Thursday, 9 August 2018

नगर निगम का जेईएन 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार





भाजपा पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार भी है मामले में आरोपी
नवीन वैष्णव अजमेर
अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधीक्षक कैलाश चंद्र बिश्नोई ने भ्रष्टाचार मुक्त अजमेर अभियान चला रखा है। इसी के तहत नगर निगम के जेईएन को 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। वहीं निगम का वार्ड संख्या 4 का पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार भागने में कामयाब हो गया।
एसीबी एसपी कैलाश चंद्र बिश्नोई ने बताया कि फॉयसागर रोड़ निवासी मोहित सोनी ने ब्यूरो को शिकायत दी कि वह अपने मकान पर ही तीसरी मंजिल का निर्माण कार्य कर रहा है। स्थानीय भाजपा पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार उसके यहां आया और निर्माण कार्य को अवैध बताकर काम बंद करवाने की धमकी दी साथ ही भू तल पर चल रही डेयरी को भी बंद करवाने को कहा। इसके बाद भी जब पंवार को तवज्जो नहीं दी गई तो वह निगम के जेईएन राजेश मीणा को अपने साथ ले गया और काम रूकवाने का प्रयास किया। निर्माण कार्य करने के लिए पार्षद ने 50 हजार व जेईएन मीणा ने 25 हजार की डिमाण्ड की। बिश्नोई ने कहा कि शिकायत का सत्यापन करवाकर स्पेशल यूनिट इंचार्ज मदनदान सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
50 से कम नहीं चलेगा
एसीबी के स्पेशल यूनिट इंचार्ज मदनदान सिंह ने बताया कि इस मामले का मुख्य आरोपी वार्ड 4 का पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार ही है जो भाजपा से ही पार्षद है। पार्षद पंवार ने सोनी को साफ कहा था कि 50 हजार की राशि से एक रूपया भी कम नहीं चलेगा वहीं जेईएन 25 हजार में राजी हो गया। देर रात एसीबी ने जाल बिछाया। जेईएन ने अंधेरी गलियों में परिवादी मोहित सोनी को बुलाया और जैसे ही रकम ली उसे एसीबी की टीम ने दबोच लिया। उन्होंने कहा कि पार्षद को भी दबोचने का प्रयास किया गया लेकिन वह शातिर निकला और भागने में कामयाब हो गया। पार्षद के घर भी दबिश दी गई लेकिन वह वहां भी नहीं मिला। जल्द ही पार्षद पंवार भी गिरफ्त में होगा।
आरएसएस की स्कूल का पूर्व प्राचार्य
मामले का आरोपी पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आदर्श विद्या निकेतन स्कूल का प्राचार्य भी रह चुका है। इसके अलावा भी आरएसएस में कई पदों पर रहने की बात भी सामने आई है।
भाजपा बोर्ड पर दाग!
नगर निगम का भाजपा बोर्ड इस बार किसी ना किसी तरह सवालों के घेरे में ही रहा है। अब भाजपा के ही एक पार्षद के इस तरह खुले आम भ्रष्टाचार करने से बोर्ड पर ओर दाग सा लग गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं भी इस पार्टी से ही हैं और कहते हैं कि ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा। उन्हीं की पार्टी में गत दो दिन से लगातार जनप्रतिनिधि ही भ्रष्टाचार करते पाए गए हैं। ऐसे में पार्टी के आलाकमान क्या कहेंगे?
निगम में भ्रष्टाचार का जाल
नगर निगम में यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले भी तीन कार्रवाईयां हो चुकी है लेकिन यहां के अधिकारी व जनप्रतिनिधि इससे कोई सबक नहीं लेते। यदि एसीबी गहनता से यहां की पड़ताल करें तो भ्रष्टाचार की कई परतें खुल सकती है और सफेदपोशों के चेहरों से नकाब भी हटेंगे। आज शहर में जो अतिक्रमण हो रखे हैं या आवासीय भूखण्डों पर आलीशान होटलें या फिर व्यावसायिक कॉम्पलेक्स बने हुए हैं। वह निगम के अधिकारियों से छुपे हों, ऐसा तो संभव ही नहीं। जब बनना शुरू होता है उसी समय सारा तय हो जाता है। यदि कोई शिकायत हो तो उसे भी टाल दिया जाता है। एसीबी के एसपी बिश्नोई जी और उनकी टीम को अब तक की कार्रवाई के लिए बहुत बधाई और शुभकामनाएं। एक सुझाव अवश्य दुंगा कि निगम में चल रहे भ्रष्टाचार के जाल को पूरी तहर समाप्त करवाएं जिससे कि अजमेर का विकास हो सके।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987, 9351087614
09-08-2018
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