पूरे प्रदेश में शराबबंदी को लेकर विरोध हो रहा है लेकिन इस विरोध का सरकार पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा। इसके विपरीत सरकार आबकारी विभाग के अधिकारियों पर अधिक से अधिक शराब बेचने के लिए दबाव बना रही है। विभाग के अधिकारियों को एक भी वार्ड शराब की दुकान से अछूता नहीं रहे, इसके भी आदेश दिए गए हैं।
पूर्व विधायक और समाजसेवी गुरूशरण छाबड़ा की मृत्यु के बाद उनकी पुत्रवधु प्रदेश के कई जिलों में शराबबंदी की मांग को बुलंद कर रही है। इस अभियान से कई लोग लेकिन खास तौर पर महिलाएं जुड़ी है। कई स्थानों पर तो महिलाओं ने आक्रामक रूप दिखाते हुए शराब के ठेकों में तोडफोड़ तक कर अपने गुस्से का इजहार किया। यदि बात अजमेर की करें तो यहां भी आनंद नगर क्षेत्र में खोले जा रहे देशी शराब के ठेके को लेकर शुक्रवार को क्षेत्रवासी लामबंद हो गए। क्षेत्रवासियों ने ठेके के बोर्ड को हटाया और वैशालीनगर मुख्य रोड़ पर जाम तक लगा दिया। क्षेत्रवासियों ने साफ कहा कि वह अपनी काॅलोनी में शराब का ठेका नहीं खुलने देंगे। यह आनंद नगर क्षेत्र का ही नहीं बल्कि हर काॅलोनी और मौहल्ले का यही हाल है। कोई भी अपने आस-पास शराब का ठेका नहीं खुलने देना चाहते। ऐसे में ठेका खुले तो कहां खुले यह आबकारी की चिंता बढ़ाने वाला सवाल है। आबकारी के अधिकारी ने कहा कि जनता नहीं चाहती कि शराब की दुकान उनके पास खुले वहीं सरकार उन्हें आदेश देती है कि अधिक से अधिक शराब बिकवाओ। शराब बिकवाने के लिए शराब ठेकेदार का समर्थन करो। ऐसे में वह करे तो क्या करे। अधिकारी ने यह भी कहा कि कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां यदि दुकान नहीं खुलती और वह रिपोर्ट उपर भेजते हैं तो उन पर दबाव बनाया जाता है कि उस क्षेत्र को शराब से वंचित नहीं रखा जाए। सालाना राशि में कुछ कमी करके ठेकेदार को मनाया जाए। अधिकारी ने कहा कि ऐसे में दबाव के चलते शराब ठेकेदारों के आगे मिन्नतें करनी पड़ती है, उन्हें साल भर पूरी तरह से समर्थन देने का आश्वासन दिया जाता है।
अब आप ही बताएं कि कैसे राजस्थान से शराबबंदी हो। आम जनता लाख चाह ले लेकिन जब सरकार राजस्व के लिए शराब की बिक्री को बढ़ाना चाहती है तो इसमें कोई क्या करेगा? अगर जनता भी एक राय होकर ठान लें कि शराब उनके क्षेत्र में नहीं बिकने दी जाएगी तो अवश्य ही राजस्थान में भी शराबबंदी होकर रहेगी। अजमेर के आनंदनगर क्षेत्र के लोगों के विरोध के चलते आबकारी विभाग ने दुकान शिफ्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे साफ जाहिर होता है कि यदि शराबबंदी के लिए एकता दिखाई जाए तो वह दिन दुर नहीं जब राजस्थान सरकार के नहीं चाहते हुए भी यहां शराबबंदी करनी पड़ेगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
Navinvaishnav5.blogspot.com
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