Thursday 31 May 2018

कॉलेज छात्रा ने फांसी लगाकर दी जान, सुसाईड़ नोट में परिजनों को प्यार

अजमेर के अलवर गेट थाना क्षेत्र के पालबीचला स्थित शिवचैक में रहने वाले टीकमचंद कच्छावा की 18 वर्षीय बेटी आरती ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। आरती ने बी.ए. फाईनल ईयर की इसी वर्ष परीक्षा दी थी। आरती ने किन परिस्थितियों में फांसी लगाई फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
अलवर गेट थाने के एएसआई दयानंद ने बताया कि पालबीचला स्थित शिवचैक से युवती के फांसी लगाने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचकर हालत की जानकारी ली। कमरे से मृतका का लिखा सुसाईड नोट बरामद हुआ जिसमें उसने मम्मी, पापा, दादा, दादी, भाई के लिए बहुत प्यार करने की बात लिखी और मौत के लिए खुद को जिम्मेदार बताया। अंत में उसने मम्मी-पापा आई लव यू भी लिखा।
परिजन सदमे में
परिजनों की मानें तो आरती हंसमुख स्वभाव की थी और हमेशा सबको खुश रखती थी। वह ऐसा कदम उठा सकती है। इस बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। उसकी मौत की खबर से परिजन ही नहीं बल्कि रिश्तेदार व आस-पड़ोसी भी सदमे में है।
दो जिंदगी होगी रोशन

आरती भले ही अब इस दुनिया में नहीं हो लेकिन उसकी आंखों से दो लोगों की दुनिया रोशन हो सकेगी। आरती के परिजनों ने आई बैंक सोसायटी को आंखे दान करने की रजामंदी दी और इसके बाद आरती के काॅर्निया सोसायटी की टीम ने प्राप्त किए। अब यह काॅर्निया किसी नेत्रहीन की अंधेरी दुनिया को जगमगाहट प्रदान करेंगे। आरती के परिजनों का यह कदम सराहनीय है। आरती की पुण्य आत्मा की शांति के लिए परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करते हैं साथ ही उसके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति भी दे।
आत्महत्या नहीं है अंतिम उपाय
अमूमन देखा जाता है कि स्टूडेंटस यदि परीक्षा में फेल हो गए या फिर कम अंक आए तो वह इससे डिप्रेशन में आकर खुदकुशी कर लेते हैं, या फिर दुसरे लोग अपने मन के मुताबिक कोई काम नहीं होने या जीवन में आ रही परेशानियों को दिल से लगा बैठते हैं और अपनी जान दे देते हैं। क्या आत्महत्या करना ही अंतिम उपाय है? तो इसका उत्तर ना ही होगा। यदि स्टूडेंटस या प्रतियोगी परीक्षा का अभ्यर्थी एक परीक्षा में फेल हो भी गया तो क्या, भविष्य में वह अच्छी मेहनत करके उस परीक्षा को अच्छे अंको से भी पास कर सकेगा। यही बात अगर परेशानियों की करें तो परेशानियां भी खत्म हो सकती हैं लेकिन यह तभी होगा जब आप इन परेशानियों से हार नहीं मानें और डटकर मुकाबला करें।
प्राॅब्लम्स शेयर करें
मेरा इस ब्लाॅग के जरिए यही निवेदन है कि यदि कभी किसी के भी मन में ऐसा करने का एक बार भी विचार आए तो वह पहले अपनी परेशानियों को सोचें। फिर जो भी उनका सबसे खास व्यक्ति हो उससे इन परेशानियों को साझा करें। रिसर्च बताते हैं कि आप ऐसा करके तनाव से थोड़ा मुक्त होंगे और यह विचार भी आपके जहन से निकल जाएगा। आत्महत्या करने का जो विचार होता है वह क्षणिक ही होता है, यदि वह पल टला तो मानों कि आत्महत्या का विचार टल जाएगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
31-05-2018
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