Thursday, 16 March 2017

एसपी साब का टाॅस्क है, पूरा तो करना पड़ेगा!


जिले के थानाधिकारी टाईगर का टाॅस्क पूरा करने में जुटे रहते हैं। इसके लिए भले ही गलत ही क्यों ना करना पड़े।
जिले के थानाधिकारी बताते हैं कि टाईगर नितिनदीप ब्लग्गन उन्हें नित नया टाॅस्क देते हैं। कभी जुआरी पकड़ के लाने का तो कभी शराबियों को पकड़ने का। इसकी संख्या तक टाॅस्क में दी जाती है। जिसने टाॅस्क पूरा नहीं किया समझो उसकी खैर नहीं। एसएचओ ने बताया कि एक तरफ तो थाना क्षेत्र में जुआ, सट्टा नहीं चलने देने के निर्देश दिए जाते हैं वहीं दुसरी ओर जुआरी पकड़ने का टाॅस्क दिया जाता है तो यह कैसे संभव होगा? जब उनके क्षेत्र में जुआ चलने ही नहीं दिया जा रहा तो वह कहां से जुआरी पकड़ कर लाएंगे। इसी तरह बात अगर शराबियों को पकड़ने के टाॅस्क की करें तो थानाधिकारी बताते हैं कि शराब के ठेकों और बीयर बार के आस-पास गाड़ी भेज कर यहां से पीकर निकलने वालों को दबोचा जाता है और कार्रवाई की जाती है। यही हाल यातायात पुलिस के भी हैं। उन्हें भी निर्धारित चालान करने का टाॅस्क दिया जाता है। ऐसे में यातायात पुलिसकर्मी भी लगते हैं दना दन चालान फाड़ने में। एक दो पुलिसकर्मियों ने तो इतना तक कहा कि साब का आदेश है नहीं मानेंगे तो नौकरी करने में दिक्कत आ जाएगी।
भाई मदद करो
एक एसएचओ बहुत परेशान थे कि उनके क्षेत्र में जुआरी पकड़ने का टाॅस्क पूरा नहीं हो पा रहा। इस पर उन्होंने अपने निकटवर्ती एसएचओ से मदद की गुहार लगाई और कहा भाई मदद करो नहीं तो टाईगर को क्या मुंह दिखाऊंगा? इस पर निकटवर्ती थानाधिकारी ने अपने क्षेत्र में जुऐ की कार्रवाई करके उसे दुसरे थाना क्षेत्र में दिखाया और अपने साथी की मदद कर डांट से बचा लिया।
टाॅस्क नहीं करने वालों पर करते हैं कार्रवाई
जिला पुलिस कप्तान नितिनदीप ब्लग्गन ने माना कि जिले के थानाधिकारियों को टाॅस्क दिया जाता है। इस टाॅस्क में जुआ, सट्टा, शराबियों की धरपकड़, आम्र्स एक्ट सहित अन्य है। टाॅस्क देने के पीछे थानाधिकारियों को काम में लगाकर अपराधों पर पैनी नजर बनाना है। ब्लग्गन ने कहा कि टाॅस्क पूरा नहीं करने वाले थानाधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा जाता है और विभागीय कार्रवाई भी की जाती है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार) अजमेर
9252958987
navinvaishnav5.blogspot.com

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