Friday, 18 August 2017

खुले में शौच करते पकड़ा तो खिलाई हवालात की हवा

क्या नगर निगम अजमेर लेगा इससे सीख
यूं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शौच मुक्त भारत अभियान को लेकर पूरे देश में काम किया जा रहा है। यहां तक कि टाॅयलेट एक प्रेम कथा फिल्म भी बना दी लेकिन अजमेर संभाग में संभवतया पहली ऐसी कार्रवाई हुई है जिसमें खुले में शौच कर रहे 6 लोगों को हवालात की हवा खिलाई गई। इतना ही नहीं उन्हें 10-10 हजार के मुचलके भरकर जमानत पर छोड़ा गया और 15 दिन में शौचालय बनवाने के लिए भी पाबंद किया। एसडीएम करतार सिंह ने कहा कि वह अपने क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त करना चाहते हैं। आज अलसुबह अन्य अधिकारियों के साथ दौरे पर निकले। पीपलूंद और श्रृंगार चंवरी गांव में कुछ लोग खुले में शौच करते मिले। यह नजारा देखकर उन्होंने पुलिस को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। करतार सिंह ने कहा कि पूर्व में भी ग्रामीणों को समझा दिया गया लेकिन कई मानने को तैयार नहीं, ऐसे मे सख्त रूख अपनाया गया है। उन्होंने एक घर की बिजली काटने के भी निर्देश बिजली विभाग को दिए हैं।
क्या जहाजपुर एसडीएम करतार सिंह की कार्रवाई से अजमेर नगर निगम के अधिकारी सीख लेंगे। आज भी अजमेर शहर में कई ऐसे इलाके हैं जहां पर रोजाना सुबह लोग खुले में शौच करते देखे जा सकते हैं। इसके बावजूद भी निगम के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। कुछ स्थान तो ऐसे हैं जहां पर देश विदेश की जनता भी आती है। यह स्थान ख्वाजा साहब दरगाह के पास गंज इलाके का है, जहां पर अब तक निगम पहुंच नहीं पाया है। यहां रहने वाली गंदगी से देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी छवि धूमिल हो रही है। इसी तरह यदि बात करें केसरगंज और उसरीगेट क्षेत्र की तो यहां भी आलम यही है। यदि निगम के अधिकारी चाहें ओर सख्त रूख इख्तियार करे तो सब कुछ संभव हो सकता है। यह तो कुछ ही इलाके गिनाए गए हैं, ओर भी कई इलाके हैं जहां पर निगम के अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है। केवल स्वच्छता अभियान के नारे लगाने मात्र से ही स्वच्छता नहीं रह सकती।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
navinvaishnav5.blogspot.com

Tuesday, 8 August 2017

अब पुलिसकर्मी नहीं कर सकेंगे आमजन से बदसलूकी

एसपी राजेन्द्र सिंह स्वयं दे रहे विशेष ध्यान, मामला सामने आने पर कार्रवाई
जिले की पुलिस जहां अब पहले से कई गुना ज्यादा मुस्तैद नजर आ रही है वहीं पुलिसकर्मियों का व्यवहार भी बदलने लगा है। अब रात्रि में भी पुलिसकर्मी  किसी को रोकते हैं तो उससे ससम्मान बातचीत की जाती है और उसका नाम पता लिखकर व आईडी देखकर छोड़ दिया जाता है।वहीं यदि अगर किसी ने शराब का सेवन किया हुआ है या फिर नियमानुसार वाहन नहीं चला रहा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

जिले में पुलिस का जो चेहरा इन दिनों सामने आ रहा है हर कोई सोचने पर मजबूर है। क्या यह वही पुलिस है जिसके सामने आने तक से डर लगता था, लेकिन यही पुलिसकर्मी आज पूरी सभ्यता और सम्मान के साथ पेश आ रहे हैं। इसका कारण है जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह की कार्यप्रणाली। राजेन्द्र सिंह ने सभी पुलिस अधिकारियों को साफ तौर पर निर्देशित किया है कि आमजन के साथ किसी भी सूरत में बदसलूकी या असभ्य भाषा का प्रयोग नहीं किया जाए वहीं बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई में भी कोई कसर नहीं छोड़े। एसपी चैधरी ने रोजाना रात्रि गश्त के दौरान अलग-अलग लोकेशन से टाईम सहित फोटो  खींचकर भेजने और रात्रि में रोके जाने वाले लोगों के एड्रेस व मोबाईल नम्बर सहित सूची भी मंगवा रहे हैं। उक्त सूची में से कई लोगों को स्वयं एसपी फोन करके यह पता लगाते हैं कि रात्रि में पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उनसे बातचीत की। कहीं उनके साथ गलत भाषा का तो प्रयोग नहीं किया गया या उनसे किसी तरह के रूपए तो नहीं मांगे गए। मैं सभी आमजन से यह निवेदन करता हूं कि यदि उनके साथ बेवजह कोई भी पुलिसकर्मी या अधिकारी बदसलूकी करता है तो वह एसपी राजेन्द्र सिंह को इसकी शिकायत करे।
शराबियों पर कार्रवाई
रात्रि में गश्त के दौरान सभी पुलिसकर्मियों को एल्कोहल टेस्ट के लिए ब्रेथ एनलाईजर मशीन भी दी गई है जिससे कि शराबियों पर कार्रवाई हो सके। यही कारण है कि आजकल लोग बाहर से शराब पीकर जाने से कतराने लगे हैं या यूं कहें कि शराब पीकर वाहन चलाने से बच रहे हैं।  इन दिनों शहर में भी यह चर्चा आम है कि एसपी के आने के बाद से रात्रि में होने वाले झगड़े, फसाद या अन्य आपराधिक वारदातें भी कम हो रही है। आमलोग  भी शांति से जी पा रहे हैं।
सख्ती नहीं आ रही रास
एसपी राजेन्द्र सिंह की सख्ती कई पुलिस अधिकारियों को रास भी नहीं आ रही है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस अधिकारी जिले से बाहर तबादला करवाने की भी जुगत लगा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि एसपी का सख्त रूख काम पर भी असर डाल रहा ह। कई बार टाॅस्क पूरा करने और नियमों का पालन करने के चक्कर में थानों का काम तक प्रभावित हो जाता है। जब काम प्रभावित हो जाता है तो भी उनके लिए मुसीबत है। कई अधिकारी एसपी के कामकाज से खुश भी हैं। उनका कहना है कि अब बाहरी हस्तक्षेप का सामना नहीं करना पड़ता, जो सही होता है वही कार्रवाई की जाती है। बेवजह दबाव में आकर किसी पर कार्रवाई भी नहीं करनी पड़ती।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
navinvaishnav5.blogspot.com