Wednesday 14 February 2018

सूटेड़-बूटेड़ बदमाश से छह लाख रूपए के गहने बरामद, जीआरपी टीम होगी सम्मानित

File Photo

जीआरपी थाना पुलिस ने ट्रेन के एसी कोच से सोने-चांदी के जेवरात और नगदी उड़ाने वाले बदमाश के कब्जे से छह लाख रूपए का माल बिहार से बरामद कर लिया है। जीआरपी एसपी ने बदमाश के कब्जे से माल रिकवरी करने वाली टीम को सम्मानित करने की भी घोषणा की है।
जीआरपी एसपी सुनिल बिश्नोई ने बताया कि 5 फरवरी को बिहार के पटना खुशरूपुर निवासी नंदकिशोर उर्फ नंदू उर्फ देवेन्द्र और उसके साथी वैशाली निवासी चन्द्रशेखर यादव को हाबड़ा से दबोचा गया था। इसके बाद से यह रिमाण्ड पर चल रहा है। इससे डीएसपी अदिति कांवट ने सख्ती से पूछताछ की तो इसने अपने और साथी के घर में चोरी गया माल छिपाने की बात कबूली। इस पर टीम को बिहार भेजकर आरोपियों के घर से छह लाख रूपए के जेवरात बरामद किए।
बिहार से बरामदगी चुनौतीपूर्ण
बिहार राज्य से इतनी बड़ी बरामदगी करना वाकई चुनौतीपूर्ण है। यहां की पुलिस भी बाहरी पुलिस का कम ही सपोर्ट कर पाती है। कई गांव तो बिहार के ऐसे हैं जहां आज भी पुलिस जाने मात्र से ही डरती है। ऐसे ही बदनाम गांव खुशरूपुर में मास्टरमाईंड नंदू भी निवास करता है । डीएसपी अदिति कांवट बताती है कि उन्होंने नंदू से सख्ती से पूछताछ की और बिहार में उनके गांव की स्थिति पता करवाई, तो सामने आया कि उस गांव के लोग चोरी,लूट डकैती के लिए मशहूर हैं। ऐसे में उससे गांव व घर की पूरी भौगोलिक स्थिति पूछी। सादा वर्दी में टीम को उसके साथ भेजा गया और आरोपी नंदू व उसके साथी राजू दोनों को जरा भी मौका नहीं दिया। सीधा उन्हें घर ले जाकर बताए स्थान से माल बरामद करके तुरंत टीम रवाना हो गई।
टीम को मिलेगा नगद पुरस्कार
एसपी सुनिल बिश्नोई ने कहा कि इस कार्रवाई में डीएसपी अदिति कांवट के नेतृत्व में आबूरोड़ थानाधिकारी दिलीप सिंह सहित पूरी टीम ने सराहनीय कार्य किया। बिहार से बरामदगी करना भी अपने आप में काबिले तारीफ है। इस कार्रवाई के बाद अन्य राज्यों की वारदातें खुलेंगी। कार्रवाई में शामिल पूरी टीम की उन्होंने भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए नगद राशि और प्रशंसा पत्र से सम्मानित करने की बात भी कही।
बिहार और उत्तरप्रदेश की भी खुलेगी वारदातें
मेरा 5 फरवरी को लिखा गया ब्लाॅग पढ़कर कासगंज उत्तरप्रेदश के आरपीएफ थानाधिकारी, पटना के आरपीएफ के अधिकारी का फोन आया और उन्होंने आरोपी के संबंध में जानकारी ली। बाद में उन्होंने मास्टरमाईंड नंदू द्वारा ही वारदातें करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आरोपी के पकड़े जाने से कई वारदातें खुलेगी। इससे पहले आरोपी नंदू कई साल पहले एक गैंग के लिए रैकी करने के मामले में भी जेल जा चुका है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
14-02-2018
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Saturday 10 February 2018

घरेलू हिंसा अधिनियम में अब पुरूषों को मिलेगी राहत, दो माह में होगा निर्णय


अजमेर की अदालत में मजिस्ट्रेट ने घरेलू हिंसा अधिनियम में फैसला देकर पुरूष को राहत प्रदान की है। मजिस्ट्रेट ने इस केस की जल्द से जल्द सुनवाई कर 60 दिन में निर्णय सुनाने का आॅर्डर दिया है।
एडवोकेट जिनेश सोनी ने बताया कि उनका पक्षकार अजय (परिवर्तित नाम) नेशनल इंश्योरेंस में काम करता है। अजय की ढ़ाई साल पहले उसी विभाग में काम करने वाली सुनिता (परिवर्तित नाम) से शादी हुई थी। शादी में दोनों के परिवार वालों ने रजामंदी देते हुए हिन्दु रीति रिवाज से विवाह करवाया था। सोनी ने कहा कि अजय व सुनिता छह माह तक दोनों साथ रहे जिसमें आए दिन विवाद होता रहता था। छह माह बाद सुनिता उसे छोड़कर चली गई और उससे तलाक देने की बात कही। जब अजय ने तलाक देने से इंकार कर दिया तो  उसके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला अदालत में पेश किया। एडवोकेट सोनी बताते हैं कि उन्होंने अजय की ओर अदालत को बताया कि सुनिता को उससे तलाक चाहिए। उसके द्वारा लगाए गए सारे आरोप तथ्यहीन है, इसके सबूत भी उनके पास है लेकिन वह वर्तमान में अहमदाबाद में नौकरी कर रहा है। वहां से आने जाने में उसे बेहद परेशानी होती है। ऐसे में घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 (4) के तहत जल्द से जल्द सुनवाई कर निर्णय सुनाने की मांग की।
महिला-पुरूष है समान
एडवोकेट जिनेश सोनी बताते हैं कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 (4) के तहत पूर्व में केवल महिला को ही अर्जी लगाने का अधिकार था। उन्होंने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट संख्या 3 के मजिस्ट अनूप कुमार के समक्ष महिला और पुरूष के समान अधिकार होने की बात पर जोर दिया और कहा कि जो फैसला पांच-छह साल बाद होगा यदि वही फैसला जल्दी हो जाएगा तो उनके पक्षकार अजय की नौकरी में भी कोई बाधा नहीं होगी साथ ही उसका खर्च भी कम हो जाएगा। सोनी ने कहा कि जेएम-3 अनूप कुमार ने उनकी बहस को सही मानते हुए इसकी जल्द सुनवाई करके साठ दिन में निर्णय का फैसला जारी किया है। इससे उनके पक्षकार के साथ ही अन्य पीड़ित पुरूषों को भी राहत मिल सकेगी।
केसों की भरमार
वर्तमान में अदालतों में घरेलू हिंसा अधिनियम के केसों की भरमार है। पति-पत्नी के बीच हुए विवाद के बाद घरेलू हिंसा अधिनियम, दहेज प्रताड़ना सहित अन्य केस किए जाते हैं। इन केसों में से अधिकांश में राजीनामा हो जाता है और कुछ प्रकरण ऐसे होते हैं जिनमें सजा होती है। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के फैसले से मामले जल्दी हल हो सकेंगे और दोनों ही पक्षों को अदालत के अधिक चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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10-02-2018
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Monday 5 February 2018

सूटेड-बूटेड होकर ट्रेन के एसी कोच से माल उड़ाने वाले शातिर सहित दो गिरफ्तार

अजमेर जीआरपी पुलिस ने एसी कोच में यात्री बनकर दुसरे यात्रियों का माल उड़ाने वाले शातिर अन्र्तराज्यीय आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी को पकड़ने में जीआरपी की टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। अब राजस्थान के अलावा कई राज्यों की वारदातों का खुलासा हो सकता है।
जीआरपी पुलिस अधीक्षक सुनिल बिश्नोई ने बताया कि गत वर्ष आबूरोड़ थाना क्षेत्र में ट्रेन के एसी कोच से यात्री के लगभग पांच लाख रूपए के गहने चोरी हुए थे। मामले में गहनता से जांच की तो सामने आया कि फर्जी नम्बर के आधार पर बिहार निवासी एक शख्स एसी कोच में रिजर्वेशन करवाता है और माल उड़ाकर रफूचक्कर हो जाता है। इस पर बिहार में जाल बिछाया गया लेकिन शातिर आरोपी जाल में नहीं फंसा। जीआरपी की टीम भी लगातार आरोपी पर नजरें गड़ाए रही। तीन दिन बाद जब उसने रिजर्वेशन करवाया और ट्रेन के एसी कोच मे आकर बैठा तो जीआरपी की टीम भी उसी कोच में चढ़ गई। टीम ने वारदात अंजाम देने से पहले आरोपी को हिरासत में लिया और आबूरोड़ ले आई। यहां पर उसने वारदातें अंजाम देना कबूला।
यूं देता वारदात अंजाम
जीआरपी एसपी सुनिल बिश्नोई की मानें तो शातिर अपराधी नंदकिशोर उर्फ नंदू उर्फ देवेन्द्र उर्फ दिनेश है जो कि बिहार में पटना जिले के खुशरूपुर का रहने वाला है। नंदू की उम्र 61 वर्ष है और दिखने में सभ्य परिवार से लगता है और रहन सहन का स्टाईल भी काफी हाई फाई है। ऐसे में कोई भी उस पर शक नहीं कर सकता। आरोपी नंदू रात होने का इंतजार करता है और जैसे ही यात्री नींद ले रहे होते हैं तो वह उनका बैग, अटैची उठाकर बाथरूम में ले जाता है और कटर, पेचकस सहित अन्य औजार के माध्यम से खोलकर उसमें रखे जेवरात व नगदी चुराकर वापस वहीं लाकर रख देता है। यदि कभी किसी को चोरी का पता लग जाता है तो हमदर्दी भी दिखाता है।
इलेक्ट्राॅनिक्स आईटम्स से तौबा
शातिर आरोपी नंदू कभी भी इलेक्ट्राॅनिक्स आईटम नहीं चुराता है। उसे पता है कि इनके जरिए आसानी से ट्रेस किया जा सकता है तो वह कभी भी मोबाईल, लैपटाॅप, आईपैड या ऐसे इलेक्ट्राॅनिक्स सामान नहीं चुराता। उसने पुलिस को पूछताछ में भी बताया कि उसका ध्यान केवल मात्र जेवरात व नगदी पर होता था। वह सामने वाले के हाव भाव से ही भांप जाता था कि इसमें माल है।
इंजीनियर के मोबाईल नम्बर का प्रयोग
एसपी सुनिल बिश्नोई ने बताया कि आरोपी नंदू बिहार के इंजीनियर का नम्बर अपना रिजर्वेशन करवाने में काम में लेता था। इंजीनियर के पास पांच फोन होने के कारण कभी इस पर ध्यान भी नहीं दिया। जब जीआरपी सीओ डीएसपी अदिति कांवट ने सम्पर्क साधा तो इंजीनियर ने पूरी मदद की और जैसे ही आरोपी नंदू ने हाबड़ा से पटना का रिजर्वेशन करवाया इसकी पूरी सूचना जीआरपी को दी। इसके बाद आरोपी को दबोचा गया। एसपी बिश्नोई ने बताया कि टीम वृताधिकारी अदिति कांवट के नेतृत्व में आबूरोड़ थानाधिकारी दिलीप सिंह, हैड काॅन्सटेबल चन्द्रपकाश सहित अन्य लोग मौजूद थे। एसपी बिश्नोई ने कहा कि माल बरामद होने पर पूरी टीम को सम्मानित किया जाएगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
05-02-2018
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Thursday 1 February 2018

कहीं यह ट्रेलर तो नहीं है, भाजपा ले सबक

उपचुनाव की तीनों सीटों पर भाजपा की करारी हार, कांग्रेस में आई जान
प्रसिद्ध डाॅयलाग यह तो ट्रेलर था, पिक्चर अभी बाकि है मेरे दोस्त। यह डाॅयलाग राजस्थान में तीन सीटों पर हुए उपचुनाव पर चरितार्थ होता नजर आ रहा है। जनता ने भाजपा को तीनों सीटों पर करारी शिकस्त देकर कांग्रेस के सिर पर जीत का सेहरा बांधा है। इन तीनों सीटों पर हुए उपचुनाव में जो जनादेश आया है वो वाकई चैंकाने वाला है। सत्ताधारी पार्टी ने इस उपचुनाव में पूरी जान फूंक दी थी। अजमेर हो, अलवर हो या फिर माण्डलगढ़ हो सभी जगह भाजपा के मंत्री और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने डेरा डाल रखा था, इसके बावजूद भी जनता ने उन्हें नकारते हुए कांग्रेस को चुना है। अजमेर में जहां कांग्रेस प्रत्याशी रघु शर्मा ने रामस्वरूप लाम्बा को 84238 मतों से, अलवर में डाॅ करण सिंह यादव ने जसवंत सिंह यादव को 1,96,494 मतों से और माण्डलगढ़ विधानसभा में विवेक धाकड़ ने शक्ति सिंह हाड़ा को 12,974 मतों से मात दी है।
भाजपाईयों के मुरझाए चेहरे
इस उपचुनाव के परिणाम के बाद घमण्ड में रहने वाले भाजपा नेताओं के चेहरे भी मुरझाए हुए नजर आ रहे हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी भी जब प्रेस काॅन्फ्रेंस करने आए तो उनके चेहरे की भी हवाईयां उड़ी हुई थी। उन्होंने हार तो स्वीकार की लेकिन कारण नहीं बता पाए। वहीं दुसरे नेताओं का भी यही हाल है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तो सामने ही नहीं आई। उन्होंने ट्विटर के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जनादेश सिर आंखों पर है। वह जनता के लिए हमेशा काम करती रहेंगी।
घमण्ड तोड़ा है जनता ने
पीसीसी चीफ के चेहरे पर जो खुशी की लहर आज दिखाई दी वह इससे पहले 2009 के चुनावों की जीत के बाद दिखाई दी थी। पायलट आज फूले नहीं समां रहे। उन्होंने इस जीत पर मीडिया को कहा कि कांग्रेस हमेशा जनता को गणेश मानकर पूजती है। जुमलों से भाजपा सत्ता में आ गई लेकिन आज उसी जनता ने वापस भाजपा को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा से ही लोगों को तोड़ने का काम किया है। इस चुनाव से पहले भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अलग-अलग समाज से मिलकर बांटने की कोशिश की लेकिन समझदार जनता ने उन्हें सबक सिखाया है। पायलट ने इस हार के लिए मुख्यमंत्री राजे को इस्तीफा देने की बात भी कही।
आखिर हार तो तय थी
भाजपा की हार तो मानो तय ही थी। इसका कारण यह है कि हर कोई तो भाजपा सरकार से रूठा हुआ था। बात नोटबंदी की हो, जीएसटी की हो, कर्मचारियों के वेतन आयोग व अन्य भत्तों की हो, डाॅक्टर्स हड़ताल हो, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांगे हो, बेरोजगार संघ का आंदोलन हो, आनंदपाल एनकाउंटर मामला हो या फिर पद्मावत फिल्म हो। हर कोई भाजपा से नाराज चल रहा था। राजपूतों ने तो खुले आम भाजपा को वोट नहीं देने का आह्वान किया था। इसी तरह स्कूल क्रांति संघ ने भी घर-घर जाकर भाजपा प्रत्याशी को हराने की अपील की थी। कुछ कर्मचारियों ने बाहर से तो कुछ ने अंदरूनी तरीके से भी भाजपा को हाशिए पर लाने का काम किया।
17 विधानसभाओं में हारी भाजपा
भाजपा की सभी 17 विधानसभाओं में हार हुई है। इतना ही नहीं दूदू क्षेत्र के एक बूथ पर तो भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप लाम्बा को केवल मात्र एक वोट मिला है। इससे भाजपा के प्रति लोगों का रोष साफ झलकता है। अब इन परिणामों के बाद भी यदि भाजपा सबक नहीं लेती है तो आगामी विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव सभी में भाजपा को मुंह की ही खानी होगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
24-12-2017
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