Jyoti Yadav |
नवीन वैष्णव@ एक्सक्लूसिव न्यूज अजमेर
देश के बड़े घोटालेबाज विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और जतिन मेहता के बाद अब अजमेर में भी लोन के नाम पर घोटाला करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसकी जानकारी मिलते ही बैंक प्रबंधन ने महिला ब्रांच मैनेजर और क्रेडिट ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया है।
मामला अजमेर के रामगंज स्थित बैंक ऑफ बड़ोदा ब्रांच का है। यहां पर गत दो साल से कार्यरत ब्रांच मैनेजर ज्योति यादव पर बिना डॉक्यूमेंटस के करोड़ों के लोन जारी करके बैंक को घाटा और खुद को फायदा पहुंचाने की जानकारी बैंक प्रबंधन को मिली। इसको देखते हुए बैंक की डिप्टी जनरल मैनेजर सविता कैनी ने तत्कालीन मैनेजर ज्योति यादव और क्रेडिट ऑफिसर प्रदीप को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
बैंक ऑफ बड़ोदा के रीजनल मैनेजर विमल नेगी ने बताया कि रामगंज ब्रांच के वर्तमान मैनेजर आशुतोष कुलदीप ने उन्हें करोड़ों रूपए का लोन बिना दस्तावेजों के खोलने की जानकारी दी। जब उन्होंने प्रथमदृष्टया जांच की तो पूर्व ब्रांच मैनेजर ज्योति यादव की खामी सामने आई। इसकी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई तो उन्होंने ज्योति यादव और तत्कालीन क्रेडिट ऑफिसर रहे प्रदीप को भी सस्पेंड कर दिया। नेगी ने कहा कि मामला सामने आने के बाद गहनता से सभी दस्तावेजों की जांच करवाई जा रही है।
सीबीआई की जानकारी में प्रकरण
रीजनल मैनेजर नेगी ने बताया कि उक्त मामले की जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सीबीआई को भी दे दी गई है। घोटाले का पूरा आंकलन होने के बाद सीबीआई इस मामले में मुकदमा दर्ज करेगी और आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी।
इस तरह हुआ घोटाला
रामगंज ब्रांच के वर्तमान मैनेजर आशुतोष कुलदीप ने बताया कि जून माह में पूर्व ब्रांच मैनेजर ज्योति यादव का तबादला जयपुर हुआ था। उसने रीलिव होने वाले दिन 1 करोड़ 80 लाख रूपए का लोन चन्द्रवरदाई नगर निवासी मूलचंद पंजाबी के नाम से जारी किया। जब उसने दस्तावेजों की जांच की तो यह खामी सामने आई। इस संबंध में जब ज्योति यादव से बात की तो उसने खुद के पास दस्तावेज होने और दस्तावेज पहुंचाने को कहा लेकिन उसके बाद से फोन बंद कर दिया। वहीं मूलचंद पंजाबी के घर पर जब पहुंचे तो वह भी वहां से गायब मिले और उनका फोन भी बंद मिला। आशुतोष कुलदीप ने यह भी कहा कि पूर्व में भी घोटाले होने के साक्ष्य मिले हैं। फिलहाल इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। अनिल बिश्नोई नामक एक व्यक्ति के खाते में भी बैंक से भारी मात्रा में राशि ट्रांस्फर की गई है।
कई अन्य खामियां भी आई सामने
बैंक प्रबंधन ने फिलहाल रामगंज ब्रांच में अलग से सीनियर ऑफिसर्स को जांच का जिम्मा सौंपा है। ऑफिसर्स की जांच में कई अन्य खामियां भी सामने आई है जो भी बैंक को घाटा पहुंचाने वाली है। इसमें से कुछ ऐसी है कि ग्राहक के पुराने लोन को पूरा करने के बाद भी दस्तावेज नहीं लौटाए गए और उस पर दुसरा लोन जारी कर दिया गया। वहीं कुछ में गलत जानकारी से बड़ी राशि का लोन स्वीकृत कर दिया गया।
गेहूं के साथ पिसा घून!
पूर्व मैनेजर ज्योति यादव की गलती तो हालांकि प्रथम दृष्टया बैंक प्रबंधन के सामने आ गई है और वह फरार भी हो गई, लेकिन क्रेडिट ऑफिसर प्रदीप के खिलाफ फिलहाल कोई भी सबूत नहीं मिले, ना ही उसके कहीं कोई हस्ताक्षर मिले हैं। इसके बावजूद प्रदीप को भी सस्पेंड किया गया है। वहीं ब्रांच में ऑपरेशन का काम देखने वाली बरखा का पासवर्ड भी ज्योति द्वारा घोटाले में काम में लेने की बात सामने आई है। ऐसे में बरखा का तबादला भी अन्य ब्रांच मे कर दिया गया है।
हाई फाई थी मैनेजर
रामगंज की पूर्व मैनेजर ज्योति यादव काफी हाई फाई तरीके से रहती थी। खुद को बड़े अधिकारी की बेटी बताती थी और बड़ी-बड़ी बातें भी करती थी। इससे हर कोई उसे ऊंची पहुंच वाली समझता था। ब्रांच का स्टॉफ तो मानों उसके आगे बोलने से पहले भी सोचता था। वहीं ग्राहकों से भी भिड़ने में जरा नहीं सोचती थी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987, 9351087614
27-08-2018
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बहुत्त ही सराहनीय कार्यवाही हे भाई जी
ReplyDeleteबहुत अच्छे
ReplyDeleteNice job
ReplyDeleteExcellent reporting banks loopholes create the such frauds and bank management over the targets preasure such create frauds thanks for sending to in news blogs
ReplyDeleteExcellent reporting
ReplyDeleteरिपोर्ट का अच्छा प्रस्तुतीकरण
ReplyDeleteVery good job
ReplyDeleteVery good job
ReplyDeleteVery nice
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