Tuesday, 28 March 2017

देवनानी ने आखिर रख ही लिया सिंधी समाज का मान


अजमेर उत्तर विधायक और शिक्षा राज्य एवं पंचायतीमंत्री वासुदेव देवनानी ने आखिर सिंधी समाज का मान रख ही लिया और चेटीचण्ड के जुलूस में जिला प्रशासन से डीजे की अनुमति दिलवा दी। एडीएम सिटी अरविंद सेंगवा ने लिखित में इसके लिए अनुमति दी है।
जिला कलक्ट्रेट में गत 18 मार्च को शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, जिला कलक्टर की मौजूदगी में चेटीचण्ड के जुलूस को लेकर बैठक हुई। बैठक में जिला कलक्टर गौरव गोयल ने चेटीचण्ड के जुलूस में डीजे नहीं बजाने की बात उठाई। जिस पर किसी ने भी आपत्ति दर्ज नहीं करवाई और गोयल ने मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति भेजकर भी इसकी जानकारी दी थी। दुसरे दिन अखबार में जुलूस में डीजे नहीं बनजे की खबर ने सिंधी समाज के लोगों की बैचेनी बढ़ा दी। समाज के लोग अपनी संस्था के पदाधिकारियों पर डीजे की अनुमति दिलवाने के लिए दबाव ब
मेरी क्या गलती?
उक्त आदेश जारी करने के बाद जब एडीएम सिटी अरविंद संेगवा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सिंधी समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद कलक्टर साहब से वार्तालाप किया गया। कलक्टर साहब के आदेश देने पर ही उन्होंने यह पत्र जारी किया। उन्होंने कहा कि जिस दिन पहली बार बैठक हुई उसमें तो वह मौजूद भी नहीं थे, इसके बावजूद कुछ लोग उनकी गलती के कारण डीजे प्रतिबंधित होने की बात कह रहे हैं जो गलत है।
गलत नहीं थी भावना
जिला कलक्टर गौरव गोयल ने भी जुलूस में डीजे प्रतिबंधित करने का निर्णय इस लिए लिया कि उन्हें बताया गया कि जुलूस में कई लोग उलूल जुलूल गानें भी चलाते हैं जिससे युवतियां और महिलाएं शर्मसार होती है। सिंधी समाज के आराध्य देव झूलेलाल के जुलूस में इस तरह के गानों से माहौल खराब नहीं हो, इसी भावना को लेकर कलक्टर ने डीजे के प्रतिबंध करने के आदेश दिए थे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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नाने लगे। संस्था के पदाधिकारियों ने देवनानी से मिलकर समाज के लोगों की पीड़ा बताई। समाज के लोगों ने देवनानी को यहां तक कहा कि सिंधी मंत्री के होते हुए अजमेर जैसे सिंधी बाहुल्य क्षेत्र में बिना डीजे के चेटीचण्ड का जुलूस निकाला गया तो भविष्य में भी यही परिपाटी हो जाएगी और सिंधिंयों का मान भी शहर में घट जाएगा। देवनानी ने भी समाज के लोगों की बात रखते हुए पुनः जिला कलक्टर गौरव गोयल से डीजे की अनुमति देने के संबंध में बात की। इसके बाद सोमवार शाम को कलक्ट्रेट में बैठक करके एडीएम सिटी अरविंद सेंगवा ने पत्र जारी कर डीजे बजाने की अनुमति प्रदान की। इससे समाज के लोगों में हर्ष की लहर दौड़ गई। एडीएम का पत्र सिंधी समाज के व्हाॅटसएप ग्रुप और एक दुसरे को भेजकर खुशी जताई गई।

Sunday, 26 March 2017

संतान किन्नर हुई तो छोड़ दिया मरने को


अजमेर के जेएलएन अस्पताल में अज्ञात कुमाता अपनी पांच-छह दिन की नवजात संतान का केवल इसलिए त्याग करके चली गई कि उनकी संतान थर्ड जेंडर थी।  पुलिस ने आईपीसी की धारा 317 के तहत मुकदमा दर्ज कर जनाना अस्पतालों का रिकाॅर्ड खंगालना शुरू कर दिया।
जवाहरलाल नेहरु अस्पताल के मेडिकल ज्यूरिस्ट डिपार्टमेंट के पीछे शव ढोने वाली ट्रोली पर बच्चा होने की जानकारी ने हडकम्प मचा दिया। उसे  अस्पताल के शिशुरोग विभाग में भर्ती करवाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। नवजात मासूम की जांच में सामने आया कि वह थर्ड जेंडर है। मासूम के हाथ में अस्पताल का कैनुला भी लगा हुआ था। सूचना पर पहुंची कोतवाली थाना पुलिस ने अज्ञात कुमाता और पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शहर के जनाना अस्पतालों का रिकाॅर्ड खंगालना शुरू कर दिया है।

क्या कहता है कानून
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रीतम सिंह सोनी से जब इस संबंध में जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड जेंडर को अलग से मान्यता दी है। अब नौकरियों में भी थर्ड जेंडर का कोटा रहेगा। यदि किसी माताकृपिता के ऐसी संतान पैदा होती है तो उनका नैतिक कर्तव्य है कि वह उसे पालें। बच्चे को लावारिस छोड़ना न्याय संगत नहीं है।
कानून में बारह वर्ष से कम आयु के बच्चे का परित्याग करना या उसे किसी अरक्षित स्थान पर छोड़ देने वाले व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 317 के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके अर्न्तगत साल सात तक का कठोर कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
नवीन वैष्णव
पत्रकार, अजमेर
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Saturday, 25 March 2017

आनंदपाल की गलती को पुलिस ने फिर दोहराया

जिला पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की फरारी से भी कोई सबक नहीं लिया है। शनिवार को एक बार फिर यही गलती दोहराई गई लेकिन गनीमत रही कि इस बार कुछ अनहोनी नहीं हुई।
दरअसल लेडी डाॅन अनुराधा को शनिवार को पेशी पर लाया गया। इस दौरान स्थानीय पुलिस का जाप्ता नहीं पहुंचा। इससे लेडी डाॅन को पेशी पर लेकर पहुंचे पुलिसकर्मियों में भी दहशत व्याप्त थी। कई बार उन्होंने स्थानीय पुलिस को जाप्ता भेजने का निवेदन भी किया लेकिन पुलिस ने इस बार भी लापरवाही का परिचय देते हुए जाप्ता नहीं भेजा और बिना स्थानीय जाप्ते की मौजूदगी में ही लेडी डाॅन अनुराधा को अदालत में पेश किया गया। पेशी के बाद उसे वापस ले जाया गया। गौरतलब है कि आनंदपाल सिंह की फरारी के बाद पुलिस मुख्यालय ने संबंधित थाना पुलिस द्वारा ख़ास तौर से हार्डकोर अपराधियों के पुलिस वाहन को एस्काॅर्ट करने के निर्देश दिए थे।
चालक भी नशे में
लेडी डॉन को पेशी पर जिस वाहन से लाया गया उसका ड्राइवर सत्यनारायण भी नशे में था। बांदरसिंदरी थाना पुलिस ने सत्यनारायण को हिरासत में लेकर उसका मेडिकल करवाया। पुलिस वाहन से शराब की बोतल भी बरामद हुई।

नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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स्टूडेंट्स ने शहीद परिवारों पर खर्च की अपनी पाॅकेटमनी

अजमेर के इंजिनियरिंग कॉलेज स्टूडेंट्स ने अपनी पॉकेटमनी का इस्तेमाल शहीद परिवारों के लिए किया है। इन स्टूडेंट्स ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित कर शहीदों का मान बढ़ाया।
दरअसल, राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज के स्टूडेंट्स ने अपनी पॉकेटमनी का इस्तेमाल करने के लिए कुछ अलग करने की सोची। इसी कड़ी में इन्होंने शहीदों के परिवार वालों को सम्मानित करने का निर्णय लिया। इस कार्यक्रम को इन्होंने नाम दिया शहीद वन्दन-वीरांगना अभिनंदन समारोह। इसमें 35 शहीद परिवारों और 7 पूर्व सैनिकों को नगद राशि देकर सम्मानित किया गया।
समारोह के मुख्य समन्वयक अनिल कुमार ने बताया कि देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में जिस तरह से राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चल रही हैं, उससे छात्रों में देशप्रेम का अभाव होने लगा है। यही सोचते हुए देश प्रेम का जज्बा स्टूडेंटस में जगाने और शहीदों का मान बढ़ाने के मकसद ये सम्मान कार्यक्रम हमने आयोजित किया।
समारोह के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, जिला प्रमुख वंदना नोगिया बतौर अध्यक्ष और विशिष्ट अतिथि के रूप में कमाण्डेंट भरत वैष्णव मौजूद रहे। समारोह में शहीदों के 35 परिवारों और 7 भूतपूर्व सैनिकों को 5 हजार की नगद राशि, स्मृति चिन्ह व श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान स्टूडेंटस ने भी देश सेवा के लिए सदैव तत्पर रहने का संकल्प भी लिया।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Thursday, 23 March 2017

जीआरपी- रेलवे की पहल देश में मचाएगी धूम


अजमेर रेलवे प्रशासन और जीआरपी ने रेलयात्रियों को जागरूक करने के लिए गुरूवार से पहल शुरू की है। इस पहल के तहत रेलयात्रियों को जागरूक करने के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन पर एनीमेशन वाले विडियो दिखाए जाएंगे। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित यात्रा करवाना है।
मण्डल रेल प्रबंधक पुनित चावला और जीआरपी पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश ने एलईडी स्क्रीन का लैपटाॅप का बटन दबाकर उद्घाटन किया। डीआरएम चावला ने बताया कि 10 फीट लम्बी और 14 फीट चैड़ी एलईडी स्टेशन पर लगाई गई है। बड़ी स्क्रीन लगाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि हर रेलयात्री का ध्यान आकर्षित कर सकें। इस स्क्रीन पर जहरखुरानी से बचाव के तरीके, लावारिस वस्तुओं से दुरी रखने, स्वच्छ भारत अभियान के तहत रेल व प्लेटफाॅर्म पर सफाई रखने, छत पर यात्रा करने से होने वाले एक्सीडेंट, चलती ट्रेन में चढ़ने से होने वाले हादसे, बिना टिकट यात्रा करने पर जेल जाने, ज्वलनशील पदार्थ रखने से ट्रेन में होने वाले खतरों और प्लेटफाॅर्म व ट्रेन में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी एनीमेशन विडियो के जरिए प्रदर्शित की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य है कि रेल में यात्रा करने वाले व्यक्ति के साथ कोई घटना घटित ना हों और वह अपने गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच सके। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार यह प्रयोग अजमेर में किया जा रहा है, यदि इसके अच्छे परिणाम आते हैं तो अन्य रेलवे स्टेशन पर भी लगाने के लिए रेलवे बोर्ड को लिखा जाएगा।
मुख्य किरदार अदिति
डीआरएम पुनित चावला ने बताया कि इस योजना की मुख्य किरदार जीआरपी की डीएसपी अदिति कांवट है। कांवट ने ही इस योजना के संबंध में उन्हंे विस्तार से जानकारी दी और इससे होने वाले फायदों की जानकारी दी। इसके बाद सीनियर डीसीएम जसराम मीणा को उनके साथ लगाया गया उन्होंने भी अदिति कीयोजना के संबंध में मदद की। डीआरएम चावला ने कहा कि अदिति के जज्बे को उन्होंने सबके सामने भी सलाम किया और उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा भी समारोह में की है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Wednesday, 22 March 2017

17 माह का बच्चा और महिला मिली स्वाईन फ्लू पाॅजिटिव


स्वाईन फ्लू का मर्ज अजमेर में बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को अजमेर में एक डेढ साल का बच्चा और एक महिला स्वाईन फ्लू पाॅजिटिव मिले हैं। इसके साथ ही स्वाईन फ्लू पीड़ितों का आंकडा बढ़कर आठ हो गया है। स्वाईन फ्लू के बढ़ते मामलों से चिकित्सा विभाग भी चिंतित है।
अजमेर में अब तक आठ रोगी स्वाईन फ्लू पाॅजिटिव पाए गए हैं वहीं दो संदिग्धों व एक कर्नाटक निवासी जायरीन की मौत हो चुकी है। स्वाईन फ्लू के बढ़ते मामलों के बाद चिकित्सा विभाग की नींद उड़ी हुई है। विभाग ने सभी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में एलाईजा किट भेजकर संदिग्ध रोगियों को दिया जा रहा है साथ ही नियमित रूप से काउंसलिंग भी की जा रही है। स्वाईन फ्लू पाॅजिटिव मरीज के परिजन व आस-पास के लोगों की भी जांच की जा रही है। पाॅजिटिव मिले डेढ साल के घूघरा निवासी बच्चे और कुंदननगर निवासी महिला को जेएलएन अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है।
कम रोग प्रतिरोधक क्षमता है कारण
स्वाईन फ्लू के बढ़ते मर्ज पर जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ के.के. सोनी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एच 1 वन 1 वायरस कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों पर ज्यादा असर डालता है। बच्चे, गर्भवती महिलाएं और वृद्ध इनमें प्रमुख है। उन्होंने कहा कि मौसम में बदलाव के साथ ही सर्दी, जुकाम और बुखार होने पर व्यक्ति तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। यदि इस बीमारी का प्राथमिक तौर पर इलाज शुरू कर दिया जाता है तो इस पर कन्ट्रोल किया जा सकता है।
तापमान का बढ़ना फायदेमंद
डाॅ के.के. सोनी ने कहा कि स्वाईन फ्लू का वायरस ना तो मरता है और ना ही इसे नष्ट किया जा सकता है। बढ़ते तापमान के साथ लेकिन इसका असर कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि बढ़ते तापमान को देखते हुए ऐसा लगता है कि जल्द ही स्वाईन फ्लू का मर्ज कम हो जाएगा और लोगों को राहत मिलेगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Tuesday, 21 March 2017

उर्स में आने वाले किन्नरों के लिए निकला तुगलकी फरमान


विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती साहब के 805वें उर्स का आगाज 24 मार्च से होने जा रहा है। जिसमें दुनियाभर से लाखों की संख्या में जायरीन अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में जुटेंगे। इन्हीं जायरीनों के बीच देशभर से किन्नर भी ख्वाजा साहब की बंदिगी के लिए उर्स के दौरान अजमेर पहुंचते हैं। लेकिन इस वर्ष प्रशासन की ओर से किन्नरों के लिए एक तुगलकी फरमान जारी किया गया है। जिसमें सभी होटल व गेस्ट हाउस मालिकों से कहा गया है कि यहां आने वाले किन्नरों को कमरे नहीं दिए जाए।
प्रशासन ने बताया यह कारण
अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर और मेला मजिस्ट्रेट अरविंद सेंगवा ने बताया कि मीटिंग के दौरान यह बात सामने आई थी कि यहां आने वाले किन्नरों के कारण सड़क यातायात प्रभावित होता है। वे होटलों और गेस्ट हाउस की खिड़कियों पर सजकर खड़े रहते है और आने जाने वाले लोगों से ईशारे करते हैं। जिसके कारण सड़कों पर जमघट लग जाता है। इससे पुलिस को यातायात संभाालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते किन्नर को होटल के फ्रंट के कमरे नहीं देने के लिए कहा गया है, जिससे कि व्यवस्थाएं बनी रहे।
चढ़ाई जाती है चादर
दरगाह के खादिम बताते है कि किन्नर बड़ी संख्या में उर्स के दौरान अजमेर आते है। इनके कई समूहों की ओर से ख्वाजा साहब के दरबार में चादर भी चढ़ाई जाती है। इस समुदाय की सूफी संत में काफी आस्था है। इसलिए उर्स प्रारंभ होने से कई दिन पूर्व ही इनका यहां पहुंचना प्रारंभ हो जाता है। पूरे उर्स के दौरान देशभर से आने वाले किन्नर यहीं रहते है।
दिए गए है सख्त निर्देश
प्रशासन की ओर से उर्स के दौरान ड्यूटी पर रहने वाले पुलिसकर्मियों को निर्देश भी दिए गए है कि किसी भी प्रकार के उत्पात से सख्ती से निपटा जाए। साथ ही सुरक्षा को देखते हुए सभी किन्नरों व आने वालें अन्य जायरीनों के पहचान पत्रों को भी अच्छे से चैक किया जाए। इसी प्रकार के निर्देश होटल संचालकों के लिए भी जारी किए गए है।
ड्रोन से रखी जाएगी निगरानी
इस बार उर्स में ड्रोन कैमरे के जरिए चप्पे-चप्पे की निगरानी रखी जाएगी। साथ ही पांच हजार पुलिसकर्मी भी तैनात रहेंगे जो आठ-आठ घंटे की शिफ्ट से सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेंगे। गौरतलब है कि पूर्व में भी दरगाह में बम ब्लाॅस्ट हो चुका है साथ ही दरगाह क्षेत्र में कई बार आतंकी भी रूक कर गए हैं। इसके चलते पुलिस अधिकारी कोई सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कर रहे हैं।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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Monday, 20 March 2017

संथारा लेने वाले कोटेचा का महाप्रयाण, दस दिन पूर्व त्यागा था अन्न जल


अजमेर के किशनगढ़ स्थित शिवाजी कॉलोनी में रहने वाले 86 वर्षीय बुजुर्ग बंशीलाल कोटेचा ने करीब दस दिन पूर्व संथारा ले लिया था। उन्होंने रविवार देर रात्रि को अं​तिम सांस ली। सोमवार सुबह उनकी अं​तिम यात्रा शहर के विभिन्न स्थानों से गुजरी। उन्हें अन्न जल त्यागे दस दिन से अधिक समय हो गया था।
जानकारी के अनुसार उनके पेट में कैंसर की गांठ होने से वह पिछले डेढ माह से कुछ खा पी नहीं रहे थे। इसके चलते उन्होंने मुनि प्रमाण सागर की प्रेरणा और महाराज सा ज्ञानलाता के सान्निध्य में संथारा ले लिया था।  पूरा परिवार संथारा लेने के बाद बुजुर्ग बंशीलाल कोटेचा के पास ही था। उनके रिश्तेदारों का कहना है कि संथारा लेने के पीछे मुख्य उद्देश्य आत्मा का पवित्र करना है। समाज के महाराज भी अंतिम समय में संथारा लेकर ही प्राण त्यागते हैं।
संथारा जैन धर्म में सबसे पुरानी प्रथा मानी जाती है। इसे संल्लेखना भी कहते हैं। जैन समाज में इस तरह से देह त्यागने को बहुत पवित्र कार्य माना जाता है। इसमें जब व्यक्ति को लगता है कि उसकी मृत्यु निकट है, तो वह खुद को एक कमरे में बंद कर खाना-पीना त्याग देता है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार) अजमेर
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Sunday, 19 March 2017

बच्चों ने पुलिस की नाक मे कर रखा है दम


अजमेर में स्कूली बच्चों ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है। यहां बच्चे खुद की किडपेगिंग की कहानी गढ़ रहे हैं। जिसके चलते पुलिस अपनी मुस्तैदी दिखाती है और हाथ कुछ नहीं लगता।
नोर्थ सीओ राजेश मीणा ने बताया कि अजमेर शहर में इन दिनों विभिन्न थाना क्षेत्रों में रोजाना बच्चों के अपहरण की सूचनाएं मिलती है। इनमें बताया जाता है कि एक लाल रंग की वैन और उसमें दो जने दो महिलाओं के साथ उनके बच्चे को किडनैप कर ले गए हैं। इस पर पुलिस छापामारी की कार्रवाई के साथ मुस्तैद हो जाती है। इसके कुछ देर बाद ही किडनैपिंग बच्चा खुद आकर सारी कहानी बता देता है।
मीणा का कहना है कि अब उस कहानी को सच समझे या मनगढ़ंत, यह बड़ा मुश्किल  काम है क्योंकि सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर ऐसा कुछ भी पुलिस के हाथ नहीं लगता है जिससे किडनेपिंग की कहानी पुख्ता दिख सके। हालांकि, ​फिर भी पुलिस को इन मामलों में स​तर्कता बरतना जरूरी हो जाता है।
कोतवाली थानाधिकारी बीएल मीणा ने बताया कि 16 फरवरी को नया बाजार स्थित द्रोपदी देवी सांवरमल स्कूल की तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले विजय कुमार के बेटे ने अपनी किडनेपिंग की कहानी बयां की। इससे पुलिस सहित शहर में भी हडकम्प मच गया। गहनता से जांच की तो ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया। सख्ती से पूछा तो बच्चे ने बताया कि टीवी सीरियल देखकर पढ़ाई से बचने के लिए ही उसने यह कहानी रची। इसी तरह अलवर गेट थाना इलाके में भी एक बच्चे ने वैन में आए नकाबपोश युवक और युवतियों द्वारा किडनेपिंग की शिकायत दी। फिलहाल इस मामले में भी पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार) अजमेर
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हाईटेक श्मशान: दाह संस्कार का भी वेबकास्‍ट


अब श्मशान भी हाइटेक हो रहे है। राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित धौलाघाट मोक्षधाम में इसके लिए पहल की गई है। यहां दाह संस्कार को वेबकास्‍ट करने की व्यवस्था की गई है। यानि किसी परिजन की मृत्यु पर उसके दाह संस्कार को इंटरनेट के जरिए कही से भी देखा जा सकता है। 
धौलाभाटा क्षेत्र के श्मशान स्थल पर स्वामी माधवदास सेवा समिति की ओर से यह पहल की गई है। समिति के अध्यक्ष कालू बुधवानी ने बताया कि कई बार दूसरे शहरों में नौकरी या अन्य वजह से रह रहे लोग किसी अपने किसी खास की मृत्यु होने पर उसके दाह संस्कार में शामिल नहीं हो पाते। ऐसे में वे अब दाह संस्कार को लाइव टेलीकास्ट के जरिए देख सकते है। इसके लिए यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए है। मृतक के परिजनों के चाहने पर इस रिकॉर्डिंग का लाइव टेलीकॉस्ट किया जा सकता है।
बुधवानी ने बताया कि यहां अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों पर गंगा जल से छिड़काव की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि यहां अन्य विकास कार्य और भी करवाए जाएंगे।
नवीन वैष्णव (पत्रकार)
अजमेर
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Thursday, 16 March 2017

एसपी साब का टाॅस्क है, पूरा तो करना पड़ेगा!


जिले के थानाधिकारी टाईगर का टाॅस्क पूरा करने में जुटे रहते हैं। इसके लिए भले ही गलत ही क्यों ना करना पड़े।
जिले के थानाधिकारी बताते हैं कि टाईगर नितिनदीप ब्लग्गन उन्हें नित नया टाॅस्क देते हैं। कभी जुआरी पकड़ के लाने का तो कभी शराबियों को पकड़ने का। इसकी संख्या तक टाॅस्क में दी जाती है। जिसने टाॅस्क पूरा नहीं किया समझो उसकी खैर नहीं। एसएचओ ने बताया कि एक तरफ तो थाना क्षेत्र में जुआ, सट्टा नहीं चलने देने के निर्देश दिए जाते हैं वहीं दुसरी ओर जुआरी पकड़ने का टाॅस्क दिया जाता है तो यह कैसे संभव होगा? जब उनके क्षेत्र में जुआ चलने ही नहीं दिया जा रहा तो वह कहां से जुआरी पकड़ कर लाएंगे। इसी तरह बात अगर शराबियों को पकड़ने के टाॅस्क की करें तो थानाधिकारी बताते हैं कि शराब के ठेकों और बीयर बार के आस-पास गाड़ी भेज कर यहां से पीकर निकलने वालों को दबोचा जाता है और कार्रवाई की जाती है। यही हाल यातायात पुलिस के भी हैं। उन्हें भी निर्धारित चालान करने का टाॅस्क दिया जाता है। ऐसे में यातायात पुलिसकर्मी भी लगते हैं दना दन चालान फाड़ने में। एक दो पुलिसकर्मियों ने तो इतना तक कहा कि साब का आदेश है नहीं मानेंगे तो नौकरी करने में दिक्कत आ जाएगी।
भाई मदद करो
एक एसएचओ बहुत परेशान थे कि उनके क्षेत्र में जुआरी पकड़ने का टाॅस्क पूरा नहीं हो पा रहा। इस पर उन्होंने अपने निकटवर्ती एसएचओ से मदद की गुहार लगाई और कहा भाई मदद करो नहीं तो टाईगर को क्या मुंह दिखाऊंगा? इस पर निकटवर्ती थानाधिकारी ने अपने क्षेत्र में जुऐ की कार्रवाई करके उसे दुसरे थाना क्षेत्र में दिखाया और अपने साथी की मदद कर डांट से बचा लिया।
टाॅस्क नहीं करने वालों पर करते हैं कार्रवाई
जिला पुलिस कप्तान नितिनदीप ब्लग्गन ने माना कि जिले के थानाधिकारियों को टाॅस्क दिया जाता है। इस टाॅस्क में जुआ, सट्टा, शराबियों की धरपकड़, आम्र्स एक्ट सहित अन्य है। टाॅस्क देने के पीछे थानाधिकारियों को काम में लगाकर अपराधों पर पैनी नजर बनाना है। ब्लग्गन ने कहा कि टाॅस्क पूरा नहीं करने वाले थानाधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा जाता है और विभागीय कार्रवाई भी की जाती है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार) अजमेर
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Wednesday, 15 March 2017

पहले अश्लील क्लिपिंग, फिर ब्लेकमेलिंग


केकड़ी थाने में तीन के खिलाफ मामला दर्ज
प्रदेश में इन दिनों ब्लेकमेलिंग करने वाले कई गिरोह सक्रिय है। ये गिरोह युवतियों के सौंदर्य का सहारा लेकर धनाढ्य लोगों को फांसते हैं। इसके बाद उनकी अंतरंग तस्वीरें खींचकर उन्हें मुकदमे के लिए धमका कर मोटी रकम ऐंठते हैं। ऐसा ही रैकट अजमेर जिले में भी चल रहा है। केकड़ी थाने में एक पीड़ित ने इसका मुकदमा दर्ज करवाया है।
पीड़ित ने रिपोर्ट में बताया कि उसे एक युवती ने फोन किया और उसे चिकनी चुपड़ी बातों में फंसाते हुए मिलने के लिए बुलाया। वह उसे पुष्कर, अजमेर सहित कुछ जगह ले गई। बाद में अपना विश्वास जमाकर एक स्थान पर ले गई जहां गिरोह ने कैमरे सेट कर रखे थे। इसके बाद दोनों की वीडियो क्लिपिंग बना ली गई। इसकी जानकारी गिरोह में शामिल एक वकील ने उसे दी। वकील ने कहा कि युवती उसके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवा रही है। वह चाहे तो राजीनामा करवा सकता हैं। राजीनामे के लिए उससे पांच लाख रुपए की डिमांड की। उसने रुपए देने में असमर्थता जताई, तो मोल भाव का खेल चला। गिरोह में एक अन्य स्थानीय युवक भी शामिल है। जिसने युवती को अपनी परिचित बताया और मामला सस्ते में रफा दफा करने की बात कही।
युवतियां ऐसे फांसती है पैसे वालों को
पीड़ित ने बताया कि गिरोह में सुन्दर युवतियों को सरगना व्यापारियों और धनाढय लोगों के मोबाईल नम्बर व उनकी जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। युवतियां उनसे सम्पर्क कर घूमने के लिए बुलाती हैं। एक दो मुलाकात के बाद अपनी तय जगह पर ले जाकर अश्लील क्लिपिंग बनाई जाती है और इसके बाद युवक को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवाने के लिए ब्लैकमेल किया जाता है। उसकी क्लिपिंग भी उसे दिखाई जाती है, जिससे कि वह भी घबरा जाता है और गिरोह को मोटी रकम देकर अपना पिण्ड छुडवाना चाहता है। इसके बाद यह दुसरा ग्राहक तलाशते हैं।
जल्द हवालात में होंगे आरोपी
केकड़ी थानाधिकारी हरिराम कुमावत ने बताया कि पीड़ित युवक की रिपोर्ट पर आरोपियों के विरूद्ध आईपीसी की धारा 420, 384, 389 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। रिपोर्ट के बाद कुछ ओर पुख्ता सूचनाएं भी मिली है। इससे आरोपियों के बारे में काफी कुछ सामने आ गया है। काॅल डिटेल्स भी खंगाली जा रही है। जल्द ही गिरोह के सदस्यों को दबोच कर मामले का खुलासा किया जाएगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार) अजमेर
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Tuesday, 14 March 2017

अजमेर मंे फिर पांव पसार रहा स्वाईन फ्लू, एक संदिग्ध रोगी की मौत


अजमेर शहर में स्वाईन फ्लू के बढ़ते मामलों ने चिकित्सा विभाग की नींद उड़ा दी है। वहीं मंगलवार सुबह स्वाईन फ्लू के संदिग्ध  रोगी की मौत हो जाने से चिकित्सा विभाग में हडकम्प मचा हुआ है। विभाग के अधिकारियों ने अलर्ट भी जारी कर दिया है। 
अजमेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ के.के. सोनी ने बताया कि स्वाईन फ्लू रोग के संदिग्ध मरीज कुंदननगर निवासी 30 वर्षीय पंकज की सुबह मौत हो गई। पंकज के फेंफडों में पानी भरा हुआ था और वह आदतन शराबी भी था। उसे जेएलएन अस्पताल के संक्रामक रोग में भर्ती कर इलाज दिया जा रहा था।
टेमी फ्लू नहीं मिली इसलिए मौत!
अधिकारिक सूत्रों की मानें तो पंकज को टेमी फ्लू दवा नहीं दी गई। इसके चलते उसकी मौत होे गई। हालांकि पंकज की मौत के बाद उसकी स्वाईन फ्लू रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई लेकिन यदि चिकित्सकों और स्टाॅफ ने पंकज को टेमी फ्लू दवा नहीं दी तो यह भी गंभीर मामला है। 
दो नए पाॅजिटिव मिले
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ के.के. सोनी ने कहा कि आज ही 2 नए मामले ओर सामने आए हैं। आशागंज और श्रीनगर रोड  के दोनों युवक जांच में स्वाईनफ्लू पाॅजिटिव पाए गए हैं। दोनों को जेएलएन अस्पताल में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। डाॅ सोनी ने यह भी कहा कि मौसम के बदलाव के कारण ही स्वाईन फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं। इसके चलते सभी पीएचसी, सीएचसी और मेडिकल काॅलेज के अधीन आने वाले अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वह ओपीड़ी में स्क्रीनिंग करे। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल और डिस्पेंसरियों में टेमी फ्लू दवा उपलब्ध करवा दी गई है।
यह है लक्षण
फिजिशियन डाॅ अनिल सामरिया ने बताया कि मौसम के बदलाव से इन्फलूएंजा वायरस सक्रिय हो जाता है जिससे नाक का बहना, सिर में दर्द, खांसी, बुखार, थकान होना सहित अन्य लक्षण नजर आते हैं। इन लक्षणों के होने पर चिकित्सक की सलाह लें। डाॅ सामरिया ने यह भी कहा कि इससे बचाव के लिए सर्दी से बचाव करें, खूब पानी पीएं और आराम करें।
नवीन वैष्णव (पत्रकार)
अजमेर
9252958987

Friday, 10 March 2017

एसपी की डांट से महिला फरियादी की फूटी रूलाई




राजस्थान पुलिस का नारा है अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास लेकिन अजमेर शहर में पुलिस अपने नारे के विपरीत काम कर रही है। इसका उदाहरण शुक्रवार को एक बार फिर नजर आया। राधाविहार विकास समिति के बैनरतले हरिभाऊ उपाध्याय नगर क्षेत्र में लगातार हो रही वारदातों की शिकायत करने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची कुशाल जैन रोते हुए एसपी के दफ्तर से बाहर आई। उनके साथ की महिलाएं उन्हें समझाने का प्रयास कर रही थी। कुशाल जैन से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिला पुलिस कप्तान नितिनदीप ब्लग्गन को क्षेत्र में हो रही वारदातों से दहशत में जीने की बात कहते हुए गश्त प्रणाली को मजबूत करने को कहा तो यह बात ब्लग्गन को नागवार गुजरी। ब्लग्गन ने तेज आवाज में उसे बुरा भला कह दिया और चोरियों के लिए उन्हें ही कसूरवार ठहरा दिया। जैन ने कहा कि एसपी ने उन्हंे क्षेत्र में गार्ड और सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश देते हुए फटकार लगा दी। इससे वह रो पड़ी। उसने रोते हुए ही एसपी को कहा कि उन पर गुस्सा दिखाने से अच्छा अपराधियों पर दिखाते तो शहरवासी सुकून की जिंदगी जी रहे होते।
8 वारदातों ने उड़ाई नींद
राधा विहार विकास समिति के बाशिंदों ने बताया कि चार दिन पहले भी वह बढ़ती चोरियों पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक के नाम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोलाराम यादव को ज्ञापन देकर गए थे। इसके बाद भी गश्त नहीं बढ़ी इसके विपरीत गुरूवार को एक मकान में ओर चोरी की वारदात हो गई। इससे क्षेत्रवासियों की नींद उड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि सुलेखा कर्नावट, शांति जैन, अरविंद विजयवर्गीय, अनुराग जैन, अरविंद गर्ग, सुमन बाकलीवाल, नौरतमल पोखरणा सहित अन्य के यहां वारदातें हो चुकी है। इसके बावजूद भी पुलिस गश्त तक नहीं कर रही। इसके चलते सभी एसपी को अपनी पीड़ा सुनाने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय गए थे।
सीएम को की जाएगी शिकायत
राधा विहार विकास समिति के अध्यक्ष संतोष कांसवा ने बताया कि एसपी ने सबके सामने कुशाल जैन के साथ दुव्र्यवहार किया। इसको लेकर वह चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी कल्पना कांसवा अजमेर जिला शहर कार्यकारिणी में पदाधिकारी है। एसपी द्वारा किए गए दुव्र्यवहार को लेकर शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को शिकायत की जाएगी साथ ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी एसपी ब्लग्गन के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।
नकारे आरोप
जिला पुलिस अधीक्षक नितिनदीप ब्लग्गन से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि फरियादियों को क्षेत्र में सीसीटीवी लगाने और पुलिस के साथ मिलकर बदमाशों को दबोचने में सहयोग का सुझाव दिया था। इसके अलावा बदसलूकी जैसी कोई बात नहीं। कोई भी आरोप लगा सकता है।
कार्यशैली पर उठाए थे सवाल
गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमहापौर सम्पत सांखला ने एसपी नितिनदीप ब्लग्गन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को पत्र लिखा था। सांखला ने ब्लग्गन को तुरंत हटाकर ईमानदार एसपी लगाने की मांग भी की थी।
नवीन वैष्णव
पत्रकार अजमेर
9252958987

Tuesday, 7 March 2017

जिले को रईस नहीं क़ाबिल एसपी चाहिए

जिले को ‘‘रईस‘‘ नहीं ‘‘काबिल’’ एसपी चाहिए- सम्पत सांखला
एसपी ब्लग्गन को बताया फेल, हटाने के लिए सीएम राजे को लिखा पत्र
अजमेर जिला पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली से आमजन की नींद उड़ी हुई है। आमजन का दर्द नगर निगम के उपमहापौर सम्पत सांखला ने समझा और उन्होंने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया को पत्र लिखकर जिला पुलिस अधीक्षक नितिनदीप ब्लग्गन को हटाने की मांग की है। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें रईस नहीं काबिल एसपी चाहिए। नगर निगम के उपमहापौर सम्पत सांखला ने अपने कक्ष में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय से जिले में अपराध का ग्राफ दिन ब दिन बढ़ रहा है। इसके बावजूद पुलिस अधीक्षक नितिन दीप ब्लग्गन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन शहर में चोरी, छीना झपटी या ठगी की वारदात ना हो। उन्होंने कहा कि तीन माह पहले हुए धर्मेन्द्र चैधरी हत्याकाण्ड में आज दिन तक कई अपराधी पुलिस गिरफ्त से दुर है वहीं गत दिनों हुए रामकेश मीणा हत्याकाण्ड के हत्यारों का अब तक पुलिस सुराग भी नहीं लगा पाई है। सांखला ने कहा कि श्रीनगर रोड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलाकर रामकेश मीणा को मौत के घाट उतारा गया लेकिन ब्लग्गन ने घटनास्थल पर जाना तक मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि वीआईपी विजिट के अलावा ब्लग्गन अपने आॅफिस से ही बाहर ही नहीं निकलते। सांखला ने यह भी कहा कि जिले की बिगड़ती पुलिस व्यवस्था के जिम्मेदार स्वयं एसपी ब्लग्गन है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से ब्लग्गन को तुरंत प्रभाव से हटाकर योग्य एवं इमानदार एसपी लगाकर आमजन को राहत देने की मांग की। 
कप्तान सुस्त तो टीम होगी ही
उपमहापौर सांखला ने कहा कि जिला पुलिस के कन्ट्रोल रूम के कारण हर व्यक्ति अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है लेकिन अब तो वहां से भी रेस्पोंस नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि इसमें कन्ट्रोल रूम पर तैनात पुलिसकर्मियों का दोष नहीं है, क्योंकि जब कप्तान स्वयं ही सुस्त है तो उनकी टीम कैसे चुस्त हो सकती है?
नवीन वैष्णव
पत्रकार 9252958987