भान्जी को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले मुंहबोले मामा को उम्रकैद
अजमेर की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति व पोक्सो न्यायालय में चल रहे अधिकांश मामलों में दुष्कर्म की नाबालिग पीड़िताओं के साथ घिनौना कृत्य करने वाले आरोपियों को उम्रकैद की सजा दिलवाई जा रही है। इससे पीड़िताओं को न्याय मिल रहा है। न्यायालय की न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा व विशेष लोक अभियोजक पंकज जैन इसके लिए बधाई के पात्र हैं। आज भी एक आरोपी को न्यायाधीश शर्मा ने कठोर आजीवन कारावास व जुर्माने से दण्डित करने की सजा सुनाई।
अजमेर की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति व पोक्सो न्यायालय की न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा व विशिष्ट लोक अभियोजक पंकज जैन नाबालिग बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले दरिंदो को उम्रकैद की सजा दिलवाकर समाज को एक संदेश दे रहे हैं। गुरूवार को भी एक मुंह बोले मामा की घिनौनी करतूतों पर उसे कठोर आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया गया।
15 माह में फैसला
अमूमन कहा जाता है कि न्यायालय में मामला चलने के बाद काफी समय निकल जाता है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए मात्र 15 माह में इसका फैसला कर दिया गया। विशिष्ट लोक अभियोजक पंकज जैन ने बताया कि 16 फरवरी 2017 को दरगाह थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता की मां ने अदालत में परिवाद दर्ज करवाया जिसमें बताया कि मेहबूब बेग उसका मुंह बोला भाई है। वह उसकी नाबालिग बच्ची का अपहरण कर अपने साथ ले गया है। अदालत के आदेश पर दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने 11 मार्च 2017 को आरोपी मेहबूब बेग को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जैन ने कहा कि मामले में पीड़िता के 164 के बयान दर्ज करवाए गए जिसमें उसने कहा कि अक्सर वह घर में अकेली होती थी और मेहबूब बेग उसके साथ जबरन दुष्कर्म करता और इस बारे में किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी देता। 16 फरवरी को भी वह धमकी देकर अपने साथ रतलाम ले गया और उसे कई अन्य स्थानों पर ले जाकर उसके साथ मर्जी के विरोध दुष्कर्म किया। जैन ने बताया कि मामले में 5 गवाह व 21 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए जिसके आधार पर न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा ने आरोपी मेहबूब बेग को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत कठोर आजीवन कारावास और 1 लाख 21 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
रिश्तों से उठेगा विश्वास
जैन ने कहा कि न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि पीड़िता मेहबूब बेग पर मामा की तरह विश्वास करती थी और मेहबूब बेग ने रिश्तों को कलंकित किया है। यदि ऐसे आरोपी को सजा नहीं दिलवाई गई तो रिश्तों से लोगों का विश्वास उठ जाएगा।
दर्जनों को करवा चुके सजा
न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा व विशिष्ठ लोक अभियोजक पंकज जैन अब तक नाबालिग बच्चियांे से दुष्कर्म के दर्जनों आरोपियों को उम्रकैद और जुर्मान की सजा से दण्डित करवा चुके हैं। उनका उद्देश्य है कि ऐसे लोगों को सजा मिलने से ऐसी घटनाआंे पर अंकुश लग सकेगा और समाज का माहौल अच्छा रहेगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
24-05-2018
navinvaishnav5.blogspot.com
www.facebook.com/Navinvaishnav87
अजमेर की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति व पोक्सो न्यायालय में चल रहे अधिकांश मामलों में दुष्कर्म की नाबालिग पीड़िताओं के साथ घिनौना कृत्य करने वाले आरोपियों को उम्रकैद की सजा दिलवाई जा रही है। इससे पीड़िताओं को न्याय मिल रहा है। न्यायालय की न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा व विशेष लोक अभियोजक पंकज जैन इसके लिए बधाई के पात्र हैं। आज भी एक आरोपी को न्यायाधीश शर्मा ने कठोर आजीवन कारावास व जुर्माने से दण्डित करने की सजा सुनाई।
अजमेर की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति व पोक्सो न्यायालय की न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा व विशिष्ट लोक अभियोजक पंकज जैन नाबालिग बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले दरिंदो को उम्रकैद की सजा दिलवाकर समाज को एक संदेश दे रहे हैं। गुरूवार को भी एक मुंह बोले मामा की घिनौनी करतूतों पर उसे कठोर आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया गया।
15 माह में फैसला
अमूमन कहा जाता है कि न्यायालय में मामला चलने के बाद काफी समय निकल जाता है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए मात्र 15 माह में इसका फैसला कर दिया गया। विशिष्ट लोक अभियोजक पंकज जैन ने बताया कि 16 फरवरी 2017 को दरगाह थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता की मां ने अदालत में परिवाद दर्ज करवाया जिसमें बताया कि मेहबूब बेग उसका मुंह बोला भाई है। वह उसकी नाबालिग बच्ची का अपहरण कर अपने साथ ले गया है। अदालत के आदेश पर दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने 11 मार्च 2017 को आरोपी मेहबूब बेग को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जैन ने कहा कि मामले में पीड़िता के 164 के बयान दर्ज करवाए गए जिसमें उसने कहा कि अक्सर वह घर में अकेली होती थी और मेहबूब बेग उसके साथ जबरन दुष्कर्म करता और इस बारे में किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी देता। 16 फरवरी को भी वह धमकी देकर अपने साथ रतलाम ले गया और उसे कई अन्य स्थानों पर ले जाकर उसके साथ मर्जी के विरोध दुष्कर्म किया। जैन ने बताया कि मामले में 5 गवाह व 21 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए जिसके आधार पर न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा ने आरोपी मेहबूब बेग को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत कठोर आजीवन कारावास और 1 लाख 21 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
रिश्तों से उठेगा विश्वास
जैन ने कहा कि न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि पीड़िता मेहबूब बेग पर मामा की तरह विश्वास करती थी और मेहबूब बेग ने रिश्तों को कलंकित किया है। यदि ऐसे आरोपी को सजा नहीं दिलवाई गई तो रिश्तों से लोगों का विश्वास उठ जाएगा।
दर्जनों को करवा चुके सजा
न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा व विशिष्ठ लोक अभियोजक पंकज जैन अब तक नाबालिग बच्चियांे से दुष्कर्म के दर्जनों आरोपियों को उम्रकैद और जुर्मान की सजा से दण्डित करवा चुके हैं। उनका उद्देश्य है कि ऐसे लोगों को सजा मिलने से ऐसी घटनाआंे पर अंकुश लग सकेगा और समाज का माहौल अच्छा रहेगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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