Sunday, 24 December 2017

अजमेर पुलिस ने एक ही दिन में किया दो हत्याओं का पर्दाफाश

पालरा में वृद्धा को मौत के घाट उतारने वाले हत्यारे बापर्दा
ब्यावर निवासी विवेकानंद का हत्यारा
ब्यावर निवासी विवेकानंद का हत्यारा
अजमेर जिले में भले ही वारदातों का ग्राफ नीचे नहीं आया हो लेकिन यहां घटित अधिकांश वारदातों से पर्दा उठ चुका है। रविवार को भी जिला पुलिस ने आदर्श नगर थाना क्षेत्र में हुई वृद्धा की हत्या का पर्दाफाश तो किया ही सेज थाना क्षेत्र में गला रेतकर हुई युवक की हत्या से भी पर्दा हटा दिया और दोनों हत्यारों को भी सेज थाना पुलिस के सुर्पद किया।
जयपुर वेस्ट एडीशनल डीसीपी रतन सिंह ने बताया कि सेज थाना क्षेत्र में रविवार सुबह एक युवक की लाश मिली थी। जिसकी गला रेतकर हत्या की गई थी। युवक की शिनाख्त ब्यावर निवासी विवेकानंद के रूप में हुई थी। इस कार्रवाई की अजमेर जिला पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने हत्यारे हितेश उर्फ काली व विशाल को ब्यावर से दबोच कर सेज थाना पुलिस के सुपुर्द किया। उन्होंने कहा कि हितेश उर्फ काली ने कबूला कि उसके भाई लकी ने तीन साल पहले ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की थी जिसका जिम्मेदार मृतक विवेकानंद था। विवेकानंद ने उसके भाई लकी से तीन-चार लाख रूपए उधार ले रखे थे जो वापस नहीं कर रहा था। इसी डिप्रेशन में उसने ट्रेन के आगे कूदकर जान दी थी। इसके बाद से हितेश रंजिश रखने लगा। उसे जब जानकारी मिली कि विवेकानंद जयपुर गया हुआ है तो वह भी शुक्रवार को जयपुर पहुंच गया और उसे बुलाकर सेज थाना क्षेत्र के सूनसान इलाके में गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को खाई में फेंक दिया। आज ही सुबह विवेकानंद का शव मिला था। हत्यारों को गिरफ्तार करके वारदात में प्रयुक्त कार भी जप्त कर ली गई है।
शव मिलने से पहले दी सूचना
डीसीपी रतन सिंह ने यह भी बताया कि अजमेर पुलिस ने जयपुर पुलिस को शनिवार को यह सूचना भी दी थी कि ब्यावर के युवकों ने किसी की हत्या करके फेंका  है। इस सूचना पर उन्होंने शनिवार को तलाश भी की थी लेकिन इसका सुराग नहीं मिला था।  उन्होंने अजमेर पुलिस और खास तौर पर स्पेशल पुलिस की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
ग्रामीणों के शक ने खोली हत्या की गुत्थी
जिला पुलिस कप्तान राजेन्द्र सिंह ने आदर्श नगर थाना क्षेत्र के पालरा गांव निवासी पांची देवी की हत्या का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मयूर डेकोर फैक्ट्री में काम करने वाले दो श्रमिकों ने ही पांची देवी को मौत के घाट उतारा था। दोनों ने मूली खरीदने के बहाने पांची देवी को बुलवाया था। इसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या की और उसके शरीर पर पहने सारे गहने लूट लिए। बाद में देर रात शव को कट्टे में बांधकर कुएं में फेंका। हत्यारे  उत्तरप्रदेश के दारापुर निवासी समीम अल्वी और इब्राहिम उर्फ कल्लू को फिलहाल बापर्दा रखा गया है। एसपी राजेन्द्र सिंह ने कहा कि इस वारदात को खोलने में स्पेशल पुलिस और आदर्श नगर थाना पुलिस का विशेष सहयोग रहा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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24-12-2017
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Friday, 1 December 2017

साधारण सभा में जमीन पर बैठकर रखी उपमहापौर ने अपनी बात

साधारण सभा में जमीन पर बैठकर अपनी बात रखते उपमहापौर सम्पत सांखला।
महापौर गहलोत ने की बडप्पन की भूरि-भूरि प्रशंसा
अजमेर नगर निगम के उपमहापौर सम्पत सांखला ने साधारण सभा में जमीन पर बैठकर अपनी बात रखी। दरअसल साधारण सभा में महापौर के पास सांखला को बैठाया गया था। सांखला इसी सीट पर बैठकर अपनी बात रख रहे थे तो कांग्रेसी पार्षदों ने इसका विरोध जताया। इस पर सांखला अपनी सीट से उठे और जमीन पर बैठकर अपनी बात रखी।
सांखला ने इस दौरान साफ कहा कि वह जनप्रतिनिधि है, उनकी बात को कोई दबा नहीं सकता है। वह कहीं भी बैठकर अपनी बात कहेंगे। कांग्रेस के पार्षदजन ने उनकी बात को दबाने के लिए यह तरीका अपनाया लेकिन वह तो सड़क पर बैठकर भी जनता के हितों की बात ही रखेंगे।
गर्माया माहौल
सांखला के जमीन पर बैठते ही भाजपाई पार्षद उग्र हो गए। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और सांखला को जमीन से उठने की बात कही। सांखला ने कहा कि जब कांग्रेस के पार्षद चाह रहे हैं तो वह जमीन पर बैठकर ही अपनी बात सदन में रखेंगे। सांखला की बात खत्म होने के बाद महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने इसकी प्रशंसा की और वापस उन्हें अपने पास की कुर्सी पर बैठाया। गहलोत ने मीडिया को भी कहा कि उपमहापौर सम्पत सांखला ने कांगे्रसजन के विरोध को दरकिनार करने की बजाय बड़प्पन का परिचय देते हुए कुर्सी छोड़ दी और जमीन पर ही बैठ गए।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सीवरेज कनेक्शन, पालबीचला क्षेत्र को नो कन्सट्रक्शन जोन से मुक्त करने सहित अन्य विषयों पर नगर निगम की  साधारण सभा बुलाई गई थी जो हंगामेदार रही।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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01-12-2017
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Tuesday, 28 November 2017

तो क्या कांग्रेस देती है अपराधों को बढ़ावा

चार साल पूरे होने पर गृहमंत्री कटारिया ने आंकडे़ प्रस्तुत कर थपथपापीठ


राजस्थान सरकार के चार साल पूरे होने पर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने पुलिस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता बुलाई। इसमें गृहमंत्री कटारिया ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि उनकी सरकार में हमेशा अपराधों में गिरावट आई है जबकि कांग्रेस के शासन में अपराध बढ़े हैं। उन्होंने इसके आंकड़े भी पत्रकारों को उपलब्ध करवाए। कटारिया ने कहा कि जहां वर्ष 2014 में प्रदेश में आईपीसी के 2लाख 10हजार 412 मुकदमे दर्ज हुए थे वहीं वर्ष 2017 में अक्टूबर तक केवल मात्र 1 लाख 45 हजार 947 ही दर्ज हुए हैं। हर वर्ष अपराधों में कमी आई है। महिलाओं से जुड़े अपराधों का आंकड़ा 2014 में 32152 था जो इस वर्ष अब 22 हजार 591 ही है। दलित समुदाय से जुड़े अपराधों में भी भाजपा की सरकार के कारण वर्ष दर वर्ष कमी आई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में यह आंकड़ा 8415 था जो कि अब घटकर वर्ष 2017 में केवल मात्र 4 हजार 345 रह गया है। उन्होंने कहा कि यदि वर्ष 2009 से 2013 की बात की जाए तो इसमें 1लाख 51 हजार 117 से बढ़कर 1 लाख 96 हजार 224 हो गए थे जो कि हर वर्ष लगभग 6 प्रतिशत बढ़ोतरी है।
यह बताए कारण-
कटारिया ने कहा कि अपराधों में नियंत्रण का मुख्य कारण प्रभावी जनसुनवाई, संभागीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों को साथ रखते हुए समीक्षात्मक बैठक, पुलिस मुख्यालय में मासिक समीक्षा बैठक और पुलिस विभाग की ओर से अभय कमाण्ड सेंटर जैसे नवाचार है।
क्या वाकई रूके अपराध?
गृहमंत्री कटारिया ने आंकडे प्रस्तुत कर भले ही  ली हो लेकिन नतीजे कुछ ओर ही है। आज पुलिस में जो परफोरमेंस मेजरमेंट सिस्टम पीएमएस जो चलाया गया है उससे कई मामले तो दर्ज तक नहीं हो पाते। अधिकांश बार यह भी देखा गया है कि अपनी पीएमएस नहीं गिरे इसलिए थानाधिकारी मुकदमा तक दर्ज नहीं करते। यदि किसी उपरी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का फोन आ जाता है तो मजबूरीवश मुकदमा दर्ज किया जाता है। यदि केवल मात्र आंकड़ों की बात की जाए तो इससे यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि अपराधों में कमी आई है।
अजमेर में भी आमजन बैचेन
अजमेर पुलिस को भले ही पीएमएस में 34वां स्थान मिला हो लेकिन पूर्व में यहां पर कानून व्यवस्था बहुत सुदृढ़ चल रही थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में यह देखने को मिला है कि यहां भी अपराधी बेखौफ होकर वारदातें अंजाम दे रहे हैं। शहर में बाईकर्स गैंग तो दिनदहाड़े चैन पर झपट्टा मारकर फरार हो जाती है और बाद में पुलिस नाकाबंदी या सीसीटीवी फुटेज खंगालती है लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग पाता। यही हाल चोरियांे का है। शहर में चोरियां भी लगातार हो रही है। इससे हर कोई अपना घर सूना छोड़ने तक से कतरा रहा है। अजमेर पुलिस को भी चाहिए कि पूर्व की तरह गश्त व्यवस्था को मजबूत किया जाए ना कि टाईगर की सख्ती व टाॅस्क का फायदा उठाकर चांदी कूटी जाए।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Monday, 27 November 2017

आखिर कब रूकेगा बेटियों को ठुकराने का सिलसिला?

अजमेर में फिर पत्थर दिल मां ने नवजात बच्ची को बीमार हालत में छोड़ा


राजस्थान सरकार बालिकाओं के प्रति लोगों की सोच में बदलाव के लिए नित नए अभियान चला रही है। वहीं आईएएस नवीन जैन भी हर संभव कोशिश करके बेटियों को बचाने व लोगों की मानसिकता बदलने में लगे हुए हैं लेकिन अब भी कुछ लोग ऐसे हैं जो ऐसे कुकृत्यों को करने से बाज नहीं आ रहे।
सोमवार को अजमेर के आश्रय स्थल (पालना गृह) में कोई अपनी फूल सी बच्ची को बीमार हालत में छोड़कर चला गया। बच्ची के हाथ में कैनुला भी लगा हुआ था। आवाज सुनते ही बच्ची को तुरंत जेएलएन अस्पताल के शिशु वार्ड में ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने जांच की तो उसकी हालत बेहद गंभीर लगी। बच्ची बिलकुल ठंडी हो रखी थी और उसका वजन भी 2 किलो से कम था जो कि सामान्य बच्चों की तुलना में काफी कम होता है। बच्ची को तुरंत चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाॅफ की टीम ने उपचार दिया। फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि बच्ची खतरे से बाहर है लेकिन आईसीयू में बच्ची को उपचार दिया जा रहा है।
चार दिन की है बच्ची
अस्पताल प्रबंधन की मानें तो बच्ची का जन्म तीन से चार दिन पहले हुआ है और बच्ची बीमार थी। उसका इलाज भी किसी अस्पताल में चल रहा था जिसका संकेत उसके हाथ में लगा कैनुला दे रहा था। हालांकि उसके माता पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं जुटाई जाएगी।
झाड़ियों में फेंकने से बेहतर
कई लोग बच्ची पैदा होने पर उसे झाड़ियों या ऐसी जगह फेंक देते हैं जहां उसका जी पाना भी काफी मुश्किल हो जाता है और अधिकांश बच्चियां तो मौत के मुंह में समां भी जाती है। ऐसे लोगों की तुलना में पालना गृह में छोड़ना फिर भी बेहतर है। इससे बच्ची की जान तो बच ही सकती है साथ ही जिन लोगों को औलाद का सुख नहीं है वह ऐसी बच्चियों को अपना सकते हैं और ऐसे लोगों के घरों में खुशियां आ जाएंगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Friday, 17 November 2017

कोख में बेटियों को बचाने के लिए डेढ़ लाख लोगों ने ली एक साथ शपथ



कोख में बेटियों को बचाने के लिए डाॅटर्स आर प्रीशियस अनोखा अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत शुक्रवार को प्रदेश भर में एक समय पर 773 संस्थाओं में डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने बेटियों को बचाने की शपथ ली। अजमेर में राजकीय कन्या महाविद्यालय में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
वरिष्ठ आईएएस और डाॅटर्स आर प्रीशियस अभियान के मुखिया नवीन जैन ने कोख में पल रही बेटियों को बचाने के लिए डाॅटर्स आॅर प्रीशियस अभियान का आगाज किया। इस अभियान के तहत प्रदेश में 773 संस्थानों में पर एक लाख 60 हजार लोगों ने बेटियों को बचाने की शपथ ली। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में गिरते लिंगानुपात को कम करना है। आईएएस नवीन जैन ने बताया कि बेटियां अनमोल है और हर व्यक्ति को इसका  अहसास होना चाहिए। प्रदेश व प्रदेश से बाहर लिंग परीक्षण के लिए की जा रही कार्रवाईयों का मकदस सिर्फ लोगों को बेटियों का महत्व समझाना और ऐसा घिनौना काम कर रहे लोगों को सजा दिलवाना है।
फेसबुक पर भी धूम
जैन के इस अभियान की फेसबुक पर भी धूम मची हुई है। लाखों की तादाद में लोगों ने डीएपी रक्षक को अपनी प्रोफाईल पर सेट करके संदेश दिया है। हर कोई बेटियों को बचाने के लिए जैन के साथ खड़ा नजर आ रहा है और बेटियों का गर्भ में कत्ल करने वालों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने की बात भी कर रहे हैं।
पाॅवर प्वाइंट से समझाया
आज अभियान के तहत 773 संस्थानों में पाॅवर प्वाइंट के जरिए बेटियों का महत्व समझाया गया। इसमें राजस्थान के सभी जिलों व भारत का लिंगानुपात दिखाया गया साथ ही पीसीपीएनडीटी एक्ट के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इसके बाद सभी स्थानों पर एक साथ शपथ दिलवाई गई।
जयपुरवासी सबसे आगे
आईएएस नवीन जैन ने बताया कि इस अभियान में जयपुर जिले के 140 संस्थानों में 30602 ने, जयपुर संभाग में 131 संस्थानों में 27903, अजमेर संभाग में 63 संस्थानों में 13056, भरतपुर संभाग के 55 संस्थानों में 11909, बीकानेर के 139 संस्थानों में 30971, जोधपुर संभाग के 106 संस्थानों में 21148, कोटा के 60 संस्थानों में 8389 और उदयपुर संभाग के 79 संस्थानों में 14242 ने एक समय पर एक साथ शपथ ली।
दिनांक 17.11.2017
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Wednesday, 15 November 2017

शेव नहीं बनवाई तो उतार दिया मौत के घाट


पुलिस ने 24 घंटे में खोली मर्डर की वारदात, 2 हत्यारे गिरफ्तार
अजमेर की जिला पुलिस पिछले कुछ समय से अच्छा कार्य कर रही है। अपराध जरूर हो रहे हैं लेकिन इनमें पुलिस की ओर से त्वरित कार्रवाई देखने को मिल रही है। मंगलवार को गेगल थाना क्षेत्र के गोड़ियावास में हुई युवक की नृशंस हत्या का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया। युवक की हत्या शेव बनाने के पैसे नहीं देने को लेकर हुए विवाद के चलते करने की बात सामने आई है। पुलिस ने दो हत्यारों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है।
जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि गोड़ियावास गांव की बंद पड़ी पत्थर की खान में पिचैलिया निवासी सांवर सिंह रावत की हत्या की गई थी। इस संबंध में ग्रामीण वृताधिकारी राजेश वर्मा के नेतृत्व में थानाधिकारी नरपतराम सहित अन्य टीम ने सारी जानकारी जुटाई और वारदात का खुलासा कर दो लोगों को दबोच लिया। डीएसपी राजेश वर्मा ने बताया कि हत्या के सभी पहलुओं की गहनता से जांच की गई जिसमें सामने आया कि सांवर सिंह के साथ गोड़ियावास गांव के ही उसके दो दोस्त जय सिंह और रामसिंह उर्फ रामू शराब पी रहे थे। उन्होंने भूड़ोल व गोडियावास गांव के दो ठेकों से लगभग 10 शराब के क्वार्टर व 3 बीयर की बोतलें खरीदी थी। तीनों ने छककर शराब पी और इसके बाद तीनों ने शेव करवाने की सोची। जैसे ही नाई की दुकान के पास पहुंचे तो मृतक सांवर सिंह ने केवल मात्र अपने रूपए देने की बात कही और उन दोनों के रूपए देने से इंकार कर दिया।यह बात दोनों को नागवार गुजरी। दोनों उसे खान में ओर शराब पीने की बात कहकर ले लाए और वहां उसे मौत के घाट उतार दिया। जय सिंह और रामू ने फिलहाल हाथ में पहने जाने वाले कड़े से सिर व आंख पर वार करके हत्या करने की बात कबूली है लेकिन दोनों से पूछताछ की जा रही है।
शातिर है दोनों आरोपी
डीएसपी राजेश वर्मा ने कहा कि दोनों हत्यारों का भले ही कोई पुराना क्राईम रिकाॅर्ड नहीं हो लेकिन जित तरह से वारदात अंजाम दी और घटना का नक्शा बदला उससे काफी शातिर लगते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों हत्यारों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक को नग्न कर दिया, जिससे कि अवैध संबंधों के चलते हत्या करने की सोच कर पुलिस इस दिशा में बढ़े और वह आसानी से बच जाए।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Saturday, 7 October 2017

पांव तुड़वाकर बचे पुलिस कार्रवाई से

घायल गणपत चैहान
गणपत चैहान की अस्पताल की पर्ची जिसमें रात्रि 11.50 बजे भर्ती करवाने का समय है
07 अक्टूबर 2017
आईपीएस मोनिका सैन के नेतृत्व में की गई थी कार्रवाई
अजमेर-पाली सरहद पर शुक्रवार रात्रि 6 अक्टूबर में सहायक पुलिस अधीक्षक
सहायक पुलिस अधीक्षक मोनिका सैन शुक्रवार रात्रि में अपनी टीम के साथ अजमेर-पाली सरहद पर कार्रवाई के लिए पहुंची। यहां पर छक्का दाने से जुआ खेला जा रहा था। टीम ने यहां जुआ खेल रहे लोगों को दबोच लिया। उनके पास मिले रूपए भी टीम ने जप्त कर लिए। इस कार्रवाई के दौरान गणपत चैहान और सहित दो व्यक्ति चोटिल हो गए। गणपत के पांव में ज्यादा चोट लगने के कारण उसे पुलिसकर्मियों ने निजी अस्पताल में भी भर्ती करवाया, जहां इलाज के बाद परिजन गणपत को घर ले गए।
कौन सही- कौन गलत?
इस पूरे मामले में जब आईपीएस सैन से पक्ष जाना गया तो उन्होंने कहा कि वह कार्रवाई के लिए गई थी लेकिन छोटी कार्रवाई होने के कारण ब्यावर सदर थाना पुलिस को कार्रवाई के आदेश देकर लौट आई थी। उन्होंने कहा कि हो सकता है भागने के दौरान कोई चोटिल हुआ हो। इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वहीं जब ब्यावर सदर थानाधिकारी सहदेव सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आईपीएस मेड़म की कार्रवाई थी। थाने से जाप्ता बुलवाया गया। इस पर डीओ डयूटी पर तैनात हैडकाॅन्सटेबल सुरेन्द्र सिंह वहां गया था। सुरेन्द्र सिंह को आईपीएस मेड़म ने 66 हजार 405 रूपए और 7 जुआरी सौंपे और मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसी आधार पर कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि इससे पहले क्या हुआ इसके बारे में आईपीएस मेडम ही जानकारी दे सकती है।

मोनिका सैन ने जुए की फड़ पर दबिश देकर कार्रवाई की थी। यहां पर मौजूद दो लोगों के चोट लग गई और इसी का फायदा देते हुए पुलिस ने  उन्हें मामले से बाहर कर दिया ।
जड़े संगीन आरोप
पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए गणपत चैहान ने कहा कि आईपीएस मोनिका सैन के साथ आई टीम ने उन्हें पकड़ा था।  उसकी जेब से भी 70 हजार रूपए की रकम सिपाहियों ने निकाली थी। गणपत ने कहा कि  पूर्व में उसने तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ बयान दिए थे। इसी रंजिश के चलते उसे कार्रवाई के दौरान धक्का दिया गया जिससे वह गिर गया और चोटिल हो गया। उसने आईपीएस मोनिका सैन को खुद के किड़नी का इलाज चलने की जानकारी दी। इस पर उन्होंने सिपाहियों के जरिए उसे जालियां रोड़ स्थित आनंद मल्टीस्पेशलिटी हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर  पहुंचाया। पुलिसकर्मी उसे यहां छोड़कर रवाना हो गए। इसके बाद उसने अपने परिजनों को सूचना देकर यहां बुलवाया। गणपत ने कहा कि वह इस मामले की शिकायत एसपी और आईजी को भी करेगा।
अब सच क्या है यह तो स्वयं पुलिस ही जानती है लेकिन जुए की कार्रवाई के दौरान गणपत वहां मौजूद था और वहीं पर उसे चोट लगी है। पुलिसकर्मी ही उसे अस्पताल में भर्ती करवाकर गए हैं। यह सीसीटीवी में भी रिकाॅर्ड है। पुलिस ने चोट लगने के कारण ही संभवतया दोनों जुआरियों को छोड़ा है।  अन्य आरोपों के बारे में तो जांच ही स्पष्ट कर सकेगी।

नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Saturday, 23 September 2017

सच्चाई की हुई जीत, रोहन धमीजा गिरफ्तार

अग्रवाल समाज के युवा दम्पति को कार से टक्कर मारकर मौत के घाट उतारने वाले रोहन धमीजा को आखिरकार पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी रोहन धमीजा को न्यायाधीश के समक्ष भी पेश किया।
गत 9 सितम्बर की रात्रि में सावित्री स्कूल के पास शेखर गुप्ता की बाईक को कार ने टक्कर मार दी थी। इससे शेखर गुप्ता और उनकी पत्नी रीना गुप्ता की मौत हो गई थी और उनकी दो बेटियां एश्वर्या व रिद्धिमा हमेशा के लिए अनाथ हो गई। इस मामले में जहां पहले तक पुलिस रोहन को आरोपी ही नहीं मान रही थी वहीं आज आखिरकार पुलिस ने राजीव धमीजा के बेटे रोहन धमीजा को गिरफ्तार कर ही लिया।
उत्तर वृताधिकारी राजेश मीणा ने बताया कि मामले की जांच में भले ही समय लगा हो, लेकिन गहनता से काॅल लोकेशन, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान सहित सभी को देखते हुए रोहन धमीजा को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जिस कुलदीप को ड्राईवर बताया गया था उसकी कोई गिरफ्तारी नहीं की गई थी। उससे केवल मात्र पूछताछ की गई थी।
थाने पर भी चला ड्रामा
रोहन धमीजा की गिरफ्तारी की खबर की जानकारी मिलते ही मीडियाकर्मी थाने पहुंच गए। मीडियाकर्मियों ने थानाधिकारी करण सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मियों से पूछा तो कोई भी इस संबंध में मुंह नहीं खोल रहा था। काफी समय तक मीडियाकर्मी परेशान होते रहे, पुलिस भी उन्हें गुमराह करती रही। पुलिस मीडिया के जाने के बाद आरोपी रोहन धमीजा को अदालत में पेश करने की ठान कर बैठी थी लेकिन मीडिया भी वहीं जमी रही और आखिरकार पुलिस को मीडिया के सामने गिरफ्तारी शो करनी पड़ी।
धमीजा की सफाई
आरोपी रोहन धमीजा के बेटे राजीव धमीजा ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि उसका बेटा पूरी तरह निर्दोष है। घटना के दिन वह घर पर खाना खा रहे थे। इस बारे में पुलिस को भी बताया गया। मामले में मनीष गर्ग की गवाही भी करवाई गई लेकिन पुलिस ने उसे नहीं माना और आज सुबह से रोहन को थाने में बैठाकर रखा व गिरफ्तारी की कार्रवाई की।
एसपी राजेन्द्र सिंह का विशेष योगदान
उक्त पूरे मामले में जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह का विशेष योगदान रहा। जिस दिन मामले को उठाया गया उसी दिन एसपी राजेन्द्र सिंह ने पूरा आश्वासन दिया कि बच्चियों को न्याय दिलवाया जाएगा। भले ही कोई भी रसूखदार हो। वह आरोपी को नहीं बख्शेंगे और मामले की माॅनिटरिंग खुद करेंगे। आज उसी का नतीजा है राजीव धमीजा के बेटे की गिरफ्तारी संभव हो सकी है।
अग्रवाल समाज ने भी दिखाई थी एकता
उक्त मामले में अग्रवाल समाज ने भी एकता का परिचय दिया था और बच्चियों को न्याय दिलवाने के लिए सतत् प्रयासरत रहे। समाज के अध्यक्ष शेलेन्द्र अग्रवाल सहित अन्य नेता नियमित रूप से पुलिस अधिकारियों से सम्पर्क करते रहे और दोषी को सजा दिलवाने की मांग पर अड़े रहे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Saturday, 16 September 2017

दम्पति की सड़क हादसे में मौत मामले में रोहन धमीजा के बयान दर्ज

दिनांक-16.09.2017
प्रत्यक्षदर्शी गवाहों ने की रोहन धमीजा की थाने में पहचान
अजमेर के सिविल लाईन थाना क्षेत्र में दम्पति को टक्कर मारकर मौत के घाट उतारने के मामले में पुलिस ने शनिवार को रोहन धमीजा के बयान दर्ज कर लिए। वहीं प्रत्यक्षदर्शी गवाहों ने भी रोहन धमीजा की थाने में पहचान की और रोहन द्वारा ही दुर्घटनाकारित करने के बयान दर्ज कराए।
सिविल लाईन थानाधिकारी करण सिंह ने कहा कि मेवाड़ हाॅस्पिटल के पास 9 सितम्बर की रात्रि में कार और बाईक की दुर्घटना में शेखर गुप्ता और उनकी पत्नी रीना गुप्ता की मौत हो गई थी। इस मामले में राजीव धमीजा के पुत्र रोहन धमीजा को थाने बुलवाया गया वहीं प्रत्यक्षदर्शी लोगों को भी थाने बुलवाया गया। रोहन ने अपने बयानों में किसी दोस्त की पार्टी में होने की बात कही है जबकि प्रत्यक्षदर्शियों ने रोहन के कार में और अस्पताल में मौजूद होने की बात कही है। थानाधिकारी करण सिंह ने यह भी कहा कि फिलहाल रोहन के बयान लिए गए हैं फिलहाल बयानों में विरोधाभास आ रहा है, वह इसकी जांच कर रहे हैं।
थाने में देख लेने की दी धमकी
प्रत्यक्षदर्शी सलमान ने बताया कि वह उसका दोस्त तनुज जैन, राहुल अमीन और बंटी उर्फ सुमिरन दीप थाने गए थे। वहां पर रोहन धमीजा बैठा हुआ था। सभी ने उसे पहचान लिया और थानाधिकारी को भी इसके बारे में अवगत करवा दिया। सलमान ने कहा कि उसने अपने बयानों में साफ कहा कि रोहन स्वयं कार की स्टेयरिंग पर बैठा हुआ था। इसके बाद उसकी रोहन से झड़प भी हुई थी। सलमान ने बताया कि रोहन धमीजा को उसका दोस्त तनुज जैन इसलिए जानता था क्योंकि पहले सूचना केन्द्र  पर रोहन का कैफे था। उन्होंने यह बात पुलिस को भी बताई है। सलमान ने कहा कि जब उसने बयान दर्ज करवाए तो रोहन की मम्मी उनको खुदा का वास्ता दे रही थी और जब उसने कहा कि रोहन ने ही शेखर गुप्ता की बाईक को टक्कर मारी तो उसे थाने में ही देख लेने की धमकी भी दी गई।
नवीन वैष्णव
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Friday, 15 September 2017

दम्पति को मौत के घाट उतारने वाले को पुलिस का संरक्षण!

अग्रवाल समाज ने एसपी और कलक्टर को ज्ञापन देकर दिया सात दिन का अल्टीमेटम
अजमेर में गत दिनों सड़क हादसे में कार चालक की लापरवाही से मरने वाले दम्पति के मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने से अग्रवाल समाज में गहरा रोष व्याप्त है। समाज के लोगों ने शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन कर अपने रोष का इजहार किया साथ ही जल्द से जल्द आरोपी कार ड्राईवर को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
अग्रवाल समाज के अध्यक्ष शेलेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि गत 9 सितम्बर को तेज गति में आई उड़ीसा नम्बरी कार ने बाईक पर सवार शेखर गुप्ता और उनके परिवार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाईक पर मौजूद शेखर गुप्ता, उनकी पत्नी रीना गुप्ता, बेटियां रिद्धिमा और एश्वर्या गंभीर रूप से घायल हो गई। टक्कर मार कर आरोपी भाग छूटा। सभी को मित्तल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया जहां शेखर और रीना की इलाज के दौरान मौत हो गई। अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में सिविल लाईन थाना पुलिस कार चालक के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उसे संरक्षण दे रही है। उन्होंने यहां तक कहा कि आरोपी कार चालक ऊंचे रसूखों वाला व्यक्ति होने के कारण किसी अन्य व्यक्ति की भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि यदि वास्तविक आरोपी की सात दिन में गिरफ्तारी नहीं की जाती है तो समाज को उग्र आंदोलन पर मजबूर होना पड़ेगा।
केन्द्रीय नेताओं का खास है आरोपी का पिता
मामले की जब पड़ताल की गई तो पुलिस के ही एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टक्कर मारने वाला ऊंचे रसूखदार व्यक्ति का बेटा है। उसके पिता के केन्द्रीय मंत्रियों सहित कई बड़े-बड़े लोगों से सम्पर्क है। इसके चलते कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि उड़ीसा नम्बर की गाड़ी को भी बदलने का प्रयास किया गया था लेकिन किसी कारणवश वह बदली नहीं  जा सकी। पड़ताल में यह भी सामने आया कि आरोपी के पिता ने दुसरे व्यक्ति को खड़ा कर दिया जो अपने सिर इन मौतों की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हो गया है।
दो बेटियां हुई अनाथ
शेखर गुप्ता और उनकी पत्नी रीना गुप्ता की मौत के बाद से बेटी रिद्धिमा और एश्वर्या अनाथ हो गई है। फिलहाल तो उन दोनों का भी मित्तल अस्पताल में इलाज चल रहा है। बेटियों की ओर देखते हुए पुलिस को चाहिए कि भले ही कितना ही बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो। उसके खिलाफ कार्रवाई कर बच्चियों को न्याय दिलवाएं।
आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा
जिला पुलिस कप्तान राजेन्द्र सिंह ने कहा कि भले ही व्यक्ति कितना ही रसूखदार क्यों ना हो। यदि उसने       घटनाकारित की है तो किसी भी सूरत में उसे बख्शा नहीं जाएगा। वह इस मामले की खुद माॅनिटरिंग करेंगे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Wednesday, 13 September 2017

15 मिनट में मुख्य आरोपी को थाने से छोड़ने का मामला पकड़ रहा तूल

यूपीआरएमएस ने मुख्यमंत्री और महानिदेषक के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की रखी मांग
बिजयनगर में रेलवेकर्मियों के साथ मारपीट करने और सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाने वाले मुख्य आरोपी को पुलिस द्वारा पन्द्रह मिनट में थाने लाकर छोड़ने का मामला गर्मा रहा है। बुधवार को उत्तर पष्चिम रेलवे मजदूर संघ ने मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेषक के नाम ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द आरोपी की गिरफ्तारी और थाना पुलिस पर कार्रवाई की मांग की।
उत्तर पष्चिम रेलवे मजदूर संघ के मण्डल अध्यक्ष एस आई जैकब के नेतृत्व में बड़ी संख्या में रेलवेकर्मी जिला कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी कर पुलिस की कार्यप्रणाली पर रोश जताया। जैकब ने कहा कि दो दिन पहले बिजयनगर थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी षिवराज गुर्जर को पकड़ा और थाने लाए, लेकिन उसे मात्र 15 मिनट में छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे आरोपी को छोड़ने से रेलकर्मियों में दहषत का माहौल व्याप्त है। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से उसके हौंसले बुलंद हो रहे हैं और वह अन्य रेलकर्मियों पर भी हमला कर सकता है। जैकब ने कहा कि जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नाम और जिला पुलिस अधीक्षक को पुलिस महानिदेषक अजीत सिंह के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के जरिए आरोपी की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और दोशी पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने साफ कहा कि यदि पुलिस ने उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया तो उन्हें उग्र आंदोलन पर मजबूर होना पड़ेगा।इस दौरान यूपीआरएमएस के अनीश वाजपेई, मुकुंद पाण्डे, के.के. गुप्ता, प्रदीप सिंह, मुकेश, आसिफ सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्य थे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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कोख में पल रहे बच्चों के लिंग की जांच करने वाला डाॅ भावन यादव गिरफ्तार


आरोपी डाॅक्टर की मां के नर्सिंग होम में रूकवाई थी भ्रूण हत्या
राज्य की पीसीएनडीटी टीम ने रामनगर पंचैली चैराहा स्थित के. एस. हाॅस्पिटल में भ्रूण लिंग की जांच करते डाॅक्टर भावन यादव सहित दो को गिरफ्तार किया है। अस्पताल की सोनोग्राफी मषीन भी जप्त की गई है।
सीनियर आईएएस एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मिशन निदेशक नवीन जैन ने बताया कि गत दिनों फाॅयसागर रोड़ स्थित किरण नर्सिंग होम में कन्या भ्रूण के गर्भपात करवाने की जानकारी मिली थी। इस पर गर्भपात को रूकवाया गया। मामले की जब जांच की गई तो सामने आया कि पंचैली चैराहा रामनगर स्थित के. एस. अस्पताल में डाॅ सुषीला यादव का बेटा डाॅ भावन यादव लिंग परीक्षण कर रहा है जबकि वह एमबीबीएस है और उसकी पत्नी रेडियोलाॅजिस्ट है। जानकारी मिलने के बाद टीम ने जाल बिछाकर एक गर्भवती महिला को तैयार किया और उसे 11 सितम्बर को बोगस ग्राहक बनाकर के एस हाॅस्पिटल भेजा। डाॅ भावन यादव ने महिला से पहले दस हजार रूपए मांगे और बुधवार को आने की बात कही। इस पर बुधवार को टीम ने महिला को भेजा। डाॅ यादव ने सोनोग्राफी कर दी और दस हजार रूपए दिए लेकिन मेल नर्स रामरघुनाथ चैधरी ने पांच हजार रूपए ओर देने की बात कही। जैसे ही पांच हजार ओर दिए। इसके बाद टीम ने दबिष देकर आरोपी डाॅ भावन यादव और उनके सहयोगी मेल नर्स राम रघुनाथ चैधरी को गिरफ्तार कर लिया साथ ही सोनोग्राफी मषीन भी जप्त कर ली गई।  टीम में पीआईबी थाने के निरीक्षक उमेष निठरवाल, हैडकाॅन्सटेबल डालचंद, काॅन्सटेबल देवेन्द्र सिंह, षंकर लाल सहित अन्य थे।
जिला समन्वयक राजीव लोचन गुप्ता ने कहा कि जांच में यह सामने आया कि गर्भवती महिलाओं के कोख में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच केएस अस्पताल में होती थी और इसके बाद उन्हें किरण नर्सिंग होम में ले जाकर उनका गर्भपात करवाया जाता था।  यह गौरखधंधा पिछले कई समय से चल रहा था जिसका टीम ने पर्दाफाष कर दिया है।
नवीन वैष्णव,
(पत्रकार), अजमेर
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Sunday, 10 September 2017

वाह री पुलिस! चार थानों के वांटेड को मात्र 15 मिनट में छोड़ दिया


राजनीतिक रसूखातों के चलते नहीं की गई कोई कार्रवाई
अजमेर जिला पुलिस जहां एक ओर स्थायी वारंटियों को पकड़ने में खासी मशक्कत कर रही है वहीं दुसरी ओर चार थानों के वांटेड आरोपी को पुलिस पकड़कर लाती है और केवल मात्र 15 मिनट में उसे बिना कार्रवाई के छोड़ दिया जाता है। हम बात कर रहे हैं बिजयनगर थाना पुलिस की जहां पर शनिवार को रात्रि के अंधेरे में गुलाबपुरा नगर पालिका के चैयरमेन धनराज गुर्जर के भाई शिवराज गुर्जर को लाया गया और पन्द्रह मिनट बाद ही उसे छोड़ भी दिया गया। खास बात तो यह है कि इसकी जानकारी भी जिला पुलिस कप्तान राजेन्द्र सिंह को भी नहीं दी गई।
बिजयनगर में शिवराज गुर्जर और इसके साथियों ने जुलाई माह में रेलकर्मचारियों के साथ मारपीट की थी, रेलवे स्टेशन की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इस मामले में आरपीएफ, जीआरपी और बिजयनगर थाना पुलिस ने शिवराज गुर्जर और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद शिवराज गुर्जर के साथियों की गिरफ्तारियां तो हो गई लेकिन वह अब तक पुलिस की गिरफ्त से दुर चल रहा था। शनिवार को रात्रि में शिवराज गुर्जर को पुलिस की टीम लेकर थाने पहुंची। यहां पर केवल मात्र पन्द्रह मिनट तक शिवराज गुर्जर को रोका गया और फोरी पूछताछ करके छोड़ दिया गया। इस बारे में जब थानाधिकारी प्रभूदयाल से पूछा गया तो उन्होंने पहले यह कहकर टाल दिया कि कोर्ट के आदेश हैं सात साल से कम वाली सजा में आरोपी की गिरफ्तारी आवश्यक नहीं, वहीं इसके बाद उन्होंने कहा कि शिवराज की तबियत खराब हो रही थी। इसके चलते उसे छोड़ दिया गया। बाद में थानाधिकारी प्रभूदयाल ने फोन करके यह भी कहा कि यदि उसे छोड़ते नहीं तो वह थाने में ही मर जाता।
नहीं दी किसी थाने को सूचना
पुलिस के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यदि किसी आरोपी के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमे होते हैं तो उसको पकड़ने के बाद सभी थानों को सूचना दी जाती है। जिससे कि उसके खिलाफ जो मुकदमा है। उससे संबंधित पूछताछ या गिरफ्तारी करनी हो तो कर सकें। इस मामले में किसी भी थाना पुलिस को सूचना नहीं दी गई। इससे साफ जाहिर होता है राजनीतिक रसूखातों का कितना दबाव है।
की जाएगी कार्रवाई
जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह से जब पूरे मामले में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस केस की फाईल संभवतया पुलिस मुख्यालय से सीनियर पुलिस अधिकारी के पास ट्रांसफर कर दी गई है। रविवार होने के कारण पूरी जानकारी नहीं दे सकता। यदि आरोपी को थाने बुलाया गया और वापस छोड़ा गया तो गंभीर है। इसमें जांच करवाकर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी और आरोपी को भी जल्द ही दबोच लिया जाएगा।
आदतन है शिवराज
आरोपी शिवराज ने पहली बार ही सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट नहीं की है। शिवराज ने पूर्व में भी लोकसेवकों के साथ मारपीट की है। जिसमें भी मुकदमे दर्ज किए गए थे। आपको बता दें कि वर्ष 2012 में बिजली चोरी रूकवाने पहुंचे लोकसेवकों के साथ शिवराज गुर्जर सहित अन्य भाईयों ने मारपीट की थी। इस मामले में स्वयं नगरपालिका चैयरमेन धनराज गुर्जर भी आरोपी थे। इसमें चालान भी पेश हो चुका है। वहीं वर्ष 2016 में शिवराज ने रात्रि में अपने साथियों के साथ घुसकर युवतियों व महिलाओं के साथ मारपीट व छेड़छाड़ की थी। इस मामले में गुलाबपुरा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें अन्य की गिरफ्तारी हो गई जबकि शिवराज अब तक फरार है। पीड़िताओं के 164 तक के बयान भी दर्ज हो चुके हैं। वर्तमान में इस मामले की जांच टोंक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवनीश कुमार शर्मा कर रहे हैं।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Thursday, 7 September 2017

नर्सिंग होम संचालिका डाॅ सुशीला यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज

फोन बंद करके अज्ञातवास में चली गई डाॅ यादव
फाॅयसागर रोड़ स्थित किरण नर्सिंग होम संचालिका डाॅ सुशीला यादव के खिलाफ पीबीआई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से डाॅ यादव बिना किसी को बताए फोन बंद करके अज्ञातवास में चली गई है। वहीं चिकित्सा विभाग व पुलिस की टीम कार्रवाई में जुटी हुई है।
पीबीआई थाने के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुवीर सिंह ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ के.के.सोनी ने किरण नर्सिंग होम में लिंग परीक्षण कर अवैध गर्भपात करवाने का अंदेशा जताते हुए रिपोर्ट दी थी। इसके आधार पर संचालिका डाॅ सुशीला यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। नर्सिंग होम से एक सोनोग्राफी मशीन और दस्तावेज भी जप्त किए गए हैं। एएसपी रघुवीर सिंह ने कहा कि सोनोग्राफी के ट्रेकर की जांच करवाई जाएगी, इसके साथ ही दुसरी जांच भी पुलिस की टीम कर रही है। इस संबंध में अस्पताल के स्टाॅफ के भी बयान लिए गए हैं जिसमें भी विरोधाभास सामने आ रहा है।
जांच केन्द्रों से भी लिया रिकाॅर्ड
उक्त मामले में चिकित्सा विभाग की स्टेट टीम ने भी गर्भवती महिला के पास मिली जांच केन्द्रों की सोनोग्राफी के आधार पर उन सभी जांच केन्द्रों का भी रिकाॅर्ड प्राप्त किया है। इसकी भी जांच की जा रही है। इनमें अनियमितता मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
दिन में चार बजे भर्ती हुई थी महिला
नर्सिंग होम में महिला दिन में चार बजे भर्ती की गई थी लेकिन अस्पताल प्रबंधन रात्रि 2 बजे भर्ती होने की बात कह रहा है। स्वयं डाॅ सुशीला यादव ने भी चिकित्सा विभाग की टीम को कहा कि रात्रि में आई, इसलिए उन्हें उसकी जानकारी नहीं दी गई। महिला के दिन में भर्ती होने के सबूत भी चिकित्सा विभाग की टीम को मिल चुके हैं।
रूकवाया था गर्भपात
आपको बता दें कि 3 सितम्बर रविवार को किरण नर्सिंग होम में गर्भ में पल रही कन्या का गर्भपात करवाने की मुझे सूचना मिली थी। इसके बाद सीनियर आईएएस एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मिशन निदेशक नवीन जैन को जानकारी देकर स्थानीय चिकित्सा  विभाग की टीम डाॅ के के सोनी के नेतृत्व में भेजी गई थी और कन्या के गर्भपात को रूकवाया था।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Sunday, 3 September 2017

कन्या भ्रूण हत्या को रोकने में मिली कामयाबी

फाॅयसागर रोड़ स्थित निजी जनाना अस्पताल में होना था गर्भपात, मुकदमा दर्ज कर होगी कार्रवाई
सरकार कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए लाख प्रयास कर रही है लेकिन सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। रविवार को ही अजमेर शहर में एक विवाहिता के गर्भ में पल रही मासूम बच्ची को फाॅयसागर रोड़ स्थित निजी प्रसूति गृह किरण नर्सिंग होम में जन्म से पहले ही मौत के घाट उतारा जाना था। इसकी जानकारी मुझे किसी खास सूत्र ने दी। मैंने इसे गंभीरता से लेते हुए सीनियर आईएएस एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मिशन निदेशक नवीन जैन को सुबह 9 बजे इस गौरखधंधे की जानकारी दी।
आईएएस जैन ने भी इसे गंभीरता से लिया और स्थानीय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ के के सोनी, आरसीएचओ डाॅ रामलाल चैधरी के नेतृत्व में एक टीम किरण नर्सिंग होम पर भेजी। जहां पर पहले से ही मैंने हमारे न्यूज 21 के कैमरामेन शैलेन्द्र कुमार केवट उर्फ सोनू को तैनात कर रखा था। टीम ने भी जाते ही अच्छे से जांच की और सामने आया कि रामगंज निवासी विवाहिता को बिना एंट्री किए रात्रि ढाई बजे से अस्पताल में भर्ती कर रखा था। जब पूछा गया तो अस्पताल प्रबंधन आनाकानी करने लगा। आपको बता दें कि उक्त महिला के पहले से एक बच्ची है और अजमेर के ही एक जांच केन्द्र ने उसकी सोनोग्राफी करके गर्भ में बच्ची होने की जानकारी दी थी। विवाहिता के परिजनों ने किरण नर्सिंग होम प्रबंधन से सांठ-गांठ कर बच्ची को गर्भ में ही मरवाने का प्रयास किया। चिकित्सा विभाग की टीम ने सारी जांच की जिसमें अनियमितता भी उजागर हुई। आईएएस नवीन जैन ने कहा कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन को पाबंद कर दिया गया है साथ ही इसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी जिससे कि भविष्य में इस तरह का घिनौना काम कोई नहीं कर सके। उन्होंने जांच केन्द्र के खिलाफ भी कार्रवाई करवाने की बात कही है। जैन ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पहले है ढ़ाई साल की बेटी
चिकित्साधिकारियों के मुताबिक विवाहिता पहले तो बार बार अपने बयान बदलती रही लेकिन बाद में उसने पूछताछ में बताया कि उसके पहले से ढ़ाई साल की बेटी है और वर्तमान में 21 सप्ताह का गर्भ है। जांच करवाई तो सामने आया कि गर्भ में पल रहा भ्रूण भी कन्या का है। ऐसे में उन्हें दुसरी बेटी नहीं चाहिए थी और यही कारण था कि उन्होंने इस घिनौने काम के बारे में सोचा। इसका खुलासा होने के बाद विवाहिता व उनके परिजन भी ग्लानि प्रकट कर रहे हैं।
पीसीपीएनडीटी टीम भी पहुंची
सूचना मिलते ही पीसीपीएनडीटी टीम भी वहां पर पहुंची और उन्होंने भी विवाहिता व अस्पताल प्रबंधन के बयान दर्ज किए। उक्त टीम ने भी जांच शुरू कर दी है। अस्पताल में दवाओं के संबंध में तो कोई अनियमितता नहीं है इसकी जांच के लिए एडीसी ईश्वर यादव भी पहुंचे। उन्होंने भी गहनता से जांच की लेकिन यादव ने कहा कि ऐसी कोई भी प्रतिबंधित दवा अस्पताल से बरामद नहीं हुई है।
शहर में चल रहा है गौरखधंधा
शहर में अभी भी कई जांच केन्द्र लिंग जांच में सक्रिय है जहां पर मोटी करम लेकर इस तरह के घिनौने काम किए जा रहे हैं। आईएएस नवीन जैन ने कहा कि इस तरह के जांच केन्द्रों पर पैनी नजर रखकर कार्रवाई की जाएगी।
महिला आयोग की अपील
महिला आयोग ने भी मामले में प्रसंज्ञान लिया है। स्थानीय महिला आयोग की सदस्य वनीता जैमन ने चिकित्सा विभाग की त्वरित कार्रवाई के लिए उनकी सराहना की है साथ ही उन्होंने विवाहिता से मिलकर उसके बयान लेने की बात भी कही। जैमन ने महिलाओं से अपील की है कि वह परिवार के दबाव में आकर इस तरह का कदम नहीं उठाएं। बच्चा और बच्ची तो भगवान की देन है। ऐसे में वह परिजनों के इस घिनौने काम में साथ ना दें और महिला आयोग को शिकायत दें।
बेटा-बेटी एक समान
सभी लोगों से मेरा निवेदन है कि बेटा-बेटी सब एक समान है। बेटे की चाहत में गर्भ में पल रही बच्ची की बलि ना दें। हो सकता है जिस बच्ची की आप बली देना चाह रहे हैं वही बच्ची भविष्य में आपका ऐसा नाम रोशन कर दे कि आप खुद कहें कि इतना तो बेटा भी नहीं कर सकता। इस तरह के उदाहरण पूर्व में मेरे सामने भी आए हैं। कई अधिकारी व आमजन भी ऐसे हैं जिनके दो बेटियां है और उसके बाद उन्होंने तीसरी संतान के बारे में सोचा तक भी नहीं। अधिकांश दो बेटियों वाले अपनी संतानों से खुश है और उन्हें बेटे की चाहत तक नहीं है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Friday, 18 August 2017

खुले में शौच करते पकड़ा तो खिलाई हवालात की हवा

क्या नगर निगम अजमेर लेगा इससे सीख
यूं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शौच मुक्त भारत अभियान को लेकर पूरे देश में काम किया जा रहा है। यहां तक कि टाॅयलेट एक प्रेम कथा फिल्म भी बना दी लेकिन अजमेर संभाग में संभवतया पहली ऐसी कार्रवाई हुई है जिसमें खुले में शौच कर रहे 6 लोगों को हवालात की हवा खिलाई गई। इतना ही नहीं उन्हें 10-10 हजार के मुचलके भरकर जमानत पर छोड़ा गया और 15 दिन में शौचालय बनवाने के लिए भी पाबंद किया। एसडीएम करतार सिंह ने कहा कि वह अपने क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त करना चाहते हैं। आज अलसुबह अन्य अधिकारियों के साथ दौरे पर निकले। पीपलूंद और श्रृंगार चंवरी गांव में कुछ लोग खुले में शौच करते मिले। यह नजारा देखकर उन्होंने पुलिस को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। करतार सिंह ने कहा कि पूर्व में भी ग्रामीणों को समझा दिया गया लेकिन कई मानने को तैयार नहीं, ऐसे मे सख्त रूख अपनाया गया है। उन्होंने एक घर की बिजली काटने के भी निर्देश बिजली विभाग को दिए हैं।
क्या जहाजपुर एसडीएम करतार सिंह की कार्रवाई से अजमेर नगर निगम के अधिकारी सीख लेंगे। आज भी अजमेर शहर में कई ऐसे इलाके हैं जहां पर रोजाना सुबह लोग खुले में शौच करते देखे जा सकते हैं। इसके बावजूद भी निगम के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। कुछ स्थान तो ऐसे हैं जहां पर देश विदेश की जनता भी आती है। यह स्थान ख्वाजा साहब दरगाह के पास गंज इलाके का है, जहां पर अब तक निगम पहुंच नहीं पाया है। यहां रहने वाली गंदगी से देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी छवि धूमिल हो रही है। इसी तरह यदि बात करें केसरगंज और उसरीगेट क्षेत्र की तो यहां भी आलम यही है। यदि निगम के अधिकारी चाहें ओर सख्त रूख इख्तियार करे तो सब कुछ संभव हो सकता है। यह तो कुछ ही इलाके गिनाए गए हैं, ओर भी कई इलाके हैं जहां पर निगम के अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है। केवल स्वच्छता अभियान के नारे लगाने मात्र से ही स्वच्छता नहीं रह सकती।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Tuesday, 8 August 2017

अब पुलिसकर्मी नहीं कर सकेंगे आमजन से बदसलूकी

एसपी राजेन्द्र सिंह स्वयं दे रहे विशेष ध्यान, मामला सामने आने पर कार्रवाई
जिले की पुलिस जहां अब पहले से कई गुना ज्यादा मुस्तैद नजर आ रही है वहीं पुलिसकर्मियों का व्यवहार भी बदलने लगा है। अब रात्रि में भी पुलिसकर्मी  किसी को रोकते हैं तो उससे ससम्मान बातचीत की जाती है और उसका नाम पता लिखकर व आईडी देखकर छोड़ दिया जाता है।वहीं यदि अगर किसी ने शराब का सेवन किया हुआ है या फिर नियमानुसार वाहन नहीं चला रहा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

जिले में पुलिस का जो चेहरा इन दिनों सामने आ रहा है हर कोई सोचने पर मजबूर है। क्या यह वही पुलिस है जिसके सामने आने तक से डर लगता था, लेकिन यही पुलिसकर्मी आज पूरी सभ्यता और सम्मान के साथ पेश आ रहे हैं। इसका कारण है जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह की कार्यप्रणाली। राजेन्द्र सिंह ने सभी पुलिस अधिकारियों को साफ तौर पर निर्देशित किया है कि आमजन के साथ किसी भी सूरत में बदसलूकी या असभ्य भाषा का प्रयोग नहीं किया जाए वहीं बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई में भी कोई कसर नहीं छोड़े। एसपी चैधरी ने रोजाना रात्रि गश्त के दौरान अलग-अलग लोकेशन से टाईम सहित फोटो  खींचकर भेजने और रात्रि में रोके जाने वाले लोगों के एड्रेस व मोबाईल नम्बर सहित सूची भी मंगवा रहे हैं। उक्त सूची में से कई लोगों को स्वयं एसपी फोन करके यह पता लगाते हैं कि रात्रि में पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उनसे बातचीत की। कहीं उनके साथ गलत भाषा का तो प्रयोग नहीं किया गया या उनसे किसी तरह के रूपए तो नहीं मांगे गए। मैं सभी आमजन से यह निवेदन करता हूं कि यदि उनके साथ बेवजह कोई भी पुलिसकर्मी या अधिकारी बदसलूकी करता है तो वह एसपी राजेन्द्र सिंह को इसकी शिकायत करे।
शराबियों पर कार्रवाई
रात्रि में गश्त के दौरान सभी पुलिसकर्मियों को एल्कोहल टेस्ट के लिए ब्रेथ एनलाईजर मशीन भी दी गई है जिससे कि शराबियों पर कार्रवाई हो सके। यही कारण है कि आजकल लोग बाहर से शराब पीकर जाने से कतराने लगे हैं या यूं कहें कि शराब पीकर वाहन चलाने से बच रहे हैं।  इन दिनों शहर में भी यह चर्चा आम है कि एसपी के आने के बाद से रात्रि में होने वाले झगड़े, फसाद या अन्य आपराधिक वारदातें भी कम हो रही है। आमलोग  भी शांति से जी पा रहे हैं।
सख्ती नहीं आ रही रास
एसपी राजेन्द्र सिंह की सख्ती कई पुलिस अधिकारियों को रास भी नहीं आ रही है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस अधिकारी जिले से बाहर तबादला करवाने की भी जुगत लगा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि एसपी का सख्त रूख काम पर भी असर डाल रहा ह। कई बार टाॅस्क पूरा करने और नियमों का पालन करने के चक्कर में थानों का काम तक प्रभावित हो जाता है। जब काम प्रभावित हो जाता है तो भी उनके लिए मुसीबत है। कई अधिकारी एसपी के कामकाज से खुश भी हैं। उनका कहना है कि अब बाहरी हस्तक्षेप का सामना नहीं करना पड़ता, जो सही होता है वही कार्रवाई की जाती है। बेवजह दबाव में आकर किसी पर कार्रवाई भी नहीं करनी पड़ती।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Sunday, 30 July 2017

अब थाने, चौकी और पुलिस लाईन होंगे तम्बाकू मुक्त जोन

सार्वजनिक स्थान पर धुम्रपान करने वाले आमजन को भी नहीं बख्शा जाएगा
अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने शराबियों के खिलाफ कार्रवाई कर जहां कीर्तिमान स्थापित किया वहीं अब जिले के सभी थाने, पुलिस चौकी और पुलिस लाईन को तम्बाकू मुक्त घोषित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर धुम्रपान करने वाले आमजन के खिलाफ भी कोटपा की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसा करने के पीछे उनका उद्देश्य तम्बाकू उत्पादों से होने वाली बीमारियों और मौत के बढ़ते ग्राफ में कमी लाना साथ ही युवाओं को भी ऐसे व्यसनों से दूर रहने का संदेश देना है।
जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले वह आॅफिस से घर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान बस स्टेंड के पास एक यातायात पुलिसकर्मी सड़क पर खड़े होकर धुएं के छल्ले उड़ा रहा था। यह नजारा देखकर उन्हें खासा दुख हुआ। उन्होंने कहा कि जब पुलिस ही खुले में धुम्रपान करेगी तो आमजन पर क्या असर होगा? इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि पुलिस लाईन, पुलिस थाना और चौकियों को तम्बाकू मुक्त जोन घोषित करेंगे। जिससे कि आमजन में तम्बाकू से दूर रहने का संदेश जा सके। वहीं पुलिस अधिकारियों को कोटपा के अन्र्तगत सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
थाने में धुम्रपान पर भी कार्रवाई
जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने कहा कि यदि थाने में कोई पुलिसकर्मी या अधिकारी धुम्रपान करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कोटपा की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। किसी भी सूरत में वह थाना, चैकियों और पुलिसलाईन में धुम्रपान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हुक्का बार संचालकों की भी खैर नहीं
एसपी राजेन्द्र सिंह ने कहा कि रविवार को यातायात पुलिसकर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा था। इस दौरान श्वास रोग विशेषज्ञ ने जब हुक्के से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया तो उनके होश फाख्ता हो गए। उन्हें इससे पहले अंदेशा नहीं था कि हुक्का शरीर को इतना नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि अब हुक्का बार शहर में नहीं चलने दिया जाएगा। जिससे कि युवा पीढ़ी इसके व्यसन से बच सके।
दो माह में 3 हजार शराबियों के खिलाफ कार्रवाई
एसपी राजेन्द्र सिंह को अजमेर पुलिस की कमान संभाले लगभग दो माह हुए हैं। इन दो माह में जिले में तीन हजार से अधिक शराबियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष जहां ड्रिंक एंड ड्राईव के 5 हजार 6सौ चालान किए गए थे वहीं इस वर्ष अब तक 7 हजार का आंकडा पार कर लिया गया है।
5100 बदमाश फरार
एसपी राजेन्द्र सिंह की मानें तो राज्य में सबसे अधिक बदमाशों को पकड़ने में अजमेर जिला अग्रणी है। इसके बावजूद भी लगभग 5100 बदमाश फरार चल रहे हैं। इन बदमाशों को पकड़ने के लिए भी पुलिस अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं। बदमाशों को पकड़वाने के लिए वह खुद भी अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं और इसे किसी चैलेंज से कम नहीं मान रहे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Tuesday, 18 July 2017

तो राजपूत बनकर बचाई आईपीएस मोनिका सैन ने अपनी जान

चोट लगने के बाद भी रात भर संभाल रखा था मोर्चा
आनंदपाल एनकाउंटर प्रकरण में 12 जुलाई को सांवरदा में श्रद्धांजली सभा में अचानक हुए उपद्रव में आईपीएस मोनिका सैन को भी भीड़ ने काफी नुकसान पहुंचाया, लेकिन सैन ने जब खुद को राजपूत बताया और बाद में राजपूती कपड़े पहनकर अपनी जान बचाई।
आईपीएस मोनिका सैन ने अपने साथ घटित उस खौफनाक मंजर के बारे में बताया कि शाम को अचानक नागौर जिला पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख को सूचना मिली कि रेलवे भीड़ रेलवे ट्रेक उखाड़ रही है और 8 काॅन्सटेबल को बंदी बना लिया गया है। इनमें से तीन पर कैरोसीन भी छिड़क दिया गया है ओर आग लगाने जा रहे हैं। इस पर एसपी देशमुख ने उन्हें साथ लिया और घटना स्थल की ओर बढ़ गए। उनके साथ दो गनमैन, एक ड्राईवर और एक अन्य हैड काॅन्सटेबल भी था। घटनास्थल से लगभग 800 मीटर दुरी पर ही भीड़ ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। एसपी देशमुख ने बाहर निकलकर भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन भीड़ उन पर भी पिल पड़ी। जैसे-तैसे एसपी देशमुख ने समाज के नेताओं की गाड़ी में शरण ली और अपनी जान बचाई।
गाड़ी पर लाठी और पत्थर बरस रहे थे
आईपीएस मोनिका सैन बताती हैं कि वह मंजर काफी खौफनाक था। हजारों की संख्या में लोग और चारों तरफ से लाठियां व पत्थर बरसाए जा रहे थे। गाड़ी एकाएक पलटने को हुई तो उन्होंने सभी को गाड़ी से उतरने के निर्देश दिए। सभी ने हैलमेट और जैकेट पहन रखा था। इससे काफी बचाव हुआ। भीड़ ने गनमैन की बंदूक छीन ली और सभी के साथ मारपीट शुरू कर दी। उन पर भी डंडे बरसाए गए। उन्होंने अपना हैलमेट हटाकर राजपूत समाज की बेटी होने की बात लोगों से कही। जब लोगों ने देखा कि महिला है तो कुछ को रहम आ गया। उन्होंने उसे जैसे तैसे वहां से बचाकर निकाला। वहां से छिपते छिपाते वह एक घर की ओर गई जहां कुछ महिलाएं खड़ी थी। महिलाओं ने अंदर ले जाकर बैठाया। वहां जाने के बाद ही उन्होंने स्थानीय थाना पुलिस से सम्पर्क किया। लगभग 40 मिनट वह उस घर में रूकी। इसके बाद महिलाओं ने उन्हें राजपूती ड्रेस पहनने की सलाह दी। उन्होंने वर्दी के उपर ही राजपूती ड्रेस डाली और स्थानीय थानाधिकारी के साथ थाने पहुंची। थाने जाते ही एसपी पारिस देशमुख और गनमैन सहित अन्य के बारे में जानकारी ली।
हुडदंगियों पर निकाला गुस्सा
इतना सब होने और खौफनाक मंजर से निकलने के बाद भी मोनिका सैन कहां हार मानने वाली थी। उन्होंने कहा कि थाने में जैसे ही हुडदंगियों को लाया गया तो उन्हें अच्छा खासा सबक सिखाया। इसके बाद पूरी रात वहां की व्यवस्था को देखते रहे और मोर्चा संभाले रखा। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने भी उन्हें आराम करने की सलाह दी लेकिन उन्होंने मामला निपटने के बाद ही चैन की सांस लेने की बात कही। अधिकारियों ने भी उनके इस साहस के लिए बाद में पीठ थपथपाई।
नेताओं पर हो कार्रवाई
आईपीएस सैन ने कहा कि इतनी मात्रा में भीड़ एकत्रित करने वाले राजपूत समाज के नेताओं के खिलाफ अवश्य सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि जिस तरह से माहौल को बिगाड़ा गया और पुलिसकर्मियों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई यह पूरी तरह कानून के खिलाफ है। ऐसे लोगों पर यदि कार्रवाई नहीं होती है तो भविष्य में ऐसे दुसरे लोगों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से पुलिस का मनोबल गिरता है।
सैन की बहादुरी को सलाम
आईपीएस मोनिका सैन ने जिस तरह इस पूरे प्रकरण में भूमिका निभाई और चोटिल होने के बाद भी मोर्चा संभाले रखा। यह वाकई काबिले तारीफ है।  उनकी यह बहादुरी सलाम करने योग्य है। अन्य महिला पुलिस अधिकारियों को भी चाहिए कि वह मोनिका सैन से प्रेरणा लें और हालातों से भागने की बजाय उनका डटकर सामना करे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Saturday, 8 July 2017

हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा पर सवाल, 5 सिम कार्ड जप्त


जेल स्टाॅफ शक के दायरे में!

प्रदेश की हाई सिक्योरिटी जेल जिसमें परिंदा भी पर नहीं मार सकता, इस जेल में शनिवार को पांच मोबाईल सिम मिलने से यहां की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान खड़े हुए हैं। यह पहला मौका है जब हाईसिक्योरिटी जेल से मोबाईल या सिम मिले हों। दरअसल जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने शनिवार को जिला पुलिस के अधिकारियों को हाई सिक्योरिटी जेल का औचक निरीक्षण के निर्देश दिए। अधिकारियों ने जब बारिकी से जेल को खंगाला तो वहां से पांच मोबाईल सिम बरामद हुए। जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने कहा कि जेल में निरीक्षण के दौरान हार्डकोर अपराधी मांगीलाल विश्नोई के कब्जे से तीन और लाॅरेंस के कब्जे से दो मोबाईल सिम बरामद हुए हैं। सिम जप्त कर लिए हैं और सिविल लाईन थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है। निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोलाराम यादव, देवेन्द्र कुमार विश्नोई, डीएसपी राजेश मीणा, ओमप्रकाश मीणा, रामगंज थानाधिकारी अजयकांत रतूड़ी, क्लाॅक टावर थानाधिकारी रमेन्द्र सिंह, सिविल लाईन थानाधिकारी करण सिंह खंगारोत, कोतवाली थानाधिकारी बनवारी लाल मीणा, आदर्श नगर थानाधिकारी नरपत सिंह चारण, क्रिश्चयनगंज थानाधिकारी विजेन्द्र सिंह गिल सहित अन्य मौजूद थे।
लापरवाही तो है ही
एसपी राजेन्द्र सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जेल में जैमर भी है और पुख्ता बंदोबस्त भी है। इसके बावजूद भी यदि सिम कार्ड पहुंचा है तो अवश्य ही लापरवाही रही है। इस संबंध में जांच करवाई जाएगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
हार्डकोर की हरकतें होती है कैद
हार्डकोर अपराधी को पूरे पुख्ता बंदोबस्त के बीच हाई सिक्योरिटी जेल से बाहर निकाला जाता है तो इसकी भी विडियो रिकाॅर्डिंग करवाई जाती है। यानि कि हार्डकोर अपराधियों की हर एक हरकतों को कैद करने के साथ ही नजर भी रखी जाती है। फिर ऐसे में सिम कार्ड जेल के अंदर तक पहुंच पाना तो नामुमकिन सा लगता है।
जेल स्टाॅफ शक के दायरे में
जेल के स्टाॅफ पर अब शक की सुई जा रही है। ऐसे में जेल स्टाॅफ से सघन पूछताछ की जाएगी तो इसका भण्डाफोड हो सकता है कि किसने सिम कार्ड उपलब्ध करवाया। जेल में सिम मिलने के बाद से वैसे भी हडकम्प मचा हुआ है।
सिम कार्ड भी खोलेगी राज
सिम कार्ड को भी जिला पुलिस के एक्सपर्ट को दे दिया गया है जो सिम कार्ड से किन लोगों से बात हुई है और किस फोन में लगाकर उसे इस्तेमाल किया गया था सहित अन्य कई राज से पर्दाफाश करने में जुट गए हैं। फिलहाल दोनों हार्डकोर तो इस संबंध में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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अब नहीं होना होगा अभिभावकों को परेशान

देवनानी ने सभी को साथ बैठाकर बनवाई आम सहमति
अजमेर में स्कूलों में बालवाहिनी योजना को सशक्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के विरोध में चल रहा वैन संचालकों का गतिरोध शनिवार शाम को समाप्त हो गया। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के निवास पर आयोजित बैठक में पुलिस व परिवहन प्रशासन तथा वैन व टैम्पो संचालकों के बीच विभिन्न मुद्दो पर सहमति बन गई। प्रशासन ने वैन के उपर कैरियर लगाने तथा कागजों की कमियों को दूर करने के लिए विशेष शिविर लगाने तथा वैन संचालकों ने एक बार में 12 बच्चे बैठाने तथा अन्य सुरक्षा उपाय अपनाने पर सहमति जताई है।
शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने बताया कि आज हुई बैठक में वैन संचालकों ने अपनी सात सूत्राीय मांगे प्रशासन के समक्ष रखी। इन पर सकारात्मक माहौल में सहमति बनी। वैन संचालकों ने एप्रेन पहनने, एक बार में वैन में 12 से अधिक बच्चे नहीं बैठाने, टैम्पो में 8 बच्चे बैठाने, मान्यता प्राप्त गैस किट का ही उपयोग करने, अग्निशमन यंत्रा लगाने तथा वैन व टैम्पो से टेप व चार्जिंग पाॅइंट हटाने पर सहमति जतायी।     उन्होंने बताया कि पुलिस व परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए कि वैन व टैम्पो संचालकों के दस्तावेजों में बालवाहिनी से संबंधित जो भी कमियां हैं उन्हें अगले सप्ताह रविवार को एक विशेष शिविर आयोजित कर दूर किया जाए। वैन संचालकों को वैन के उपर कैरियर लगाने की भी अनुमति दी गई। इसी तरह अन्य मांगे भी आपसी सहमति से सुलझा ली गई। बैठक में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी विनोद कुमार, पुलिस उप अधीक्षक प्रीति चैधरी, वैन एसोसिएशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
गौरतलब है कि जब से जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चैधरी ने बालवाहिनी योजना को सशक्त करने के लिए अभियान चलाया था। इसके बाद से ही वैन संचालक हडताल पर उतर गए। इससे अभिभावकों को खासा परेशान होना पड़ रहा था।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Friday, 7 July 2017

कमाण्डो सोहन सिंह की सलामती के लिए जगह-जगह प्रार्थना






कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउण्टर में हीरो की भूमिका निभाने वाले कमाण्डो सोहन सिंह की तबियत बिगड़ने की सूचना ने हर किसी को हैरान कर दिया है। सोहन सिंह की सेहतमंदी के लिए मंदिरों में प्रार्थना, मस्जिद और दरगाह में दुआ, गुरूद्वारों में अरदास तो गिरीजाघरों में प्रे की जा रही है। राजस्थान पुलिस के भी लगभग सभी थानों, चैकियांे व कार्यालयों में भी जल्द से जल्द सोहन सिंह के स्वस्थ होने की प्रार्थना हो रही है। अजमेर में भी दरगाह सर्किल के डीएसपी ओमप्रकाश मीणा, दरगाह थानाधिकारी मानवेन्द्र सिंह, गंज थानाधिकारी दिनेश जीवनानी और स्टाॅफ ने सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की पवित्र मजार पर चादर पेश कर कमाण्डों के स्वास्थय लाभ के लिए दुआएं मांगी, तो वहीं ट्रेफिक डिप्टी प्रीति चैधरी ने भी अपने यातायात पुलिसकर्मियों के साथ शिवालय में जाकर पूजा अर्चना की। कोतवाली थानाधिकारी बनवारी लाल मीणा ने थाने में ही स्टाॅफ के साथ सोहन सिंह के तंदरूस्त होकर घर आने की प्रार्थना की तो वहीं किशनगढ़ के पीटीएस में भी पुलिस अधिकारियों और जवानों ने सोहन सिंह के लिए प्रार्थना की।
दरगाह में उठे हाथ
ख्वाजा साहब की दरगाह में खादिम एस.एफ. हसन चिश्ती के नेतृत्व में दुआ की गई। चिश्ती के साथ ही अन्य खादिम व जायरीन ने सोहन सिंह के स्वस्थ होकर काम पर लौटने और प्रदेश की रक्षा में सदैव तत्पर रहने की ख्वाजा साहब से दुआ मांगी।
मेदांता में चल रहा इलाज
गुरूवार को सोहन सिंह की हालत में सुधार हो गया था। इसके चलते एसएमएस अस्पताल के आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन अचानक शुक्रवार को सोहन सिंह की तबियत नासाज हो गई और उन्हंे चिकित्सकों ने मेदांता हाॅस्पिटल में रैफर कर दिया। सोहन सिंह को मेदांता की एयर एम्बुलैंस से ले जाया गया। इस दौरान अस्पताल में चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, एटीएस एडीजी उमेश मिश्रा, आईजी दिनेश एमएन, जयपुर पुलिस कमीश्नर संजय अग्रवाल सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Friday, 30 June 2017

ब्लाॅग पढ़कर महिला आयोग अध्यक्ष ने लिया प्रसंज्ञान

चिकित्सा मंत्री को निजी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश
गंज स्थित मलिक अस्पताल में अविवाहित युवती का अवैध रूप से गर्भपात करवाने के मामले में राज्य महिला आयोग ने प्रसंज्ञान ले लिया है। आयोग अध्यक्षा सुमन शर्मा ने चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ को निजी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और प्रदेश के अन्य निजी जनाना अस्पतालों की भी जांच करवाकर इस घिनौने काम को रूकवाने के निर्देश दिए हैं। शर्मा ने अपने अजमेर प्रवास के दौरान जिला कलक्टर गौरव गोयल को भी मामले में दिशा निर्देश दिए हैं। सुमन शर्मा ने शुक्रवार सुबह ब्लाॅग पढ़कर मैसेज किया कि वह इस गंभीर मामले को देख रहे हैं और इसके दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। बाद में फोन पर हुई वार्ता में शर्मा ने कहा कि ब्लाॅग पढ़ने के बाद उन्होंने चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ से बात की और अजमेर के मलिक अस्पताल में गौरखधंधा चलाने वालों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने और प्रदेश के सभी निजी जनाना अस्पतालों का भी रिकाॅर्ड खंगालकर जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कमेटी का गठन भी कर दिया गया है, कमेटी को जल्द से जल्द जांच करने के निर्देश प्रदान किए हैं।
कलक्टर भी करवाएंगे जांच
शर्मा ने कहा कि मामले में जिला कलक्टर गौरव गोयल से भी बात की गई और उन्हें अपने स्तर पर जांच करवाकर कार्रवाई करने के आदेश प्रदान किए हैं। शर्मा ने कहा कि ऐसे घिनौने काम करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो जिससे कि भविष्य में ऐसे काम करने वालों पर अंकुश लग सके।
भ्रूण का हुआ पोस्टमार्टम
गंज थाना पुलिस ने भ्रूण का जेएलएन अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया और उसे दफना दिया गया। वहीं युवती का मेडिकल मुआयना भी करवाया गया। उन्होंने कहा कि चिकित्सक मलिक दम्पति की तलाश भी की जा रही है। अस्पताल के स्टाॅफ के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार) अजमेर
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