नसीराबाद के सदर थाना क्षेत्र में सिक्ख सेवादारों से मारपीट मामले के पीड़ित शुक्रवार को राज्य अल्पसंख्यक आयोग कार्यालय में पेश हुए। पीड़ितों ने यहां अपने बयानों में पुलिस को भगवान का दर्जा दिया और कहा कि यदि पुलिस नहीं होती तो सेवादारों की जान चली जाती।
अलवर जिले के खैरथल निवासी सिक्ख सेवादार और पुलिस की राज्य अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष पेशी हुई। आयोग के अध्यक्ष जसबीर सिंह और सदस्य मुनव्वर खान ने पीड़ित सेवादारों से अलग से पूछताछ की। जिसमें पीड़ित सेवादारों ने पुलिस की कार्यप्रणाली की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पुलिस के कारण ही उनकी जान बची है। अध्यक्ष जसबीर सिंह ने उनसे पूछा कि कहीं पुलिस के दबाव में आकर तो वह यह बयान नहीं दे रहे तो पीड़ितों ने अपने समाज के प्रतिनिधियों के सामने साफ कहा कि उन पर कोई दबाव नहीं है। पुलिस ने तो मुकदमा दर्ज करते ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें राहत प्रदान की। पूर्व में भी थानाधिकारी लक्ष्मणाराम चैधरी ने उन्हें रिपोर्ट देने की सलाह दी थी लेकिन वह कोर्ट कचहरी के चक्कर में नहीं फंसना चाहते थे, इसलिए बिना रिपोर्ट दिए चले गए।सरदार निर्मल सिंह ने आयोग के समक्ष कहा कि गांव में मामले की नजाकत को देखते हुए पुलिस ने उन्हें बंद करने की जो कार्रवाई की। वह अतिआवश्यक थी, नहीं तो गुस्साए ग्रामीण ओर भी घटना कारित कर सकते थे। पीड़ित सरदार निर्मल सिंह ने फोन पर बताया कि जिस पुलिस ने उन्हें बचाया और त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों को जेल भिजवाया उसके खिलाफ वह कैसे कार्रवाई की मांग करे। स्वयं आयोग अध्यक्ष जसबीर सिंह ने भी बयानों के बाद पुलिस की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि आज सभी पीड़ितों के साथ मण्डल अध्यक्ष सरदार बलवीर सिंह, सरदार जगत सिंह, सरदार सूबा सिंह, सरदार अरविंद सिंह, सरदार काबल सिंह, सरदार सेवा सिंह सहित अन्य कई लोग भी आयोग कार्यालय में उपस्थित हुए थे। सरदार निर्मल सिंह ने कहा कि आरोपियों को सख्त सजा दिलवाने का उद्देश्य यह है कि भविष्य में कोई भी इस तरह की घटना कारित करने से डरें और निर्दोषों पर अत्याचार नहीं हो।
गौरतलब है कि 24 अप्रेल को चंदा मांगने गए सिक्ख सेवादार सरदार निर्मल सिंह, सरदार हरपाल सिंह, कुलदीप सिंह व मंजीत सिंह की गांव चैनपुरा के बाशिंदों ने जमकर पिटाई की थी। इसका विडियो भी बनाकर वायरल कर दिया गया था। इसके बाद 27 मई को मामले में निर्मल सिंह की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर सरपंच रामदेव सिंह, श्रवण सिंह, राजू सिंह, भंवर सिंह, मन्ना सिंह और विजय सिंह रावत को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
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