राजस्थान लोक सेवा आयोग की विभिन्न भर्ती परीक्षा में हुई खामियों से अभ्यर्थी ही नहीं हाईकोर्ट भी खफा है। हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार भर्ती परीक्षा-2013 की सुनवाई के दौरान यहां तक टिप्पणी की है कि आरपीएससी परीक्षाएं आयोजित करने के काबिल ही नहीं है।
मंगलवार को हाईकोर्ट में देवेश कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जज के.एस.आहलुवालिया ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि आरपीएससी अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने सचिव से शपथ पत्र मांगते हुए कहा कि ऐसी कोई भर्ती बताए जिसका मामला अदालत में नहीं आया हो या जो बिना किसी विवाद के सम्पन्न हुई हो। जज ने लेखाकार भर्ती मामले में आरपीएससी द्वारा की गई लापरवाही को लेकर पांच लाख रूपए का जुर्माना किया साथ ही चैथी बार परिणाम घोषित करने और एक आॅडिट का प्रश्न भी डिलिट करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने आरपीएससी को अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने की बजाय अपनी साख सुधारकर परीक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने की बात भी कही।
हाईकोर्ट की टिप्पणी से सेकण्ड ग्रेड की बड़ी परीक्षा पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि आरपीएससी इसके लिए पुख्ता बंदोबस्त करने के दावे कर रही है। आरपीएससी को चाहिए कि परीक्षा प्रणाली में सुधार करे और अभ्यर्थियों की आपत्तियों को दरकिनार करने की बजाय उन पर विशेषज्ञों की राय ली जाए, यदि आपत्ति उचित हो तो उस पर अमल किया जाए अन्यथा उसे तर्क के साथ संतुष्ट किया जाए। इससे परीक्षा प्रणाली पर उठ रहे सवालों में खासी कमी आएगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
navinvaishnav5.blogspot.com
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