Thursday 27 December 2018

महंगी शराब के शौकिन थानेदार साहब रिश्वत लेते चढ़े एसीबी के हत्थे



अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम एक बार फिर एक्टिव हो गई है। ब्यूरो की स्पेशल यूनिट ने गुरूवार को अंराई थानाधिकारी को 6 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। यह कार्रवाई उनके थाना परिसर में ही हुई।
एसीबी की स्पेशल यूनिट के इंचार्ज एडिशनल एसपी मदनदान सिंह ने बताया कि शराब ठेकेदार नेमीचंद और रामराज की अंराई क्षेत्र में शराब की दुकानें है। जिसकी मंथली थानाधिकारी रामलाल लेता था। इसके अलावा भी मुकदमा दर्ज करने की धमकी देकर रूपए मांग रहा था।  इसकी शिकायत जब ब्यूरो को मिली तो मामले का वैरीफिकेशन करवाया गया जिसमें थानाधिकारी को 4 हजार रूपए दिलवाए गए। वहीं आज 6 हजार की राशि थाना परिसर में ही परिवादियों द्वारा दिलवाई गई। जैसे ही थानेदार रामलाल ने उक्त राशि ली, टीम ने उसे दबोच लिया।
चुनाव का मुकदमा अब
इस कार्रवाई में यह बात फिर स्पष्ट हो गई कि पुलिस रस्सी का सांप बना सकती है। अंराई थानाधिकारी ने चुनाव हुए इतना समय होने के बाद भी चुनाव के समय में दुकान खोलने का मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी। मुकदमे से बजने की एवज में मंथली के अलावा राशि की डिमांड की। इसके साथ ही ब्लेक डॉग जैसी महंगी शराब देने को भी कहा जिस पर परिवादियों ने इंकार कर दिया लेकिन साहब को तो महंगी शराब ही चाहिए थी तो कहा कि कहीं ओर से खरीदकर लाओ लेकिन देनी तो पड़ेगी ही। अब साहब शराब लेने से पहले ही एसीबी के हत्थे चढ़ गए और शुक्रवार को जेल की कोठरी में भी पहुंच जाएंगे।
क्या अजमेर में भी है मंथली का खेल?
जब बात शराब ठेकेदारों से मंथली की चली तो यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या अजमेर में भी यह खेल चलता है? संभवयता चलता ही होगा नहीं तो देर रात तक शराब के ठेके गुलजार नजर नहीं आते। कई बार जिला पुलिस कप्तान राजेश सिंह भी इस बारे में थानाधिकारियों को हड़का चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी शराब की दुकानों पर 8 बजे बाद भी शराब बेची जा रही है और खास बात तो यह कि पुलिस को ही यह नजर नहीं आता। अब देखना यह है कि कब यहां की पुलिस भी एसीबी या अन्य किसी डर से रात्रि में शराब ठेकेदारों की सेवा करना बंद करती है और निर्धारित समय पर ही दुकानें खुलती है। अब राज बदला है तो यह भी संभावना है कि इसमें भी बदलाव होगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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27-12-2018
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Tuesday 25 December 2018

एसपी की टीम ने जुए और सट्टे की फड़ पर दबिश देकर एक दर्जन से अधिक जुआरी गिरफ्तार, सवा लाख रूपए जप्त











ऊसरी गेट पुलिस चौकी के पास में चल रहा था सट्टा तो रामगंज थाना क्षेत्र में चल रहा था जुआ
नवीन वैष्णव अजमेर
अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने एक बार फिर अपनी टीम के जरिए ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू करवा दी है। टीम ने मंगलवार को दो थाना क्षेत्रों में चलाए जा रहे जुए व सट्टे की फड़ पर दबिश देकर एक दर्जन से अधिक जुआरियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से सवा लाख रूपए की रकम भी जप्त की गई है।
शहर में चल रहे जुए व सट्टे में थाना पुलिस की मिलीभगत की सूचना पर जिला पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने प्रोबेशन आरपीएस विजय सांखला के नेतृत्व में टीम बना रखी है। टीम ने मंगलवार शाम ऊसरी गेट चौकी के पीछे लुहार बस्ती में नाथू लुहार के सट्टे की फड पर पर्चियों से दांव लगवा रहे खाईवाल नाई बस्ती पहाडगंज 60 वर्षीय ईश्वरचंद पारवानी, सटोरिए चांदबावड़ी निवासी दिलीप खूबचंदानी, माली मौहल्ला कुंदननगर निवासी अंकित शर्मा, पहाडगंज निवासी मनोज और बिचड़ली मौहल्ला ब्यावर निवासी प्रवीण जैन को दबोचा गया। इनके कब्जे से सट्टा पर्ची और 25 हजार रूपए की नगदी भी जप्त की है। विजय सांखला ने बताया कि कार्रवाई करने से पहले वह सिविल यूनिफॉर्म में वहां पहुंचे तो सट्टा चल रहा था। उन्होंने थाने का जाप्ता मंगवाकर सभी को गिरफ्तार किया।
एकता नगर में कार्रवाई
सांखला ने बताया कि रामगंज थाना क्षेत्र के एकता नगर में छक्का दाना से जुआ खेलने की सूचना मिली थी। इस पर वह मौके पर पहुंचे और इसकी तस्दीक की। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम के जरिए यहां दबिश देकर 10 जुआरियों को दांव लगाते गिरफ्तार किया। जुआरियों के कब्जे से 2 लाख रूपए की राशि बरामद की गई है। सांखला ने कहा कि पकड़े गए जुआरियों में जयपुर निवासी अब्दुल सत्तार, लोहाखान निवासी मुमताज, शोरग्रान मौहल्ला निवासी सलीमुद्दीन, कैलाशपुरी निवासी विजय, प्रतापनगर लोहाखान निवासी नागेन्द्र सिंह, फकीराखेड़ा निवासी हमीद, पीलीखान नई बस्ती निवासी असलम, मधुबन कॉलोनी नाका मदार निवासी जगदीप सिंह और नई बस्ती रामगंज निवासी विरेन्द्र सिंह शामिल है।
सूनसान में था कमरा
सांखला ने कहा कि एकता नगर में जहां जुए की फड़ चल रही थी वहां सूनसान ईलाका है और आस-पास घना अंधेरा रहता है। यहां हालांकि घेराबंदी करके दबिश दी गई लेकिन कई जुआरी भागने में कामयाब हो गए। जुआरियों के दुपहिया व चौपहिया वाहन भी जप्त किए गए हैं। कार्रवाई करने के बाद रामगंज थाना पुलिस को सूचित किया गया और सभी के खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई करवाई गई।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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25-12-2018
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जल्द से जल्द स्मार्ट सिटी के कार्य करवाना और पर्यटन को बढ़ावा देना रहेगी प्राथमिकता- विश्वमोहन शर्मा









जिला कलक्टर शर्मा जिले को प्रदेश में अग्रणी बनाने का भी करेंगे प्रयास
नवीन वैष्णव अजमेर
राजस्थान में सरकार बदलते ही प्रशासनिक पदों पर भी फेरबदल शुरू हो गया है। अजमेर को विश्व मोहन शर्मा के रूप में सरकार ने नया कलक्टर प्रदान किया है। शर्मा वर्तमान में श्रम एवं रोजगार विभाग के संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। शर्मा ने आज रात्रि में ही पदभार ग्रहण करने की बात कही।
उन्होंने बातचीत में कहा कि अजमेर को स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है ऐसे में वह जल्द से जल्द स्मार्ट सिटी के कार्यों को पूरा करवाएंगे। अजमेर में जो पर्यटन स्थल हैं उन्हें ओर अधिक विकसित करवाएंगे जिससे कि पर्यटकों की आवक बढ़े। ख्वाजा साहब की दरगाह और तीर्थ नगरी पुष्कर के विकास के लिए भी पूरा ध्यान देंगे। इसके साथ ही सरकार की जो भी योजनाएं होंगी उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करवाकर आमजन को इसका फायदा पहुंचाने का उनका प्रयास रहेगा।
श्रमिकों को नहीं आएगी परेशानी
शर्मा ने कहा कि श्रम एवं रोजगार विभाग के संयुक्त सचिव रहे हैं तो वह अजमेर जिले के श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन करवाकर लाभार्थियों को लाभ दिलवाएंगे। इसमें पूरी पारदर्शिता भी बरती जाएगी। किसी भी श्रमिक को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसकी भी व्यवस्था करवाई जाएगी।
अधिकांश समय जयपुर में बीता
1978 में झारखण्ड के धनबाद में जन्में विश्व मोहन शर्मा अब तक कई पदों का बखूबी निर्वहन कर चुके हैं। सर्वप्रथम उन्होंने पाली के एसडीएम, इसके बाद झालावाड़ में जिला परिषद के सीईओ, राजस्थान सरकार के वित्त विभाग के संयुक्त सचिव, तेरह महिने तक जैसलमेर कलक्टर भी रह चुके हैं। वर्ष 2016 में वापस जयपुर आ गए और जलदाय विभाग के संयुक्त सचिव रहे, यहां से उन्हें हाऊसिंग बोर्ड का सचिव बनाकर भेजा गया। वहीं वर्ष 2017 से अब तक वह श्रम एवं रोजगार विभाग के संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत थे। अधिकांश समय उनका जयपुर में ही बीता।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Wednesday 17 October 2018

आचार संहिता में बदले श्रीनगर ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कलक्टर को भी नहीं दी जानकारी


नवीन वैष्णव @अजमेर Exclusive
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लग गई है। आचार संहिता में भी अजमेर के स्वास्थ्य विभाग में बीसीएमओ स्तर के अधिकारी भी बदले जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को आदेश जारी कर बीसीएमओ का सम्पूर्ण चार्ज अन्य चिकित्साधिकारी को सौंपा गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के सोनी ने मंगलवार  16 अक्टूबर को श्रीनगर के ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का चार्ज डॉ अशोक कालरा से लेकर डॉ प्रफुल्ल को सौंपने के आदेश जारी किए। यह आदेश आचार संहिता में जारी किए जाने से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे आचार संहिता में जब सभी पद बदलने पर निर्वाचन की ओर से रोक लगाई है, ऐसे समय में पदभार क्यों दुसरे चिकित्साधिकारी को सौंपा गया। खास बात यह भी है कि जिला कलक्टर व निर्वाचन अधिकारी को भी इस आदेश को जारी करने से पहले अवगत तक नहीं करवाया गया।
नियमों के तहत है
सीएमएचओ डॉ के के सोनी ने कहा कि आचार संहिता लगी हुई है लेकिन उन्होंने कोई तबादला नहीं किया है। पूर्व में बीसीएमओ का पद रिक्त था जो गगवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कालरा को अतिरिक्त चार्ज दे रखा था। गगवाना भेजकर फाईलें हस्ताक्षर करवानी पडती थी। इससे परेशानी होती थी, इसलिए यह चार्ज श्रीनगर के ही चिकित्साधिकारी डॉ प्रफुल्ल को सौंप दिया है। उन्होंने भी माना कि जिला कलक्टर को इससे अवगत नहीं करवाया गया।
जांच के बाद कुछ कहना संभव
जिला कलक्टर आरती डोगरा से जब उक्त आदेश के संबंध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी आदेश की उन्हें जानकारी नहीं है। आज कार्यालय का अवकाश था तो जांच की प्रक्रिया नहीं हो सकी। गुरूवार को जांच की जाएगी और यदि खामी मिलती है तो नियमानुसार कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
ये आदेश हुए थे जारी
निर्वाचन विभाग की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने आचार संहिता लगने के बाद यह आदेश जारी किए थे कि कोई भी तबादला नहीं होगा और यदि किसी का तबादला हो गया और उसने कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो वह दुसरे स्थान पर पदभार ग्रहण भी नहीं करेगा। वहीं बुधवार को जिला कलक्टर आरती डोगरा ने मुख्यालय छोड़ने या कार्यमुक्त होने पर भी प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। यदि किसी को विशेष परिस्थिति में छोड़ना पड़े तो स्वीकृति जिला मुख्यालय पर जिला कलक्टर और उपखण्ड मुख्यालय पर उपखण्ड अधिकारी ही प्रदान करेंगे अन्य किसी के पास यह अधिकार नहीं रहेगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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17-10-2018
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Saturday 13 October 2018

तीर्थ नगरी में नशे की खेप के साथ तस्कर गिरफ्तार, लाखों की कीमत का है नशे का सामान


चप्पल के सोल में छिपाकर लाई गई थी नशे की खेप
नवीन वैष्णव@ अजमेर
तीर्थ नगरी पुष्कर की थाना पुलिस को नशे की खेप की सप्लाई देने आए तस्कर को दबोचने में कामयाबी मिली है। तस्कर के कब्जे से लगभग 200 ग्राम नशीला पदार्थ जप्त किया गया है जिसकी कीमत लाखों में है।
पुष्कर थाने के उपनिरीक्षक भंवरराम डूकिया ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि मंदसौर का शातिर तस्कर पुष्कर में माल की डिलीवरी देने आ रहा है। इस पर उन्होंने जाल बिछाकर तस्कर को देवनगर रोड़ से दबोचा। उसे हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई तो उसने तीर्थनगरी में स्नान करने के लिए आना बताया। काफी समय तक वह पुलिस को गुमराह करता रहा। बाद में जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने चप्पल के सोल में नशे का सामान छिपा होना कबूला। पुलिस की टीम ने जब चप्पल का सोल हटाया तो उसमें स्मैक और दो अन्य तरह के पाउडर मिले। डूकिया ने कहा कि तस्कर मंदसौर का रहने वाला 28 वर्षीय मंगल सुथार है। उसके कब्जे से 45 ग्राम स्मैक, 38 ग्राम सफेद और 98 ग्राम ब्राउन पाउडर जप्त किया गया है। इसकी कीमत लाखों में है। पकड़े गए तस्कर से माल की डिलीवरी लेने वाले और मुख्य तस्कर के बारे में पूछताछ की जा रही है।
तीर्थनगरी बनी नशे का ट्रांजिट पाइंट
पिछले कुछ सालों से तीर्थनगरी पुष्कर नशे का ट्रांजिट पाइंट बन गई है। यहां आने वाले विदेशी सैलानी नशे का सैवन करते हैं। इन्हें मनमांगे दामों पर नशा उपलब्ध करवाया जाता है। मोटा मुनाफा कमाने के लिए कई लोगों ने यह काम शुरू कर दिया है। विदेशियों को देखकर स्थानीय युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं जो कि खतरनाक है। पुलिस को चाहिए कि नशे की सप्लाई करने वाले स्थानीय लोगों पर भी कार्रवाई करे जिससे कि तीर्थनगरी के युवा नशे की लत से दुर रहे और यहां की पवित्रता भी बनी रहे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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13-10-2018
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Monday 1 October 2018

पुरूष नसबंदी हुई फेल तो पति ने पत्नी के चरित्र पर किया संदेह, चिकित्साधिकारियों पर भ्रूण हत्या के दबाव का आरोप

नवीन वैष्णव@ अजमेर
अजमेर शहर में रहने वाले दम्पति के जीवन में इन दिनों भूचाल सा आया हुआ है। दरअसल पति द्वारा करवाई गई नसबंदी किसी कारणवश फेल हो गई और पत्नी गर्भवती हो गई। इससे पति को पत्नी के चरित्र पर संदेह हुआ और बात बिगड़ती चली गई। अब दम्पति चिकित्साधिकारियों पर भ्रूण हत्या के लिए दबाव डालने का आरोप जड़ रहे हैं।
अजमेर निवासी सीमा (बदला हुआ नाम) जो कि सरकारी विभाग की कर्मचारी है। सीमा के पति रमेश (बदला हुआ नाम) ने 2 दिसम्बर 2016 को परिवार सेवा के जरिए नसबंदी करवाई। सब कुछ सही चल रहा था लेकिन लगभग चार माह पहले सीमा गर्भवती हो गई। इसके साथ ही इनके परिवार में बवण्डर खड़ा हो गया। रमेश और उसके परिजनों ने सीमा के चरित्र पर संदेह करना शुरू कर दिया। वहीं अपने स्तर पर इसकी जांच भी करवाई गई जिसमें भी उसके ऑपरेशन को सफल ही बताया गया। इससे रमेश का शक ओर गहरा गया। रमेश की मानें तो स्वास्थ्य संकुल में जाकर इसकी शिकायत दी और सभी जांचे भी प्रस्तुत की लेकिन वहां उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
कलक्टर के फोन पर दिखे गंभीर
सीमा ने बताया कि वह इन सबसे काफी डिप्रेशन में आ गई। उसने जिला कलक्टर आरती डोगरा को भी अपनी आपबीती सुनाई तो उनका दिल पसीजा और उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के सोनी को फोन करके मामला देखने की बात कही तब जाकर चिकित्साधिकारियों की नींद खुली। फिर उन्होंने खुद सरकारी वाहन तक भेज कर उनसे बात की। सीमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि एडिशनल सीएमएचओ डॉ एस एस जोधा और सीएमएचओ के के सोनी उसे गर्भ गिरवाने के लिए दबाव डाल रहे हैं, साथ ही उसे जुर्माना भी दिलवाने की बात कह रहे हैं।
बच्चे को देंगी जन्म
सीमा ने कहा कि जहां एक ओर सरकार भ्रूण हत्या को रोकने के लिए विज्ञापनों पर करोड़ों रूपए खर्च कर रही है वहीं उनके केस में भ्रूण हत्या को चिकित्साधिकारी ही बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नसबंदी करने वाले डॉ भगवान सिंह गहलोत की गलती का ही खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। डॉ गहलोत के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए वह पूरे प्रयास करेंगे। वहीं जिस निजी अस्पताल में वह कार्यरत है, वहां भी धरना देंगे। सीमा ने कहा कि वह अब इस बच्चे को जन्म देंगी और खुद को सही साबित भी करेंगी। जिससे कि परिवार में उपजा विवाद शांत हो सके। सीमा ने जिला कलक्टर आरती डोगरा से डीएनए जांच करवाकर उसे सही साबित करवाने की मांग भी की है।
नकारे सभी आरोप
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के सोनी ने कहा कि महिला उनसे अब तक नहीं मिली है। वह डॉ एस एस जोधा से ही मिल रही है। महिला का पति उनके पास आकर एक बार मिला था लेकिन बाद में उसने कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए। डॉ सोनी ने कहा कि केस फेल हो सकते हैं और इसके केस में भी ऐसा ही हुआ है। दस्तावेज पूरे देने पर 30 हजार रूपए मुआवजे की राशि के लिए विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रूण हत्या के लिए विभाग की ओर से दबाव नहीं डाला जा रहा। केस बिगड़ने पर यदि 4 सप्ताह तक का गर्भ होता है तो नियमानुसार पति-पत्नी की रजामंदी से इसे सरकारी चिकित्सकों द्वारा गिरवाया जा सकता है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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01-10-2018
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Monday 24 September 2018

पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता और पांच ठेकेदारों के खिलाफ होगा मुकदमा दर्ज

भ्रष्ट एसीई महेन्द्र कुमार गुप्ता

मुख्यालय को भेजी गई एफआईआर, ठेकेदारों को भी माना दोषी
नवीन वैष्णव@ अजमेर
अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़े सार्वजनिक निर्माण विभाग के दिग्गज अधिकारी अतिरिक्त मुख्य अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। मामले में एसीबी ने रिश्वत देने वाले ठेकेदारों को भी आरोपी माना है।
अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक कैलाशचन्द्र बिश्नोई ने बताया कि गत 18 सितम्बर को सार्वजनिक निर्माण विभाग के दिग्गज अधिकारी अतिरिक्त मुख्य अभियंता महेन्द्र कुमार गुप्ता को पांच लाख 25 हजार रूपए की बड़ी रकम के साथ उनकी निजी कार में पकड़ा था। उक्त राशि के संबंध में वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे। एसीबी ने जब जांच की तो सामने आया कि पांच अलग-अलग लिफाफों में गुप्ता ने विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों से रिश्वत ही ली थी जिसमें रकम के साथ एक नया मोबाईल भी शामिल था। उन्होंने कहा कि रिश्वत देना और लेना दोनों अपराध है, ऐसे में गुप्ता और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर जयपुर स्थित एसीबी मुख्यालय भिजवाई गई है। स्वीकृति मिलते ही सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
जुलाई के बाद नहीं निकाली राशि
एसीबी एसपी बिश्नोई ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य अभियंता गुप्ता के बैंक खाते की जांच की गई तो यह सामने आया कि गुप्ता ने जुलाई के बाद अपने खाते से कोई राशि नहीं निकाली है। इससे साफ जाहिर होता है कि गुप्ता के पास मिली रकम रिश्वत की ही थी। गुप्ता से पूछताछ भी की गई लेकिन फिलहाल वह कुछ भी नहीं कबूल रहे। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद गुप्ता के सीज किए गए बैंक लॉकर्स व सम्पत्ति की भी जांच की जाएगी।
रिटायरमेंट से पहले जाएंगे जेल!
इसी माह एसीई गुप्ता का रिटायरमेंट भी बताया जा रहा है लेकिन गुप्ता रिटायरमेंट के दिन से पहले जेल भी पहुंच सकते हैं। एसीबी भी पूरा प्रयास कर रही है कि मुख्यालय से अनुमति मिलते ही गुप्ता को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई अमल में लाए।
भूमिगत हुए ठेकेदार
पूर्व में जब गुप्ता को बड़ी रकम के साथ पकड़ा गया तो यह कयास लगाया जा रहा था कि किसी ठेकेदार ने ही रिश्वत लेने की सूचना एसीबी को दी है, लेकिन आज एसपी कैलाश चन्द्र बिश्नोई ने यह भी साफ कर दिया कि सूचना देने वाला ठेकेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 102 बी में तो एसीई गुप्ता के खिलाफ पीसी एक्ट की  धारा 8 और 13 व आईपीसी की 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज होगा।
एसीबी की अपील
अजमेर एसीबी के मुखिया और भ्रष्टाचारियों के दुश्मन कैलाश चंद्र बिश्नोई ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई भी सरकारी नुमाईंदा उनसे काम के बदले रिश्वत मांगता है, तो वह सीधे उन्हें शिकायत दें। इसमें वह बिलकुल भी भयभीत ना हों। ऐसे घूसखोरां को वह सबक सिखा देंगे। जिससे कि कोई ओर घूस लेने से पहले सोचेगा और आम आदमी के काम बिना किसी रूकवाट के पूरे हो सकेंगे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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24-09-2018
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