Tuesday 28 November 2017

तो क्या कांग्रेस देती है अपराधों को बढ़ावा

चार साल पूरे होने पर गृहमंत्री कटारिया ने आंकडे़ प्रस्तुत कर थपथपापीठ


राजस्थान सरकार के चार साल पूरे होने पर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने पुलिस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता बुलाई। इसमें गृहमंत्री कटारिया ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि उनकी सरकार में हमेशा अपराधों में गिरावट आई है जबकि कांग्रेस के शासन में अपराध बढ़े हैं। उन्होंने इसके आंकड़े भी पत्रकारों को उपलब्ध करवाए। कटारिया ने कहा कि जहां वर्ष 2014 में प्रदेश में आईपीसी के 2लाख 10हजार 412 मुकदमे दर्ज हुए थे वहीं वर्ष 2017 में अक्टूबर तक केवल मात्र 1 लाख 45 हजार 947 ही दर्ज हुए हैं। हर वर्ष अपराधों में कमी आई है। महिलाओं से जुड़े अपराधों का आंकड़ा 2014 में 32152 था जो इस वर्ष अब 22 हजार 591 ही है। दलित समुदाय से जुड़े अपराधों में भी भाजपा की सरकार के कारण वर्ष दर वर्ष कमी आई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में यह आंकड़ा 8415 था जो कि अब घटकर वर्ष 2017 में केवल मात्र 4 हजार 345 रह गया है। उन्होंने कहा कि यदि वर्ष 2009 से 2013 की बात की जाए तो इसमें 1लाख 51 हजार 117 से बढ़कर 1 लाख 96 हजार 224 हो गए थे जो कि हर वर्ष लगभग 6 प्रतिशत बढ़ोतरी है।
यह बताए कारण-
कटारिया ने कहा कि अपराधों में नियंत्रण का मुख्य कारण प्रभावी जनसुनवाई, संभागीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों को साथ रखते हुए समीक्षात्मक बैठक, पुलिस मुख्यालय में मासिक समीक्षा बैठक और पुलिस विभाग की ओर से अभय कमाण्ड सेंटर जैसे नवाचार है।
क्या वाकई रूके अपराध?
गृहमंत्री कटारिया ने आंकडे प्रस्तुत कर भले ही  ली हो लेकिन नतीजे कुछ ओर ही है। आज पुलिस में जो परफोरमेंस मेजरमेंट सिस्टम पीएमएस जो चलाया गया है उससे कई मामले तो दर्ज तक नहीं हो पाते। अधिकांश बार यह भी देखा गया है कि अपनी पीएमएस नहीं गिरे इसलिए थानाधिकारी मुकदमा तक दर्ज नहीं करते। यदि किसी उपरी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का फोन आ जाता है तो मजबूरीवश मुकदमा दर्ज किया जाता है। यदि केवल मात्र आंकड़ों की बात की जाए तो इससे यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि अपराधों में कमी आई है।
अजमेर में भी आमजन बैचेन
अजमेर पुलिस को भले ही पीएमएस में 34वां स्थान मिला हो लेकिन पूर्व में यहां पर कानून व्यवस्था बहुत सुदृढ़ चल रही थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में यह देखने को मिला है कि यहां भी अपराधी बेखौफ होकर वारदातें अंजाम दे रहे हैं। शहर में बाईकर्स गैंग तो दिनदहाड़े चैन पर झपट्टा मारकर फरार हो जाती है और बाद में पुलिस नाकाबंदी या सीसीटीवी फुटेज खंगालती है लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग पाता। यही हाल चोरियांे का है। शहर में चोरियां भी लगातार हो रही है। इससे हर कोई अपना घर सूना छोड़ने तक से कतरा रहा है। अजमेर पुलिस को भी चाहिए कि पूर्व की तरह गश्त व्यवस्था को मजबूत किया जाए ना कि टाईगर की सख्ती व टाॅस्क का फायदा उठाकर चांदी कूटी जाए।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Monday 27 November 2017

आखिर कब रूकेगा बेटियों को ठुकराने का सिलसिला?

अजमेर में फिर पत्थर दिल मां ने नवजात बच्ची को बीमार हालत में छोड़ा


राजस्थान सरकार बालिकाओं के प्रति लोगों की सोच में बदलाव के लिए नित नए अभियान चला रही है। वहीं आईएएस नवीन जैन भी हर संभव कोशिश करके बेटियों को बचाने व लोगों की मानसिकता बदलने में लगे हुए हैं लेकिन अब भी कुछ लोग ऐसे हैं जो ऐसे कुकृत्यों को करने से बाज नहीं आ रहे।
सोमवार को अजमेर के आश्रय स्थल (पालना गृह) में कोई अपनी फूल सी बच्ची को बीमार हालत में छोड़कर चला गया। बच्ची के हाथ में कैनुला भी लगा हुआ था। आवाज सुनते ही बच्ची को तुरंत जेएलएन अस्पताल के शिशु वार्ड में ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने जांच की तो उसकी हालत बेहद गंभीर लगी। बच्ची बिलकुल ठंडी हो रखी थी और उसका वजन भी 2 किलो से कम था जो कि सामान्य बच्चों की तुलना में काफी कम होता है। बच्ची को तुरंत चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाॅफ की टीम ने उपचार दिया। फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि बच्ची खतरे से बाहर है लेकिन आईसीयू में बच्ची को उपचार दिया जा रहा है।
चार दिन की है बच्ची
अस्पताल प्रबंधन की मानें तो बच्ची का जन्म तीन से चार दिन पहले हुआ है और बच्ची बीमार थी। उसका इलाज भी किसी अस्पताल में चल रहा था जिसका संकेत उसके हाथ में लगा कैनुला दे रहा था। हालांकि उसके माता पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं जुटाई जाएगी।
झाड़ियों में फेंकने से बेहतर
कई लोग बच्ची पैदा होने पर उसे झाड़ियों या ऐसी जगह फेंक देते हैं जहां उसका जी पाना भी काफी मुश्किल हो जाता है और अधिकांश बच्चियां तो मौत के मुंह में समां भी जाती है। ऐसे लोगों की तुलना में पालना गृह में छोड़ना फिर भी बेहतर है। इससे बच्ची की जान तो बच ही सकती है साथ ही जिन लोगों को औलाद का सुख नहीं है वह ऐसी बच्चियों को अपना सकते हैं और ऐसे लोगों के घरों में खुशियां आ जाएंगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Friday 17 November 2017

कोख में बेटियों को बचाने के लिए डेढ़ लाख लोगों ने ली एक साथ शपथ



कोख में बेटियों को बचाने के लिए डाॅटर्स आर प्रीशियस अनोखा अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत शुक्रवार को प्रदेश भर में एक समय पर 773 संस्थाओं में डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने बेटियों को बचाने की शपथ ली। अजमेर में राजकीय कन्या महाविद्यालय में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
वरिष्ठ आईएएस और डाॅटर्स आर प्रीशियस अभियान के मुखिया नवीन जैन ने कोख में पल रही बेटियों को बचाने के लिए डाॅटर्स आॅर प्रीशियस अभियान का आगाज किया। इस अभियान के तहत प्रदेश में 773 संस्थानों में पर एक लाख 60 हजार लोगों ने बेटियों को बचाने की शपथ ली। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में गिरते लिंगानुपात को कम करना है। आईएएस नवीन जैन ने बताया कि बेटियां अनमोल है और हर व्यक्ति को इसका  अहसास होना चाहिए। प्रदेश व प्रदेश से बाहर लिंग परीक्षण के लिए की जा रही कार्रवाईयों का मकदस सिर्फ लोगों को बेटियों का महत्व समझाना और ऐसा घिनौना काम कर रहे लोगों को सजा दिलवाना है।
फेसबुक पर भी धूम
जैन के इस अभियान की फेसबुक पर भी धूम मची हुई है। लाखों की तादाद में लोगों ने डीएपी रक्षक को अपनी प्रोफाईल पर सेट करके संदेश दिया है। हर कोई बेटियों को बचाने के लिए जैन के साथ खड़ा नजर आ रहा है और बेटियों का गर्भ में कत्ल करने वालों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने की बात भी कर रहे हैं।
पाॅवर प्वाइंट से समझाया
आज अभियान के तहत 773 संस्थानों में पाॅवर प्वाइंट के जरिए बेटियों का महत्व समझाया गया। इसमें राजस्थान के सभी जिलों व भारत का लिंगानुपात दिखाया गया साथ ही पीसीपीएनडीटी एक्ट के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इसके बाद सभी स्थानों पर एक साथ शपथ दिलवाई गई।
जयपुरवासी सबसे आगे
आईएएस नवीन जैन ने बताया कि इस अभियान में जयपुर जिले के 140 संस्थानों में 30602 ने, जयपुर संभाग में 131 संस्थानों में 27903, अजमेर संभाग में 63 संस्थानों में 13056, भरतपुर संभाग के 55 संस्थानों में 11909, बीकानेर के 139 संस्थानों में 30971, जोधपुर संभाग के 106 संस्थानों में 21148, कोटा के 60 संस्थानों में 8389 और उदयपुर संभाग के 79 संस्थानों में 14242 ने एक समय पर एक साथ शपथ ली।
दिनांक 17.11.2017
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Wednesday 15 November 2017

शेव नहीं बनवाई तो उतार दिया मौत के घाट


पुलिस ने 24 घंटे में खोली मर्डर की वारदात, 2 हत्यारे गिरफ्तार
अजमेर की जिला पुलिस पिछले कुछ समय से अच्छा कार्य कर रही है। अपराध जरूर हो रहे हैं लेकिन इनमें पुलिस की ओर से त्वरित कार्रवाई देखने को मिल रही है। मंगलवार को गेगल थाना क्षेत्र के गोड़ियावास में हुई युवक की नृशंस हत्या का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया। युवक की हत्या शेव बनाने के पैसे नहीं देने को लेकर हुए विवाद के चलते करने की बात सामने आई है। पुलिस ने दो हत्यारों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है।
जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि गोड़ियावास गांव की बंद पड़ी पत्थर की खान में पिचैलिया निवासी सांवर सिंह रावत की हत्या की गई थी। इस संबंध में ग्रामीण वृताधिकारी राजेश वर्मा के नेतृत्व में थानाधिकारी नरपतराम सहित अन्य टीम ने सारी जानकारी जुटाई और वारदात का खुलासा कर दो लोगों को दबोच लिया। डीएसपी राजेश वर्मा ने बताया कि हत्या के सभी पहलुओं की गहनता से जांच की गई जिसमें सामने आया कि सांवर सिंह के साथ गोड़ियावास गांव के ही उसके दो दोस्त जय सिंह और रामसिंह उर्फ रामू शराब पी रहे थे। उन्होंने भूड़ोल व गोडियावास गांव के दो ठेकों से लगभग 10 शराब के क्वार्टर व 3 बीयर की बोतलें खरीदी थी। तीनों ने छककर शराब पी और इसके बाद तीनों ने शेव करवाने की सोची। जैसे ही नाई की दुकान के पास पहुंचे तो मृतक सांवर सिंह ने केवल मात्र अपने रूपए देने की बात कही और उन दोनों के रूपए देने से इंकार कर दिया।यह बात दोनों को नागवार गुजरी। दोनों उसे खान में ओर शराब पीने की बात कहकर ले लाए और वहां उसे मौत के घाट उतार दिया। जय सिंह और रामू ने फिलहाल हाथ में पहने जाने वाले कड़े से सिर व आंख पर वार करके हत्या करने की बात कबूली है लेकिन दोनों से पूछताछ की जा रही है।
शातिर है दोनों आरोपी
डीएसपी राजेश वर्मा ने कहा कि दोनों हत्यारों का भले ही कोई पुराना क्राईम रिकाॅर्ड नहीं हो लेकिन जित तरह से वारदात अंजाम दी और घटना का नक्शा बदला उससे काफी शातिर लगते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों हत्यारों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक को नग्न कर दिया, जिससे कि अवैध संबंधों के चलते हत्या करने की सोच कर पुलिस इस दिशा में बढ़े और वह आसानी से बच जाए।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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