Thursday 18 May 2017

घायल ने 108 एम्बुलैंसकर्मी पर लूट का जड़ा आरोप


न्यूज 21 के कैमरामेन की सजगता से एम्बुलैंसकर्मी ने थाने में जमा करवाया सोने का कुण्डल
राज्य सरकार ने 108 एम्बुलैंस की सेवा आपातकालीन समय में आमजन की सहायता के लिए चलाई थी लेकिन गुरूवार को एम्बुलैंस सेवा का दुसरा ही रूप देखने को मिला। एम्बुलेंसकर्मी द्वारा एक घायल ग्रामीण से सोने का कुण्डल छीनने का मामला सामने आया। मीडियाकर्मी की सजगता के चलते छीना गया कुण्डल मेडता सिटी थाने में जमा करवाया गया।
फलौदी निवासी मोहन ट्रेन से डेगाना जा रहा था। मोहन ने बताया कि रास्ते में उसे किसी ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। इसके बाद उसे सुध बुध नहीं थी। जब उसे होश आया तो वह एम्बुलैंस में था और एक युवक उसके कान का सोने का कुण्डल खोल रहा था। पूरी तरह से होश में नहीं होने के कारण वह ज्यादा विरोध  नहीं कर  सका। मोहन की बात सुनकर न्यूज 21 के कैमरामेन विजेन्द्र सिंह ने जेएलएन अस्पताल में पता करके एम्बुलैंसकर्मी हरेन्द्र ततेरवाल को फोन किया और उस पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि की तो हरेन्द्र आग बबूला हो गया। उसने मोहन को झूठा बताते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। कुछ ही देर बार वापस हरेन्द्र ने कैमरामेन विजेन्द्र को फोन किया और एम्बुलैंस के ही दुसरे चालक हरेन्द्र को एम्बुलैंस में कुण्डल मिलने की बात कही। विजेन्द्र ने उक्त कुण्डल को थाने में जमा करवाने पर जोर दिया।
थाने में जमा कुण्डल
मेडता सिटी थाने के थानाधिकारी तुलसीराम ने बताया कि हरेन्द्र ततेरवाल उसके पास आया और एम्बुलैंस में घायल मोहन का कुण्डल मिलने की बात कही। उसकी बात कोतवाली चैकी में तैनात महिला काॅन्सटेबल अनिता से भी करवाई गई। इसके बाद उसने कुण्डल थाने में सुरक्षित रखवा दिया।
हरेन्द्र दो है
इस संबंध में जब हरेन्द्र तेतरवाल से फोन करके बात की गई तो उसने कहा कि मोहन रेण के पास रेलवे लाईन के पास लावारिस मिला था। मेडता से उसे अजमेर रैफर किया गया था। हरेन्द्र ने कहा कि मेड़ता सिटी में एम्बुलैंस के दो ड्राईवर है और दोनों का नाम हरेन्द्र हैं। उसने तो थाने में जाकर जमा करवाने में मदद की है। हरेन्द्र ने फोन पर भी झूठा बदनाम करने और घायल मोहन के खिलाफ केस करने की बात भी कही।
जो आरोप घायल मोहन ने लगाए उसमें जरा भी सच्चाई है तो यह मानवता को शर्मसार करती है। घायल जिसे कुछ भी होश नहीं उसके साथ कुछ  भी किया जा सकता है लेकिन मानवता तो यह है कि यदि उसका कोई आभूषण और रूपए गिर भी जाए तो वापस करके अपना धर्म निभाए।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
navinvaishnav5.blogspot.com

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