Friday, 9 June 2017

आईपीएस मोनिका सैन को अदालत में किया तलब, आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी

बहुचर्चित रामकेश मीणा हत्याकाण्ड मामला
अजमेर के बहुचर्चित रामकेश मीणा हत्याकाण्ड में न्यायालय ने जांच अधिकारी आईपीएस मोनिका सैन को आरोपियों को लाभ पहुंचाने की बात कहते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। अगली सुनवाई पर आईपीएस सैन को स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के आदेश न्यायालय ने प्रदान किए हैं।
अजमेर के बहुचर्चित हत्याकाण्ड की शुक्रवार को अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण न्यायालय में सुनवाई हुई। इसमें न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा ने कहा कि जांच अधिकारी आईपीएस मोनिका सैन ने आरोपियों को जान बूझकर लाभ पहुंचाने के लिए एससी एसटी की धारा नहीं जोड़ी और यही कारण रहा कि दो आरोपियों को जमानत पर रिहा भी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उक्त दोनों आरोपी जमानत के काबिल नहीं थे लेकिन मोनिका सैन की लापरवाही के कारण दोनों को जमानत दी गई। विशिष्ट लोक अभियोजक पंकज जैन ने कहा कि न्यायाधीश शर्मा ने आईपीएस मोनिका सैन के कार्य को विधि के विरूद्ध मानते हुए आगामी तारीख पर स्वयं उपस्थित होकर लिखित में स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं साथ ही दोनों आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए हैं। वहीं आरोपीगण के वकील अजय वर्मा ने कहा कि न्यायाधीश ने जमानत पर छोड़े गए दो आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट नियम विरूद्ध जारी किए हैं। इसके लिए हाईकोर्ट की शरण ली जाएगी। उक्त मामले में जब आईपीएस मोनिका सैन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अनुसंधान के दौरान आरोपियों को आईपीसी की धारा 212 का मुल्जिम माना गया। ऐसे में उसकी अधिकतम सजा 5 साल होने के कारण एससी एसटी धारा नहीं जोड़ी गई। यदि दस साल से अधिक की सजा हो तो एससी एसटी की धारा स्वतः जोड़ दी जाती है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
navinvaishnav5.blogspot.com


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