Thursday, 6 April 2017

राजस्थान लोक सेवा आयोग की साख पर सवाल







एलडीसी परीक्षा के ब्लाइंड अभ्यर्थी के साथ किया धोखा!
राजस्थान लोक सेवा आयोग भले ही जल्दी परिणाम घोषित कर या अन्य तकनीकें इस्तेमाल कर देश भर में भले ही वाहवाही बटोरने में सफल हो रहा हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही है। आयोग की गलती के कारण एक अंधा (ब्लाइंड) अभ्यर्थी रोजाना आयोग कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है और हद तो यह है कि कोई भी अधिकारी उसे सीधे मुंह जवाब तक नहीं दे रहा है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित एलडीसी-2013 भर्ती परीक्षा में ब्लाइंड अभ्यर्थी राकेश कुमार जांगिड़ भी शामिल हुए थे। जांगिड़ का रोल नम्बर 181046 था और परीक्षा का सेंटर जयपुर के सीकर रोड़ स्थित गांधी बाल निकेतन आया था। राकेश ने बताया कि सुबह 9 से 12 बजे तक जनरल नाॅलेज और दोपहर 2 से 5 बजे तक जनरल हिन्दी व जनरल इंग्लिश का पेपर हुआ था। दोनों पेपर देकर ओएमआर की कार्बन काॅपी लेकर वह निकल गया था। कुछ समय बाद आरपीएसससी से उसके पास फोन आया और पूछा गया कि उसने परीक्षा दी या नहीं दी। यह सुनकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने परीक्षा देने और इसके साक्ष्य भी उसके पास होने की बात कही। इस पर उसे आरपीएससी कार्यालय बुलवाया गया। जांगिड़ ने बताया कि 20 जनवरी 2017 को आरपीएससी में सचिव के नाम प्रार्थना पत्र दिया और उसके साथ प्रथम व द्वितीय दोनों प्रश्न पत्रों की ओएमआर शीट की कार्बन काॅपी दी। जिसकी रिसिव्ड भी आरपीएससी अधिकारी ने दी और कहा कि परिणाम के बाद उसका परिणाम घोषित किया जाएगा। जांगिड़ ने बताया कि परिणाम जारी हुआ लेकिन परिणाम में उसे अनुपस्थित घोषित किया गया जबकि उसका कट आॅफ के आधार पर सलेक्शन भी हो रहा है। अब वह रोजाना आरपीएएसी अधिकारियों के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई भी सीधे मुंह बात करने को तैयार नहीं। आरपीएससी चैयरमेन ललित के पंवार से भी मुलाकात कर अपनी परिवेदना बताई लेकिन उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को भिजवाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
अदालत का लेंगे सहारा
राकेश जांगिड़ ने कहा कि 7 अप्रेल दस्तावेज सत्यापन की अंतिम तिथि है और उसे आयोग अधिकारी कुछ जवाब नहीं दे रहे। आयोग की गलती का खामियाजा उसे भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में वह न्यायालय की शरण लेगा और अपने सभी दस्तावेज प्रस्तुत कर दोषियों पर कार्रवाई व उसे ज्वाइनिंग दिलवाने की मांग करेगा।
मेरी जानकारी में नहीं
इस संबंध में जब आरपीएससी के अधिकारियों से उनका पक्ष जानना चाहा तो सचिव गिरीराज सिंह कुशवाहा ने कहा कि मैं तो खाना खा रहा हूं। इतने अभ्यर्थी होते हैं किस किस का ध्यान रखे। उपसचिव भगवत सिंह राठौड़ से बात कीजिए। जब उपसचिव राठौड़ को काॅल किया गया तो उन्होंने भी जानकारी नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। वहीं आरपीएससी चैयरमेन ललित के पंवार इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
आयोग कटघरे में
जहां आरपीएससी बड़ी बड़ी सुरक्षा के दावे करती है। इसी बीच अभ्यर्थी की आॅरिजनल ओएमआर शीट गायब होना अपने आप में बड़ी चूक है। यदि इस तरह से ओएमआर शीट तक गायब हो सकती है तो आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजमी है। 
नवीन वैष्णव
(पत्रकार) अजमेर
9252958987
navinvaishnav5.blogspot.com

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