डीएसपी ओमप्रकाश मीणा, दरगाह थानाधिकारी मानवेन्द्र सिंह, गंज थानाधिकारी दिनेश जीवनानी और स्टाॅफ ने सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की पवित्र मजार पर चादर पेश कर कमाण्डों के स्वास्थय लाभ के लिए दुआएं मांगी, तो वहीं ट्रेफिक डिप्टी प्रीति चैधरी ने भी अपने यातायात पुलिसकर्मियों के साथ शिवालय में जाकर पूजा अर्चना की। कोतवाली थानाधिकारी बनवारी लाल मीणा ने थाने में ही स्टाॅफ के साथ सोहन सिंह के तंदरूस्त होकर घर आने की प्रार्थना की तो वहीं किशनगढ़ के पीटीएस में भी पुलिस अधिकारियों और जवानों ने सोहन सिंह के लिए प्रार्थना की।
दरगाह में उठे हाथ
ख्वाजा साहब की दरगाह में खादिम एस.एफ. हसन चिश्ती के नेतृत्व में दुआ की गई। चिश्ती के साथ ही अन्य खादिम व जायरीन ने सोहन सिंह के स्वस्थ होकर काम पर लौटने और प्रदेश की रक्षा में सदैव तत्पर रहने की ख्वाजा साहब से दुआ मांगी।
मेदांता में चल रहा इलाज
गुरूवार को सोहन सिंह की हालत में सुधार हो गया था। इसके चलते एसएमएस अस्पताल के आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन अचानक शुक्रवार को सोहन सिंह की तबियत नासाज हो गई और उन्हंे चिकित्सकों ने मेदांता हाॅस्पिटल में रैफर कर दिया। सोहन सिंह को मेदांता की एयर एम्बुलैंस से ले जाया गया। इस दौरान अस्पताल में चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, एटीएस एडीजी उमेश मिश्रा, आईजी दिनेश एमएन, जयपुर पुलिस कमीश्नर संजय अग्रवाल सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
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