Saturday 8 September 2018

सरकार की वादाखिलाफी से सेवारत डॉक्टर्स खफा, 17 से आंदोलन की राह पर


नवीन वैष्णव अजेर
राजस्थान सरकार की वादाखिलाफी मरीजों के लिए फिर परेशानी बढ़ा सकती है। सेवारत डॉक्टर्स सरकार की वादाखिलाफी से खासे नाराज हैं। सेवारत डॉक्टर्स ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। यदि सरकार नहीं चेतती तो एक बार फिर प्रदेशस्तरीय आंदोलन होगा।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने बताया कि लगभग नौ माह पहले राज्य सरकार के साथ हुए समझौते पर अब तक कोई अमल नहीं किया गया जिससे संघ के सभी सदस्यों में गहरा रोष व्याप्त है। सरकार हर बार सेवारत चिकित्सकों को केवल मात्र आश्वासन दे रही है जो कि गलत है। इन सबको लेकर संघ के सदस्यों की सहमति से यह निर्णय लिया गया है कि आगामी 17 सितम्बर से पुनः आंदोलन की राह पकड़ी जाएगी और इस बार आर-पार की लड़ाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सेवारत चिकित्सक कभी भी नहीं आंदोलन करना नहीं चाहता लेकिन यह सरकार उन्हें मजबूर कर रही है। चौधरी ने साफ कहा कि पूर्व में भी चिकित्सा मंत्री और मंत्री मण्डलीय उपसमिति से चर्चा की गई लेकिन इसके बाद भी चिकित्सकों की मांगे जस की तस बनी हुई है। चिकित्सकों को खासी परेशानियां भी उठानी पड़ रही है। सरकार अगर 17 सितम्बर तक उनकी मांगे नहीं मानती है तो संघ आंदोलन की राह पर जाएगा। इस बार तब तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा जब तक कि मांगे नहीं मान ली जाती।
दो बार हो चुकी है हड़ताल 
सेवारत चिकित्सक पूर्व में दो बार हड़ताल कर चुके हैं। नवम्बर माह में जहां 8 दिन की हड़ताल हुई थी वहीं दिसम्बर में लगातार 12 दिन की हड़ताल हुई थी। जिससे चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। मरीज बेहाल हो गए थे। इसके बाद सरकार ने वार्ता के लिए बुलवाकर जल्द मांगे पूरी करने का लिखित में भी दिया था। संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने कहा कि चिकित्सक लगभग 9 माह से सरकार की ओर मुंह ताक रहे हैं लेकिन सरकार है कि चिकित्सकों के सब्र का इंतहा ले रही है तो अब चिकित्सक भी पीछे हटने वाले नहीं है। अब मांगे मनवाकर ही दम लेंगे। उन्होंने साफ कहा कि यदि हड़ताल होती है और मरीज परेशान होते हैं तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी ना कि चिकित्सक।
सरकार से अपील
राज्य सरकार को चाहिए कि जिन मांगों पर लिखित में सहमति दी गई है। उन्हें जल्द से जल्द पूरा करे। जिससे कि प्रदेश के मरीजों को इसका खामियाजा नहीं भुगतना पड़े। ऐसा ना हो कि फिर चिकित्सक बेमियादी हड़ताल पर चले जाएं और कुछ मरीजां को अपनी जान भी देनी पड़े।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987, 9351087614
08-09-2018
navinvaishnav5.blogspot.com
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