Thursday, 27 December 2018

महंगी शराब के शौकिन थानेदार साहब रिश्वत लेते चढ़े एसीबी के हत्थे



अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम एक बार फिर एक्टिव हो गई है। ब्यूरो की स्पेशल यूनिट ने गुरूवार को अंराई थानाधिकारी को 6 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। यह कार्रवाई उनके थाना परिसर में ही हुई।
एसीबी की स्पेशल यूनिट के इंचार्ज एडिशनल एसपी मदनदान सिंह ने बताया कि शराब ठेकेदार नेमीचंद और रामराज की अंराई क्षेत्र में शराब की दुकानें है। जिसकी मंथली थानाधिकारी रामलाल लेता था। इसके अलावा भी मुकदमा दर्ज करने की धमकी देकर रूपए मांग रहा था।  इसकी शिकायत जब ब्यूरो को मिली तो मामले का वैरीफिकेशन करवाया गया जिसमें थानाधिकारी को 4 हजार रूपए दिलवाए गए। वहीं आज 6 हजार की राशि थाना परिसर में ही परिवादियों द्वारा दिलवाई गई। जैसे ही थानेदार रामलाल ने उक्त राशि ली, टीम ने उसे दबोच लिया।
चुनाव का मुकदमा अब
इस कार्रवाई में यह बात फिर स्पष्ट हो गई कि पुलिस रस्सी का सांप बना सकती है। अंराई थानाधिकारी ने चुनाव हुए इतना समय होने के बाद भी चुनाव के समय में दुकान खोलने का मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी। मुकदमे से बजने की एवज में मंथली के अलावा राशि की डिमांड की। इसके साथ ही ब्लेक डॉग जैसी महंगी शराब देने को भी कहा जिस पर परिवादियों ने इंकार कर दिया लेकिन साहब को तो महंगी शराब ही चाहिए थी तो कहा कि कहीं ओर से खरीदकर लाओ लेकिन देनी तो पड़ेगी ही। अब साहब शराब लेने से पहले ही एसीबी के हत्थे चढ़ गए और शुक्रवार को जेल की कोठरी में भी पहुंच जाएंगे।
क्या अजमेर में भी है मंथली का खेल?
जब बात शराब ठेकेदारों से मंथली की चली तो यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या अजमेर में भी यह खेल चलता है? संभवयता चलता ही होगा नहीं तो देर रात तक शराब के ठेके गुलजार नजर नहीं आते। कई बार जिला पुलिस कप्तान राजेश सिंह भी इस बारे में थानाधिकारियों को हड़का चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी शराब की दुकानों पर 8 बजे बाद भी शराब बेची जा रही है और खास बात तो यह कि पुलिस को ही यह नजर नहीं आता। अब देखना यह है कि कब यहां की पुलिस भी एसीबी या अन्य किसी डर से रात्रि में शराब ठेकेदारों की सेवा करना बंद करती है और निर्धारित समय पर ही दुकानें खुलती है। अब राज बदला है तो यह भी संभावना है कि इसमें भी बदलाव होगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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27-12-2018
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Tuesday, 25 December 2018

एसपी की टीम ने जुए और सट्टे की फड़ पर दबिश देकर एक दर्जन से अधिक जुआरी गिरफ्तार, सवा लाख रूपए जप्त











ऊसरी गेट पुलिस चौकी के पास में चल रहा था सट्टा तो रामगंज थाना क्षेत्र में चल रहा था जुआ
नवीन वैष्णव अजमेर
अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने एक बार फिर अपनी टीम के जरिए ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू करवा दी है। टीम ने मंगलवार को दो थाना क्षेत्रों में चलाए जा रहे जुए व सट्टे की फड़ पर दबिश देकर एक दर्जन से अधिक जुआरियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से सवा लाख रूपए की रकम भी जप्त की गई है।
शहर में चल रहे जुए व सट्टे में थाना पुलिस की मिलीभगत की सूचना पर जिला पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने प्रोबेशन आरपीएस विजय सांखला के नेतृत्व में टीम बना रखी है। टीम ने मंगलवार शाम ऊसरी गेट चौकी के पीछे लुहार बस्ती में नाथू लुहार के सट्टे की फड पर पर्चियों से दांव लगवा रहे खाईवाल नाई बस्ती पहाडगंज 60 वर्षीय ईश्वरचंद पारवानी, सटोरिए चांदबावड़ी निवासी दिलीप खूबचंदानी, माली मौहल्ला कुंदननगर निवासी अंकित शर्मा, पहाडगंज निवासी मनोज और बिचड़ली मौहल्ला ब्यावर निवासी प्रवीण जैन को दबोचा गया। इनके कब्जे से सट्टा पर्ची और 25 हजार रूपए की नगदी भी जप्त की है। विजय सांखला ने बताया कि कार्रवाई करने से पहले वह सिविल यूनिफॉर्म में वहां पहुंचे तो सट्टा चल रहा था। उन्होंने थाने का जाप्ता मंगवाकर सभी को गिरफ्तार किया।
एकता नगर में कार्रवाई
सांखला ने बताया कि रामगंज थाना क्षेत्र के एकता नगर में छक्का दाना से जुआ खेलने की सूचना मिली थी। इस पर वह मौके पर पहुंचे और इसकी तस्दीक की। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम के जरिए यहां दबिश देकर 10 जुआरियों को दांव लगाते गिरफ्तार किया। जुआरियों के कब्जे से 2 लाख रूपए की राशि बरामद की गई है। सांखला ने कहा कि पकड़े गए जुआरियों में जयपुर निवासी अब्दुल सत्तार, लोहाखान निवासी मुमताज, शोरग्रान मौहल्ला निवासी सलीमुद्दीन, कैलाशपुरी निवासी विजय, प्रतापनगर लोहाखान निवासी नागेन्द्र सिंह, फकीराखेड़ा निवासी हमीद, पीलीखान नई बस्ती निवासी असलम, मधुबन कॉलोनी नाका मदार निवासी जगदीप सिंह और नई बस्ती रामगंज निवासी विरेन्द्र सिंह शामिल है।
सूनसान में था कमरा
सांखला ने कहा कि एकता नगर में जहां जुए की फड़ चल रही थी वहां सूनसान ईलाका है और आस-पास घना अंधेरा रहता है। यहां हालांकि घेराबंदी करके दबिश दी गई लेकिन कई जुआरी भागने में कामयाब हो गए। जुआरियों के दुपहिया व चौपहिया वाहन भी जप्त किए गए हैं। कार्रवाई करने के बाद रामगंज थाना पुलिस को सूचित किया गया और सभी के खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई करवाई गई।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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25-12-2018
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जल्द से जल्द स्मार्ट सिटी के कार्य करवाना और पर्यटन को बढ़ावा देना रहेगी प्राथमिकता- विश्वमोहन शर्मा









जिला कलक्टर शर्मा जिले को प्रदेश में अग्रणी बनाने का भी करेंगे प्रयास
नवीन वैष्णव अजमेर
राजस्थान में सरकार बदलते ही प्रशासनिक पदों पर भी फेरबदल शुरू हो गया है। अजमेर को विश्व मोहन शर्मा के रूप में सरकार ने नया कलक्टर प्रदान किया है। शर्मा वर्तमान में श्रम एवं रोजगार विभाग के संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। शर्मा ने आज रात्रि में ही पदभार ग्रहण करने की बात कही।
उन्होंने बातचीत में कहा कि अजमेर को स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है ऐसे में वह जल्द से जल्द स्मार्ट सिटी के कार्यों को पूरा करवाएंगे। अजमेर में जो पर्यटन स्थल हैं उन्हें ओर अधिक विकसित करवाएंगे जिससे कि पर्यटकों की आवक बढ़े। ख्वाजा साहब की दरगाह और तीर्थ नगरी पुष्कर के विकास के लिए भी पूरा ध्यान देंगे। इसके साथ ही सरकार की जो भी योजनाएं होंगी उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करवाकर आमजन को इसका फायदा पहुंचाने का उनका प्रयास रहेगा।
श्रमिकों को नहीं आएगी परेशानी
शर्मा ने कहा कि श्रम एवं रोजगार विभाग के संयुक्त सचिव रहे हैं तो वह अजमेर जिले के श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन करवाकर लाभार्थियों को लाभ दिलवाएंगे। इसमें पूरी पारदर्शिता भी बरती जाएगी। किसी भी श्रमिक को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसकी भी व्यवस्था करवाई जाएगी।
अधिकांश समय जयपुर में बीता
1978 में झारखण्ड के धनबाद में जन्में विश्व मोहन शर्मा अब तक कई पदों का बखूबी निर्वहन कर चुके हैं। सर्वप्रथम उन्होंने पाली के एसडीएम, इसके बाद झालावाड़ में जिला परिषद के सीईओ, राजस्थान सरकार के वित्त विभाग के संयुक्त सचिव, तेरह महिने तक जैसलमेर कलक्टर भी रह चुके हैं। वर्ष 2016 में वापस जयपुर आ गए और जलदाय विभाग के संयुक्त सचिव रहे, यहां से उन्हें हाऊसिंग बोर्ड का सचिव बनाकर भेजा गया। वहीं वर्ष 2017 से अब तक वह श्रम एवं रोजगार विभाग के संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत थे। अधिकांश समय उनका जयपुर में ही बीता।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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25-12-2018
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Wednesday, 17 October 2018

आचार संहिता में बदले श्रीनगर ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कलक्टर को भी नहीं दी जानकारी


नवीन वैष्णव @अजमेर Exclusive
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लग गई है। आचार संहिता में भी अजमेर के स्वास्थ्य विभाग में बीसीएमओ स्तर के अधिकारी भी बदले जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को आदेश जारी कर बीसीएमओ का सम्पूर्ण चार्ज अन्य चिकित्साधिकारी को सौंपा गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के सोनी ने मंगलवार  16 अक्टूबर को श्रीनगर के ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का चार्ज डॉ अशोक कालरा से लेकर डॉ प्रफुल्ल को सौंपने के आदेश जारी किए। यह आदेश आचार संहिता में जारी किए जाने से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे आचार संहिता में जब सभी पद बदलने पर निर्वाचन की ओर से रोक लगाई है, ऐसे समय में पदभार क्यों दुसरे चिकित्साधिकारी को सौंपा गया। खास बात यह भी है कि जिला कलक्टर व निर्वाचन अधिकारी को भी इस आदेश को जारी करने से पहले अवगत तक नहीं करवाया गया।
नियमों के तहत है
सीएमएचओ डॉ के के सोनी ने कहा कि आचार संहिता लगी हुई है लेकिन उन्होंने कोई तबादला नहीं किया है। पूर्व में बीसीएमओ का पद रिक्त था जो गगवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कालरा को अतिरिक्त चार्ज दे रखा था। गगवाना भेजकर फाईलें हस्ताक्षर करवानी पडती थी। इससे परेशानी होती थी, इसलिए यह चार्ज श्रीनगर के ही चिकित्साधिकारी डॉ प्रफुल्ल को सौंप दिया है। उन्होंने भी माना कि जिला कलक्टर को इससे अवगत नहीं करवाया गया।
जांच के बाद कुछ कहना संभव
जिला कलक्टर आरती डोगरा से जब उक्त आदेश के संबंध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी आदेश की उन्हें जानकारी नहीं है। आज कार्यालय का अवकाश था तो जांच की प्रक्रिया नहीं हो सकी। गुरूवार को जांच की जाएगी और यदि खामी मिलती है तो नियमानुसार कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
ये आदेश हुए थे जारी
निर्वाचन विभाग की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने आचार संहिता लगने के बाद यह आदेश जारी किए थे कि कोई भी तबादला नहीं होगा और यदि किसी का तबादला हो गया और उसने कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो वह दुसरे स्थान पर पदभार ग्रहण भी नहीं करेगा। वहीं बुधवार को जिला कलक्टर आरती डोगरा ने मुख्यालय छोड़ने या कार्यमुक्त होने पर भी प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। यदि किसी को विशेष परिस्थिति में छोड़ना पड़े तो स्वीकृति जिला मुख्यालय पर जिला कलक्टर और उपखण्ड मुख्यालय पर उपखण्ड अधिकारी ही प्रदान करेंगे अन्य किसी के पास यह अधिकार नहीं रहेगा।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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17-10-2018
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Saturday, 13 October 2018

तीर्थ नगरी में नशे की खेप के साथ तस्कर गिरफ्तार, लाखों की कीमत का है नशे का सामान


चप्पल के सोल में छिपाकर लाई गई थी नशे की खेप
नवीन वैष्णव@ अजमेर
तीर्थ नगरी पुष्कर की थाना पुलिस को नशे की खेप की सप्लाई देने आए तस्कर को दबोचने में कामयाबी मिली है। तस्कर के कब्जे से लगभग 200 ग्राम नशीला पदार्थ जप्त किया गया है जिसकी कीमत लाखों में है।
पुष्कर थाने के उपनिरीक्षक भंवरराम डूकिया ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि मंदसौर का शातिर तस्कर पुष्कर में माल की डिलीवरी देने आ रहा है। इस पर उन्होंने जाल बिछाकर तस्कर को देवनगर रोड़ से दबोचा। उसे हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई तो उसने तीर्थनगरी में स्नान करने के लिए आना बताया। काफी समय तक वह पुलिस को गुमराह करता रहा। बाद में जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने चप्पल के सोल में नशे का सामान छिपा होना कबूला। पुलिस की टीम ने जब चप्पल का सोल हटाया तो उसमें स्मैक और दो अन्य तरह के पाउडर मिले। डूकिया ने कहा कि तस्कर मंदसौर का रहने वाला 28 वर्षीय मंगल सुथार है। उसके कब्जे से 45 ग्राम स्मैक, 38 ग्राम सफेद और 98 ग्राम ब्राउन पाउडर जप्त किया गया है। इसकी कीमत लाखों में है। पकड़े गए तस्कर से माल की डिलीवरी लेने वाले और मुख्य तस्कर के बारे में पूछताछ की जा रही है।
तीर्थनगरी बनी नशे का ट्रांजिट पाइंट
पिछले कुछ सालों से तीर्थनगरी पुष्कर नशे का ट्रांजिट पाइंट बन गई है। यहां आने वाले विदेशी सैलानी नशे का सैवन करते हैं। इन्हें मनमांगे दामों पर नशा उपलब्ध करवाया जाता है। मोटा मुनाफा कमाने के लिए कई लोगों ने यह काम शुरू कर दिया है। विदेशियों को देखकर स्थानीय युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं जो कि खतरनाक है। पुलिस को चाहिए कि नशे की सप्लाई करने वाले स्थानीय लोगों पर भी कार्रवाई करे जिससे कि तीर्थनगरी के युवा नशे की लत से दुर रहे और यहां की पवित्रता भी बनी रहे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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13-10-2018
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Monday, 1 October 2018

पुरूष नसबंदी हुई फेल तो पति ने पत्नी के चरित्र पर किया संदेह, चिकित्साधिकारियों पर भ्रूण हत्या के दबाव का आरोप

नवीन वैष्णव@ अजमेर
अजमेर शहर में रहने वाले दम्पति के जीवन में इन दिनों भूचाल सा आया हुआ है। दरअसल पति द्वारा करवाई गई नसबंदी किसी कारणवश फेल हो गई और पत्नी गर्भवती हो गई। इससे पति को पत्नी के चरित्र पर संदेह हुआ और बात बिगड़ती चली गई। अब दम्पति चिकित्साधिकारियों पर भ्रूण हत्या के लिए दबाव डालने का आरोप जड़ रहे हैं।
अजमेर निवासी सीमा (बदला हुआ नाम) जो कि सरकारी विभाग की कर्मचारी है। सीमा के पति रमेश (बदला हुआ नाम) ने 2 दिसम्बर 2016 को परिवार सेवा के जरिए नसबंदी करवाई। सब कुछ सही चल रहा था लेकिन लगभग चार माह पहले सीमा गर्भवती हो गई। इसके साथ ही इनके परिवार में बवण्डर खड़ा हो गया। रमेश और उसके परिजनों ने सीमा के चरित्र पर संदेह करना शुरू कर दिया। वहीं अपने स्तर पर इसकी जांच भी करवाई गई जिसमें भी उसके ऑपरेशन को सफल ही बताया गया। इससे रमेश का शक ओर गहरा गया। रमेश की मानें तो स्वास्थ्य संकुल में जाकर इसकी शिकायत दी और सभी जांचे भी प्रस्तुत की लेकिन वहां उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
कलक्टर के फोन पर दिखे गंभीर
सीमा ने बताया कि वह इन सबसे काफी डिप्रेशन में आ गई। उसने जिला कलक्टर आरती डोगरा को भी अपनी आपबीती सुनाई तो उनका दिल पसीजा और उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के सोनी को फोन करके मामला देखने की बात कही तब जाकर चिकित्साधिकारियों की नींद खुली। फिर उन्होंने खुद सरकारी वाहन तक भेज कर उनसे बात की। सीमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि एडिशनल सीएमएचओ डॉ एस एस जोधा और सीएमएचओ के के सोनी उसे गर्भ गिरवाने के लिए दबाव डाल रहे हैं, साथ ही उसे जुर्माना भी दिलवाने की बात कह रहे हैं।
बच्चे को देंगी जन्म
सीमा ने कहा कि जहां एक ओर सरकार भ्रूण हत्या को रोकने के लिए विज्ञापनों पर करोड़ों रूपए खर्च कर रही है वहीं उनके केस में भ्रूण हत्या को चिकित्साधिकारी ही बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नसबंदी करने वाले डॉ भगवान सिंह गहलोत की गलती का ही खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। डॉ गहलोत के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए वह पूरे प्रयास करेंगे। वहीं जिस निजी अस्पताल में वह कार्यरत है, वहां भी धरना देंगे। सीमा ने कहा कि वह अब इस बच्चे को जन्म देंगी और खुद को सही साबित भी करेंगी। जिससे कि परिवार में उपजा विवाद शांत हो सके। सीमा ने जिला कलक्टर आरती डोगरा से डीएनए जांच करवाकर उसे सही साबित करवाने की मांग भी की है।
नकारे सभी आरोप
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के सोनी ने कहा कि महिला उनसे अब तक नहीं मिली है। वह डॉ एस एस जोधा से ही मिल रही है। महिला का पति उनके पास आकर एक बार मिला था लेकिन बाद में उसने कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए। डॉ सोनी ने कहा कि केस फेल हो सकते हैं और इसके केस में भी ऐसा ही हुआ है। दस्तावेज पूरे देने पर 30 हजार रूपए मुआवजे की राशि के लिए विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रूण हत्या के लिए विभाग की ओर से दबाव नहीं डाला जा रहा। केस बिगड़ने पर यदि 4 सप्ताह तक का गर्भ होता है तो नियमानुसार पति-पत्नी की रजामंदी से इसे सरकारी चिकित्सकों द्वारा गिरवाया जा सकता है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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01-10-2018
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Monday, 24 September 2018

पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता और पांच ठेकेदारों के खिलाफ होगा मुकदमा दर्ज

भ्रष्ट एसीई महेन्द्र कुमार गुप्ता

मुख्यालय को भेजी गई एफआईआर, ठेकेदारों को भी माना दोषी
नवीन वैष्णव@ अजमेर
अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़े सार्वजनिक निर्माण विभाग के दिग्गज अधिकारी अतिरिक्त मुख्य अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। मामले में एसीबी ने रिश्वत देने वाले ठेकेदारों को भी आरोपी माना है।
अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक कैलाशचन्द्र बिश्नोई ने बताया कि गत 18 सितम्बर को सार्वजनिक निर्माण विभाग के दिग्गज अधिकारी अतिरिक्त मुख्य अभियंता महेन्द्र कुमार गुप्ता को पांच लाख 25 हजार रूपए की बड़ी रकम के साथ उनकी निजी कार में पकड़ा था। उक्त राशि के संबंध में वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे। एसीबी ने जब जांच की तो सामने आया कि पांच अलग-अलग लिफाफों में गुप्ता ने विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों से रिश्वत ही ली थी जिसमें रकम के साथ एक नया मोबाईल भी शामिल था। उन्होंने कहा कि रिश्वत देना और लेना दोनों अपराध है, ऐसे में गुप्ता और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर जयपुर स्थित एसीबी मुख्यालय भिजवाई गई है। स्वीकृति मिलते ही सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
जुलाई के बाद नहीं निकाली राशि
एसीबी एसपी बिश्नोई ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य अभियंता गुप्ता के बैंक खाते की जांच की गई तो यह सामने आया कि गुप्ता ने जुलाई के बाद अपने खाते से कोई राशि नहीं निकाली है। इससे साफ जाहिर होता है कि गुप्ता के पास मिली रकम रिश्वत की ही थी। गुप्ता से पूछताछ भी की गई लेकिन फिलहाल वह कुछ भी नहीं कबूल रहे। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद गुप्ता के सीज किए गए बैंक लॉकर्स व सम्पत्ति की भी जांच की जाएगी।
रिटायरमेंट से पहले जाएंगे जेल!
इसी माह एसीई गुप्ता का रिटायरमेंट भी बताया जा रहा है लेकिन गुप्ता रिटायरमेंट के दिन से पहले जेल भी पहुंच सकते हैं। एसीबी भी पूरा प्रयास कर रही है कि मुख्यालय से अनुमति मिलते ही गुप्ता को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई अमल में लाए।
भूमिगत हुए ठेकेदार
पूर्व में जब गुप्ता को बड़ी रकम के साथ पकड़ा गया तो यह कयास लगाया जा रहा था कि किसी ठेकेदार ने ही रिश्वत लेने की सूचना एसीबी को दी है, लेकिन आज एसपी कैलाश चन्द्र बिश्नोई ने यह भी साफ कर दिया कि सूचना देने वाला ठेकेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 102 बी में तो एसीई गुप्ता के खिलाफ पीसी एक्ट की  धारा 8 और 13 व आईपीसी की 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज होगा।
एसीबी की अपील
अजमेर एसीबी के मुखिया और भ्रष्टाचारियों के दुश्मन कैलाश चंद्र बिश्नोई ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई भी सरकारी नुमाईंदा उनसे काम के बदले रिश्वत मांगता है, तो वह सीधे उन्हें शिकायत दें। इसमें वह बिलकुल भी भयभीत ना हों। ऐसे घूसखोरां को वह सबक सिखा देंगे। जिससे कि कोई ओर घूस लेने से पहले सोचेगा और आम आदमी के काम बिना किसी रूकवाट के पूरे हो सकेंगे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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24-09-2018
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Wednesday, 12 September 2018

*आईएएएस पति की अय्याशी और मारपीट से दुखी होकर आईआरएस बिन्नी शर्मा ने की थी खुदकुशी*



*वृद्ध पिता न्याय के लिए काट रहा पुलिस थाने के चक्कर*
नवीन वैष्णव@ अजमेर
जयपुर के राजस्व विभाग में कार्यरत आईआरएएस अधिकारी के मामले में अब तक पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मृतका का वृद्ध पिता न्याय की गुहार लेकर लगातार बजाज नगर थाने के चक्कर काट रहा है। मृतका के पति पर नाबालिग सहित अन्य से दुष्कर्म के भी संगीन आरोप जड़े हैं। वहीं पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देकर कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। 
अजमेर निवासी चन्द्रमोहन शर्मा खुदकुशी करने वाली बिन्नी शर्मा के पिता हैं। शर्मा ने कहा कि गत 6 अगस्त को उसकी बेटी बिन्नी ने खुदकुशी की थी। इसकी नामजद रिपोर्ट और इसके जिम्मेदार बिन्नी के पति गुरप्रीत सिंह वालिया जो कि इंडियन अकाउंट सर्विस में है और चण्डीगढ़ में कार्यरत है, उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उच्च पद पर होने के कारण गुरप्रीत सिंह और उसकी पत्नी रविन्द्र कौर के खिलाफ पुलिस एक्शन लेने से घबरा रही है। शर्मा ने कहा कि वह कार्रवाई की मांग को लेकर कई बार बजाज नगर थाना पुलिस से गुहार लगा चुके हैं लेकिन वहां कोई सुनवाई तक नहीं होती। 
*अय्याश है गुरप्रीत!*
चन्द्रमोहन शर्मा ने आरोप लगाया कि आरोपी गुरप्रीत अय्याश किस्म का है। उसकी इन हरकतों से ही बिन्नी परेशान रहती थी। गुरप्रीत ने उनके घर में काम करने वाली 15 साल की नाबालिग के साथ भी कई बार दुष्कर्म किया वहीं उसके कई अन्य महिलाओं के साथ भी अवैध संबंध थे जिसकी सारी जानकारी बिन्नी ने अपनी डायरी में लिखी है। उक्त डायरी भी पुलिस को दे दी गई। उन्होंने कहा कि गुरप्रीत को जब भी गलत काम करने से बिन्नी रोकती तो वह बिन्नी व उसके दो मासूम बेटों के साथ मारपीट पर उतारू हो जाता था। इसके सीसीटीवी फुटेज भी उन्होंने उपलब्ध करवाए हैं। 
*नानी नानी के साथ रह रहे दोनों बेटे*
मृतका बिन्नी शर्मा के दो बेटे हैं। एक बेटा पहली कक्षा में पढ़ता है तो दुसरा अभी दो साल का ही है। दोनों अपनी मां बिन्नी को याद करके बेहद रोते हैं। दोनों बच्चों का पालन पोषण नाना-नानी ही कर रहे हैं। 
*हाईकोर्ट ने लगा रखी रोक*
इस पूरे मामले पर जब जयपुर शहर पूर्व के पुलिस उपायुक्त गौरव यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि आरोपी भले ही कोई भी हो उसे बख्शा नहीं जाएगा। आरोपी गुरप्रीत वालिया ने हाईकोर्ट की शरण ले ली थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने आगामी तारीख तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक के आदेश दिए थे। ऐसे में गिरफ्तारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि शर्मा ने नाबालिग से दुष्कर्म के जो आरोप लगाए हैं। उस संबंध में पूर्व में भी नाबालिग के घर पुलिसकर्मियों को भेजा गया लेकिन पीड़िता की मां ने कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही। आज भी पुलिसकर्मियों को भेजकर उनसे रिपोर्ट देने के लिए समझाईश की गई है। रिपोर्ट आते ही इसका अलग से मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। 
नवीन वैष्णव
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Monday, 10 September 2018

आनंदपाल का गुर्गा और जोर्डन हत्याकाण्ड का मुख्य आरोपी कालू गिरफ्तार




नवीन वैष्णव@ अजमेर
बीकानेर रेंज का आईजी बनते ही दिनेश एम एन ने फिर अपने चिर परिचित अंदाज में काम करना शुरू कर दिया है। वहीं उनके आने से रेंज के जिला पलिस कप्तान भी एक्टिव हो गए हैं और अपराधियों की धरपकड़ पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। इस बार रेंज की टीम ने दिनेश एम एन के निर्देशन में आनंदपाल के गुर्गे और बहुचर्चित जोर्डन हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपी जगतपाल उर्फ कालू को उसके साथियों के साथ हथियार सहित दबोचने में सफलता प्राप्त की है।
श्रीगंगानगर के पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि आईजी दिनेश एम एन के निर्देश पर कुख्यात बदमाशों के लिए चुरू, हनुमानगढ एवं श्रीगंगानगर पुलिस की टीमों का गठन किया गया। इसी दौरान ईआरटी कमांडो सुरेश कस्वां को मुखबिर से सूचना मिली कि कुख्यात बदमाश जगतपाल अपने सहयोगियों के साथ हथियारों से लैस होकर डैकती की बडी योजना बना रहा है। इस पर टीम ने चूरू जिले के साहवा गांव स्थित गौरीशंकर सैनी के मकान की घेराबंदी करके दबिश दी। मकान में हनुमानगढ़ के मेघाना निवासी जगतपाल सिंह उर्फ कालू , हनुमानगढ़ निवासी जसविन्द्र, परलिका हनुमानगढ़ निवासी बलराम जाट, सोनड़ी हनुमानगढ़ निवासी विक्रम जाट और कृष्ण कुमार जाति जाट को गिरफ्तार किया गया। इन बदमाशों के कब्जे से एक 9 एमएम पिस्टल मय मैगजीन, 5 जिंदा कारतूस, एक पिस्टल 30 एमएम मय मैगजीन मय 10 जिंदा कारतूस, एक मैगजीन 30 एमएम मय जिंदा कारतूस, एक देशी कट्टा मय 3 जिंदा कारतूस, एक लोहे का कटर मय पाईप लगा सामान सहित अन्य वस्तुएं भी बरामद की है। यादव ने कहा कि पांचों मुलजिमों ने रात्रि में बडी डैकती की तैयारी एवं योजना बनाया जाना स्वीकार किया।
पांच हजार का था ईनाम
एसपी यादव ने कहा कि कुख्यात बदमाश जगतपाल सिंह उर्फ कालू पर 5 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। कालू कई मामलों में वांछित चल रहा है। हाल ही में उसने सरदारशहर से एक आईटेन कार लूटी थी जो बरामद कर ली गई है। वहीं क्रेटा कार की लूट सहित कई अन्य मामलों में भी वह फरार चल रहा था। आरोपी कालू के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह से भी तार जुड़े हुए थे। वह आनंदपाल सिंह के लिए भी कई वारदातें कर चुका था। यादव ने बताया कि कालू के साथ पकड़े गए अन्य बदमाशों के खिलाफ भी कई संगीन मामले दर्ज हैं।
आईजी को आज मिली राहत
बीकानेर रेंज के मुखिया दिनेश एम एन को आज ही बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को स्थगित रखते हुए डीजी बंजारा, राजकुमार, दिनेश एम एन सहित अन्य को बरी कर दिया वहीं इसे चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी दिनेश एम एन को इसके लिए बधाई दी। वहीं प्रदेश भर से दिनेश एम एन को शुभकामनाएं मिल रही है। आपको बता दें कि दिनेश एम एन के खुद के इतने फोलोवर्स और शुभचिंतक हैं जितने कई राजनेताओं के नहीं है। सोशल मीडिया पर भी दिनेश एम एन छाए रहते हैं।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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10-09-2018
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Saturday, 8 September 2018

सरकार की वादाखिलाफी से सेवारत डॉक्टर्स खफा, 17 से आंदोलन की राह पर


नवीन वैष्णव अजेर
राजस्थान सरकार की वादाखिलाफी मरीजों के लिए फिर परेशानी बढ़ा सकती है। सेवारत डॉक्टर्स सरकार की वादाखिलाफी से खासे नाराज हैं। सेवारत डॉक्टर्स ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। यदि सरकार नहीं चेतती तो एक बार फिर प्रदेशस्तरीय आंदोलन होगा।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने बताया कि लगभग नौ माह पहले राज्य सरकार के साथ हुए समझौते पर अब तक कोई अमल नहीं किया गया जिससे संघ के सभी सदस्यों में गहरा रोष व्याप्त है। सरकार हर बार सेवारत चिकित्सकों को केवल मात्र आश्वासन दे रही है जो कि गलत है। इन सबको लेकर संघ के सदस्यों की सहमति से यह निर्णय लिया गया है कि आगामी 17 सितम्बर से पुनः आंदोलन की राह पकड़ी जाएगी और इस बार आर-पार की लड़ाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सेवारत चिकित्सक कभी भी नहीं आंदोलन करना नहीं चाहता लेकिन यह सरकार उन्हें मजबूर कर रही है। चौधरी ने साफ कहा कि पूर्व में भी चिकित्सा मंत्री और मंत्री मण्डलीय उपसमिति से चर्चा की गई लेकिन इसके बाद भी चिकित्सकों की मांगे जस की तस बनी हुई है। चिकित्सकों को खासी परेशानियां भी उठानी पड़ रही है। सरकार अगर 17 सितम्बर तक उनकी मांगे नहीं मानती है तो संघ आंदोलन की राह पर जाएगा। इस बार तब तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा जब तक कि मांगे नहीं मान ली जाती।
दो बार हो चुकी है हड़ताल 
सेवारत चिकित्सक पूर्व में दो बार हड़ताल कर चुके हैं। नवम्बर माह में जहां 8 दिन की हड़ताल हुई थी वहीं दिसम्बर में लगातार 12 दिन की हड़ताल हुई थी। जिससे चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। मरीज बेहाल हो गए थे। इसके बाद सरकार ने वार्ता के लिए बुलवाकर जल्द मांगे पूरी करने का लिखित में भी दिया था। संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने कहा कि चिकित्सक लगभग 9 माह से सरकार की ओर मुंह ताक रहे हैं लेकिन सरकार है कि चिकित्सकों के सब्र का इंतहा ले रही है तो अब चिकित्सक भी पीछे हटने वाले नहीं है। अब मांगे मनवाकर ही दम लेंगे। उन्होंने साफ कहा कि यदि हड़ताल होती है और मरीज परेशान होते हैं तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी ना कि चिकित्सक।
सरकार से अपील
राज्य सरकार को चाहिए कि जिन मांगों पर लिखित में सहमति दी गई है। उन्हें जल्द से जल्द पूरा करे। जिससे कि प्रदेश के मरीजों को इसका खामियाजा नहीं भुगतना पड़े। ऐसा ना हो कि फिर चिकित्सक बेमियादी हड़ताल पर चले जाएं और कुछ मरीजां को अपनी जान भी देनी पड़े।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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08-09-2018
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Friday, 7 September 2018

चैन स्नेचर गिरोह का पर्दाफाश, दो शातिर गिरफ्तार

चैन स्नेचर 




तीन शातिर बाईक चोर से दस बाईक बरामद
नवीन वैष्णव@ अजमेर
अजमेर जिला पुलिस के लिए शुक्रवार का दिन अच्छा साबित हुआ। जहां क्रिश्चयनगंज थाना क्षेत्र में चैन स्नेचर दबोच लिए गए वहीं ब्यावर सिटी थाना पुलिस के हाथ बाईक चोर गिरोह हाथ लग गया। 
अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने बताया कि गुरूवार सुबह मंजू अग्रवाल नामक महिला के गले पर झपट्टा मारकर अज्ञात बदमाशों ने सोने की चैन उड़ा ली थी। इसके बाद थानाधिकारी लिखमाराम सहित अन्य ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पूरी रात सघन तलाशी करके दो बदमाशों को दबोच लिया। उनके कब्जे से लूटी गई सोने की चैन और वारदात में प्रयुक्त बाईक बरामद कर ली गई। दोनों आरोपी मुजफ्फर नगर निवासी रिजवान उर्फ काला और मौहम्मद ईरफान उर्फ भोला को गिरफ्तार किया गया। दोनों के कब्जे से लूटी गई सोने की चैन और बाईक बरामद की है। दोनों आरोपी गत 30 अगस्त को वारदात में प्रयुक्त बाईक लेकर अजमेर आए थे। दोनों ने तय प्लानिंग के तहत उक्त वारदात अंजाम दी थी। एसपी राजेश सिंह ने कहा कि दोनों बदमाशों से ओर भी कई वारदातें खुल सकती है। उत्तर प्रदेश पुलिस से भी दोनों का आपराधिक रिकॉर्ड मांगा जा रहा है। उक्त वारदात को खोलने में क्रिश्चयनगंज थानाधिकारी लिखमाराम, एएसआई उगमाराम, हैड कॉन्सटेबल भगवान सिंह, साईबर सैल प्रभारी जगमाल दायमा, कॉन्सटेबल रामनिवास, राजकुमार सहित अन्य थे। सभी को पुरस्कृत किया जाएगा। 
बाईक से पहुंचे थे अजमेर
अजमेर शहर में चैन स्नेचिंग करने वाले गिरोह के दोनों बदमाश उत्तरप्रदेश से बाईक के जरिए अजमेर आए थे। एसपी सिंह ने कहा कि दोनों बदमाशों ने अन्य भी वारदातें अंजाम दी होगी, उसका पता लगाया जा रहा है। अन्य वारदातों का भी खुलासा हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों बदमाश गत 30 अगस्त से अजमेर में थे और गंज थाना क्षेत्र की होटल में रूके हुए थे। 
उत्तर प्रदेश के बदमाश सक्रिय
शहर में पिछले कुछ समय से होने वाली वारदातों में उत्तर प्रदेश के बदमाशों का काफी कनेक्शन मिला है। भले वो प्रोपर्टी संबंधी विवाद हो या फिर लूट या अन्य कोई वारदात। एसपी राजेश सिंह ने कहा कि अजमेर जिले की जनता को प्रोपर्टी संबंधी मामलों में परेशान नहीं होना पड़ेगा। उनका फोकस प्रोपर्टी संबंधी विवादों या उनसे जुड़े मामलों की ओर रहेगा, जिससे कि आमजन को परेशान नहीं होना पड़े और उनकी मेहनत की कमाई को कोई ओर ना ले जा सके। 
तीन बाईक चोर गिरफ्तार
एसपी राजेश सिंह ने बताया कि ब्यावर सिटी थाना पुलिस ने भी वाहन चोरी के मामले में विशेष प्रयास करके गिरोह के तीन सदस्यों को दबोचा है। उक्त सदस्य ब्यावर शहर सहित अन्य स्थानों पर लावारिस खड़े वाहनों को चुरा कर ओने पौने दामों पर बेच देते थे। पकड़े गए गिरोह के सदस्यों में जैतारण निवासी शौकत, ब्यावर छावनी निवासी आलू उर्फ मुकेश और विनोद होटल के पीछे झुग्गी बस्ती निवासी करण उर्फ जलालुद्दीन शामिल है। तीनों के कब्जे से चोरी गई दस बाईक जप्त की गई है। अन्य वारदातां का भी खुलासा हो सकता है।  कार्रवाई करने वाली टीम में ब्यावर थानाधिकारी रविन्द्र प्रताप सिंह, सहायक उपनिरीक्षक सुखराम, प्रभातीलाल, हैडकॉन्सटेबल सुखराम, जगमोहन, बृजमोहन सहित अन्य थे। उक्त बदमाशों से गहन पूछताछ की जा रही है। कई ओर चोरी की वारदातें भी खुल सकती है।
नवीन वैष्णव
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07-09-2018
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Sunday, 2 September 2018

4 साल की मासूम के साथ 12 वर्षीय किशोर ने किया दुष्कर्म


नवीन वैष्णव @ अजमेर
उदयपुर के झाड़ोल थाना क्षेत्र में चार साल की मासूम से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। मासूम के साथ 12 साल के किशोर ने यह घिनौनी हरकत की है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर मासूम बच्ची का मेडिकल मुआयना करवाया है।
झाड़ोल थानाधिकारी चन्द्रशेखर पालीवाल ने बताया कि थाने से तीन किलोमीटर दुर के गांव में 4 साल की मासूम से दुष्कर्म की शिकायत मिली। इस पर उन्होंने 12 साल से कम की मासूम के साथ दुष्कर्म के नए नियमों के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। आज मासूम का उदयपुर के जिला अस्पताल में मेडिकल मुआयना करवाया गया है। एफएसएल की टीम ने भी मौके की गहनता से जांच पड़ताल कर साक्ष्य जुटाए हैं। उन्होंने कहा कि मासूम से दुष्कर्म करने वाला नाबालिग बताया जा रहा है। कोई उसकी उम्र 10 साल बता रहा है तो कोई 12 साल। फिलहाल उसे फरार कर दिया गया है। उसकी तलाश की जा रही है। पालीवाल ने कहा कि किशोर मासूम बच्ची को खिलाने के बहाने घर में ले गया था। किशोर के घर पर कोई नहीं था। इसका फायदा उठाकर उसने मासूम के साथ दुष्कर्म कर दिया।
एक दिन बाद मेडिकल
मासूम के साथ शनिवार को दुष्कर्म होने के बावजूद भी रविवार को उदयपुर के जिला अस्पताल में मेडिकल मुआयना करवाया गया। इसमें पुलिस की लेटलतीफी सामने आई है हालांकि थानाधिकारी चन्द्रशेखर पालीवाल ने इससे इंकार किया है। उन्होंने कहा कि रात्रि आठ बजे पीड़िता बच्ची के परिजन जब मजदूरी से घर आए तो उन्हें घटना की जानकारी मिली। इसके बाद देर रात रिपोर्ट दी गई। रात्रि में ही घटनास्थल का मौका मुआयना कर लिया गया। आज उदयपुर के जिला अस्पताल में मेडिकल करवाया।
नवीन वैष्णव
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02-09-2018
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Friday, 31 August 2018

तीन साल की मासूम से दुष्कर्म करने वाले दरिंदे को मृत्युदण्ड




पोक्सो कोर्ट ने एक माह के भीतर सुनाया एतिहासिक फैसला
नवीन वैष्णव अजमेर
राजस्थान के झुंझुनू जिले में अगस्त माह में तीन साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले वहशी दरिंदे को पोक्सो कोर्ट ने मृत्यु दण्ड की सजा से दण्डित करने की सजा सुनाई है। आरोपी बर्तन बेचने के बहाने पीड़िता की नानी के घर में घुसा था और उसके साथ दरिंदगी करके भाग छूटा था।
झुंझुनू जिले के मलसीसर गांव में 2 अगस्त को तीन साल की मासूम अपनी नानी के घर में अकेली खेल रही थी। इसी दौरान दौसा का रहने वाला विनोद बर्तन बेचने गांव में आया था। बच्ची को अकेला खेलते देख वह बाईक खड़ी करके घर में घुस गया और बच्ची के साथ दुष्कर्म करके उसे लहुलुहान हालत में छोड़कर भाग छूटा। आरोपी विनोद को घर से निकलते पीड़िता की नानी ने देख लिया। उसने आनन फानन में घर में जाकर देखा तो उसके होश फाख्ता हो गए। उसने चीख पुकार कर आरोपी को पकड़ने के लिए आस पड़ोसियों को कहा लेकिन तब तक वह भाग चुका था। इसके बाद पीड़िता को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपी की तलाश की और आरोपी विनोद को दबोच भी लिया।
दिल की मरीज भी है मासूम
बताया जा रहा है कि मासूम चुरू जिले की रहने वाली है। उसे दिल की बीमारी होने के कारण ही वह जुलाई माह में अपनी नानी के यहां उपचार करवाने आई थी। घटना वाले दिन नानी अपने रिश्तेदार के यहां छाछ लेने गई थी और इसी अंतराल में आरोपी विनोद ने मासूम के साथ दुष्कर्म कर दिया।
नियमित सुनवाई
पोक्सो अदालत की न्यायाधीश नीरजा दाधीच ने मामले की नियमित सुनवाई करते हुए शुक्रवार को आरोपी विनोद को मृत्युदण्ड की सजा से दण्डित करने का आदेश जारी किया। पोक्सो कोर्ट खुलने के बाद यह ऐतिहासिक फैसला ही है कि एक माह के भीतर ही सुनवाई करके आरोपी को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई गई।
ऐसे फैसलों से ही आएगी कमी
पिछले कुछ समय से दुष्कर्म की वारदातों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हर कोई चाहता है कि ऐसी वारदातें रूकें लेकिन यह रूकने का नाम नहीं ले रही है। वारदातें बढ़ने के कारण तो कई हैं लेकिन इन्हें रोकने में यदि किसी की अह्म भूमिका होगी तो ऐसे एतिहासिक फैसलों की ।इन फैसलों के बाद ही इस प्रवृति के लोग सुधर सकेंगे और मासूम बच्चियां ऐसा दंश झेलने से बच पाएंगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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31-08-2018
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Thursday, 30 August 2018

60 वर्षीय बुजुर्ग ने लिया संथारा, ढ़ाई घण्टे में छोड़ी देह


अजमेर के ब्यावर की ढ़ाबा गली में रहने वाले 60 वर्षीय बुजुर्ग महावीर चंद पोखरणा ने गुरूवार सुबह 9 बजे संथारा लिया । इसके ढ़ाई घण्टे बाद ही उन्होंने अपनी देह छोड़ दी।
ऑल इंडिया श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ राष्ट्रीय मार्गदर्शक अशोक पारलेचा ने बताया कि टेलरिंग का काम करने वाले महावीर चंद पोखरणा को बोन कैंसर था। जिससे वह गत 8 सालों से परेशान चल रहे थे। इसी बीमारी के चलते उनका हाथ भी काटना पड़ गया था। पिछले कुछ दिनों से उन्हें अधिक ही शारीरिक पीड़ा हो रही थी। ऐसे में उन्होंने संथारा लेने की इच्छा जाहिर की। इस पर सुबह 9 बजे आचार्य ज्ञानचन्द्र जी म.सा. के मुखारविन्द से उन्हें संथारा दिलवाया गया। इसके ढ़ाई घण्टे बाद लगभग साढ़े 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
वैकुण्ठी निकालकर किया जाएगा अंतिम संस्कार
अशोक पारलेचा ने कहा कि शुक्रवार दोपहर 2 बजे वैकुण्ठी निकाली जाएगी। जिसे शहर के विभिन्न रास्तों से ले जाया जाएगा। श्मशान स्थल पहुंचकर महाप्रयाण यात्रा सम्पन्न होगी। इसके बाद इनका बेटा कुशल पोखरणा इन्हें मुखाग्नि प्रदान करेगा। अंतिम संस्कार के समय बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहेंगे।
संथारा का विशेष महत्व
जैन समाज में संथारा का विशेष महत्व होता है। समाज के संत तो अपनी देह संथारा लेकर ही त्यागते हैं। संथारा लेने के पीछे मुख्य उद्देश्य आत्मा को पवित्र करना है। संथारा लेने के बाद अन्न जल त्याग दिया जाता है और केवल ईश्वर की आराधना की जाती है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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30-08-2018
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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से शुरू हुई थी बैंक में घोटाले की शुरूआत


नवीन वैष्णव@ एक्सक्लूसिव न्यूज अजमेर
अजमेर की बैंक ऑफ बड़ौदा की रामगंज ब्रांच में हुए घोटाले की शुरूआत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से हुई थी। इसके लिए विभिन्न फर्जी व्यावसायिक फर्म भी खोली गई। वहीं घोटाले की जांच के लिए सीबीआई अधिकारी अजमेर भी पहुंचे और संबंधित बैंक कार्मिकों से पूछताछ भी की।
बैंक सूत्रों की मानें तो करोड़ों रूपए के घोटाले की शुरूआत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले लोन से ही हुई। तत्कालीन बैंक मैनेजर ज्योति यादव ने इस योजना में कई लोन खोले। इसमें से कुछ फर्जी फर्म के आधार पर भी खोले गए जिनका आज भी कोई अस्तित्व नहीं है। इन फर्म की कुछ किश्तें तो भरी गई जिससे कि बैंक अधिकारियों को फर्जीवाड़े का अहसास ना हो।
मंसूबे पर फिरा पानी
बैंक सूत्र बता रहे हैं कि ज्योति यादव को जयपुर तबादला होने के बाद उसे निवारू रोड़ शाखा का इंचार्ज बना दिया गया। इस ब्रांच में भी उसने बैंक को चपत लगाने का मानस बनाया था लेकिन जागरूक अधिकारियों के कारण वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाई।
पंजाबी ने भी खोली कई फर्में 
जिस मूलचंद पंजाबी की फर्मों के नाम से 1 करोड़ 80 लाख का लोन जारी किया गया। उसी के नाम से कई अन्य फर्म भी खोली गई और उन पर लोन जारी हुआ। पूर्व में तो उनकी किश्तें भी समय से नहीं भरी गई। वहीं ज्योति यादव के रीलिव होने से पहले कुछ खातों में राशि जमा करके बंद करने की जानकारी भी बैंक सूत्रों ने दी है। पंजाबी के रिश्तेदार की मानें तो उसे भी पचास से अधिक लाख का चूना लगा कर गया है। पंजाबी ने अपने बेटे को पुना में अच्छा काम काज भी खुलवाया है।
बंद लोन अकाउंट फिर शुरू
बैंक ऑफ बड़ौदा के कई ग्राहकों के बंद लोन अकाउंट भी नए सिरे से शुरू हुए। शहर के ही रहने वाले एक वकील साहब ने बताया कि उनके बंद खाते में लाखों का ट्रांजेक्शन किया गया। जिस दिन रूपए जमा किए जाते, उसी दिन निकाल भी लिए जाते। इसकी जानकारी जब उन्हें मिली तो वह बैंक पहुंचे। बैंक के दस्तावेजों की जांच कर रहे अधिकारियों ने उन्हें उक्त एंट्रियां हटवाने का आश्वासन दिया। इसी तरह उनके एक परिचित की पत्नी के नाम से भी लोन अकाउंट खोल दिया गया। जब बैंक अधिकारियों ने लोन अकाउंट के बारे में बताया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बाद में बैंक अधिकारियों ने पूरी जांच के बाद अकाउंट बंद करने के लिए आश्वस्त किया।
जांच लगभग सम्पन्न
बैंक ऑफ बड़ौदा की डिप्टी जनरल मैनेजर सविता कैनी ने कहा कि बैंक ने अपने स्तर पर जो जांच कमेटी गठित की उसकी जांच लगभग पूरी हो चुकी है। इसकी जांच रिपोर्ट आने के साथ ही सीबीआई को तथ्यों के साथ रिपोर्ट पेश की जाएगी, हालांकि सीबीआई को प्रकरण की जानकारी दे दी गई है। सीबीआई के अधिकारियों ने अजमेर के रीजनल ऑफिस पहुंचकर मामले के संबंध में पूछताछ भी की है। एक दो दिन में सीबीआई मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि अब तक साढे़ तीन करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आ चुका है। वास्तविक आंकड़े रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएंगे। कैनी ने साफ कहा कि जांच रिपोर्ट में जिस भी बैंक कार्मिक का घोटाले में हाथ होना सामने आया, उसे किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।
बैंक अधिकारी ही दोषी
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से रिटायर्ड एजीएम नवीन मेघवाल ने बताया कि यदि किसी भी ग्राहक के दस्तावेज पर नियमों की अनदेखी कर लोन दिया गया है तो उसका दोषी बैंक अधिकारी को ही माना जाएगा। बैंक अधिकारी को इस संबंध में सारी जानकारी दी जाती है। इसके बावजूद यदि वह दे रहा है तो उसका निजी स्वार्थ ही माना जाएगा। जो न्यायिक कार्रवाई होगी वह बैंक अधिकारी के खिलाफ ही होगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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30-08-2018
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अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट के दो आरोपियों की सजा स्थगित, कल आएंगे जेल से बाहर


नवीन वैष्णव@ अजमेर
अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में बम ब्लास्ट के दो आरोपियों की सजा को हाईकोर्ट ने स्थगित कर जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए हैं। जस्टिस मनीष भण्डारी की खण्डपीठ ने यह आदेश जारी किए।
एडवोकेट मनोज शर्मा और जे.एस. राणा ने हाईकोर्ट में दरगाह बम ब्लास्ट के आरोपी देवेन्द्र गुप्ता और भावेश पटेल के लिए जमानत याचिका दायर की थी। एडवोकेट राणा ने बताया कि उनके दोनों मुव्वकिलों के खिलाफ कोई सबूत नहीं थे, केवल मात्र संभावनाओं के आधार पर ही उन्हें दोषी करार दिया गया था। उन्होंने अदालत के समक्ष यह दरख्वास्त की कि भावेश पटेल का फोन 11 और 12 अक्टूबर को बंद था। केवल फोन बंद होने से ही यह नहीं माना जा सकता कि वह अजमेर आकर बम रखकर गया हो। इस दलील से न्यायाधीश संतुष्ट हुए। वहीं देवेन्द्र गुप्ता को लेकर दलील दी गई कि देवेन्द्र गुप्ता ने जो ड्राईविंग लाईसेंस बनवाया उसमें दलाल ने कूटरचित दस्तावेजों को काम में लिया। इसके आधार पर ही यह माना गया कि जो सिम दरगाह के पास से बरामद हुई वह देवेन्द्र गुप्ता के नाम से ली गई होगी जबकि ऐसा भी प्रमाणित नहीं हुआ। इन सभी दलीलों को सुनकर न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों की सजा को स्थगित कर जमानत देने के आदेश जारी किए। राणा ने कहा कि दोनों आरोपी शुक्रवार को जेल से बाहर आएंगे।
मामला एक नजर
11 अक्टूबर 2007 को अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह में बम ब्लास्ट किया गया था। जिसमें हैदराबाद निवासी तीन जायरीन की मौत हो गई थी जबकि कई घायल हो गए थे। इस मामले में चार आरोप पत्र पेश किए गए। इसके आधार पर 8 मार्च 2017 को सीबीआई कोर्ट ने भावेश पटेल, देवेन्द्र गुप्ता और सुनिल जोशी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया था। सुनिल जोशी की पूर्व में ही मृत्यु हो गई थी जबकि देवेन्द्र गुप्ता और भावेश पटेल को 2010 में गिरफ्तार कर लिया गया था।
नवीन वैष्णव
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Monday, 27 August 2018

लोन के नाम पर बैंक में करोड़ों का घोटाला, महिला ब्रांच मैनेजर सहित दो सस्पेंड

Jyoti Yadav


नवीन वैष्णव@ एक्सक्लूसिव न्यूज अजमेर
देश के बड़े घोटालेबाज विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और जतिन मेहता के बाद अब अजमेर में भी लोन के नाम पर घोटाला करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसकी जानकारी मिलते ही बैंक प्रबंधन ने महिला ब्रांच मैनेजर और क्रेडिट ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया है।
मामला अजमेर के रामगंज स्थित बैंक ऑफ बड़ोदा ब्रांच का है। यहां पर गत दो साल से कार्यरत ब्रांच मैनेजर ज्योति यादव पर बिना डॉक्यूमेंटस के करोड़ों के लोन जारी करके बैंक को घाटा और खुद को फायदा पहुंचाने की जानकारी बैंक प्रबंधन को मिली। इसको देखते हुए बैंक की डिप्टी जनरल मैनेजर सविता कैनी ने तत्कालीन मैनेजर ज्योति यादव और क्रेडिट ऑफिसर प्रदीप को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
बैंक ऑफ बड़ोदा के रीजनल मैनेजर विमल नेगी ने बताया कि रामगंज ब्रांच के वर्तमान मैनेजर आशुतोष कुलदीप ने उन्हें करोड़ों रूपए का लोन बिना दस्तावेजों के खोलने की जानकारी दी। जब उन्होंने प्रथमदृष्टया जांच की तो पूर्व ब्रांच मैनेजर ज्योति यादव की खामी सामने आई। इसकी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई तो उन्होंने ज्योति यादव और तत्कालीन क्रेडिट ऑफिसर रहे प्रदीप को भी सस्पेंड कर दिया। नेगी ने कहा कि मामला सामने आने के बाद गहनता से सभी दस्तावेजों की जांच करवाई जा रही है।
सीबीआई की जानकारी में प्रकरण
रीजनल मैनेजर नेगी ने बताया कि उक्त मामले की जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सीबीआई को भी दे दी गई है। घोटाले का पूरा आंकलन होने के बाद सीबीआई इस मामले में मुकदमा दर्ज करेगी और आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी।
इस तरह हुआ घोटाला
रामगंज ब्रांच के वर्तमान मैनेजर आशुतोष कुलदीप ने बताया कि जून माह में पूर्व ब्रांच मैनेजर ज्योति यादव का तबादला जयपुर हुआ था। उसने रीलिव होने वाले दिन 1 करोड़ 80 लाख रूपए का लोन चन्द्रवरदाई नगर निवासी मूलचंद पंजाबी के नाम से जारी किया। जब उसने दस्तावेजों की जांच की तो यह खामी सामने आई। इस संबंध में जब ज्योति यादव से बात की तो उसने खुद के पास दस्तावेज होने और दस्तावेज पहुंचाने को कहा लेकिन उसके बाद से फोन बंद कर दिया। वहीं मूलचंद पंजाबी के घर पर जब पहुंचे तो वह भी वहां से गायब मिले और उनका फोन भी बंद मिला। आशुतोष कुलदीप ने यह भी कहा कि पूर्व में भी घोटाले होने के साक्ष्य मिले हैं। फिलहाल इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। अनिल बिश्नोई नामक एक व्यक्ति के खाते में भी बैंक से भारी मात्रा में राशि ट्रांस्फर की गई है।
कई अन्य खामियां भी आई सामने
बैंक प्रबंधन ने फिलहाल रामगंज ब्रांच में अलग से सीनियर ऑफिसर्स को जांच का जिम्मा सौंपा है। ऑफिसर्स की जांच में कई अन्य खामियां भी सामने आई है जो भी बैंक को घाटा पहुंचाने वाली है। इसमें से कुछ ऐसी है कि ग्राहक के पुराने लोन को पूरा करने के बाद भी दस्तावेज नहीं लौटाए गए और उस पर दुसरा लोन जारी कर दिया गया। वहीं कुछ में गलत जानकारी से बड़ी राशि का लोन स्वीकृत कर दिया गया।
गेहूं के साथ पिसा घून!
पूर्व मैनेजर ज्योति यादव की गलती तो हालांकि प्रथम दृष्टया बैंक प्रबंधन के सामने आ गई है और वह फरार भी हो गई, लेकिन क्रेडिट ऑफिसर प्रदीप के खिलाफ फिलहाल कोई भी सबूत नहीं मिले, ना ही उसके कहीं कोई हस्ताक्षर मिले हैं। इसके बावजूद प्रदीप को भी सस्पेंड किया गया है। वहीं ब्रांच में ऑपरेशन का काम देखने वाली बरखा का पासवर्ड भी ज्योति द्वारा घोटाले में काम में लेने की बात सामने आई है। ऐसे में बरखा का तबादला भी अन्य ब्रांच मे कर दिया गया है।
हाई फाई थी मैनेजर
रामगंज की पूर्व मैनेजर ज्योति यादव काफी हाई फाई तरीके से रहती थी। खुद को बड़े अधिकारी की बेटी बताती थी और बड़ी-बड़ी बातें भी करती थी। इससे हर कोई उसे ऊंची पहुंच वाली समझता था। ब्रांच का स्टॉफ तो मानों उसके आगे बोलने से पहले भी सोचता था। वहीं ग्राहकों से भी भिड़ने में जरा नहीं सोचती थी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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27-08-2018
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Wednesday, 22 August 2018

दिवंगत पूर्व उपराज्यपाल गोविन्द सिंह गुर्जर के दत्तक पुत्र सुनिल गुर्जर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

सुनिल गुर्जर

सुनिल गुर्जर पर चचेरी बहन के पति से मर्सडिज कार के नाम पर 21 लाख रूपए हड़पने का है आरोप
नवीन वैष्णव@ अजमेर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिवंगत पूर्व उपराज्यपाल गोविन्द सिंह गुर्जर के दत्तक पुत्र और नसीराबाद विधायक रामनारायण गुर्जर के पुत्र सुनिल गुर्जर पर जयपुर के वैशालीनगर थाने में धोखाधड़ी कर रूपए हड़पने का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा सुनिल गुर्जर की चचेरी बहन के पति सुरेन्द्र सिंह ने मर्सडिज कार के नाम पर 21 लाख रूपए हड़पने को लेकर करवाया है।
जयपुर निवासी परिवादी सुरेन्द्र सिंह ने वैशालीनगर थाने में शिकायत देकर बताया कि नसीराबाद निवासी सुनिल गुर्जर उसका रिश्ते में साला लगता है। वह पेशे से आईटी इंजीनियर है। सुनिल के सबल भारत संस्थान ट्रस्ट का आईटी का काम वही देखता था। इसी दौरान जनवरी 2017 में सुनिल गुर्जर ने अपनी मर्सडिज कार बेचने की मंशा बताई। उसे कार समझ में आ गई तो उसने रजामंदी जता दी। इसके बाद 21 लाख रूपए में सौदा तय हुआ। 1 लाख 10 हजार रूपए 31 जनवरी 2017 को नगद दिए गए जबकि अन्य फरवरी माह में देने का तकाजा हुआ। इसका इकरारनामा भी बनवाया गया। सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि सुनिल गुर्जर ने उसका लोन करवाने के लिए कार का ऑरिजनल रजिस्ट्रेशन, शपथ पत्र और फॉर्म 29 व 30 भी भरकर दिया। इसके आधार पर उसने कोटेक महिन्द्रा कम्पनी से अपना 19 लाख 90 हजार का लोन करवा लिया। लोन की राशि आने के बाद उसने सुनिल के कहे अनुसार 6 जनवरी को 2 लाख रूपए सुनिल गुर्जर के खाते में, 16 हजार 800 रूपए सबल भारत संस्थान ट्रस्ट, 7 फरवरी को गोविन्द सिंह गुर्जर ट्रस्ट में 3 लाख 40 हजार और 8 फरवरी को सुनिल गुर्जर के खाते में 10 लाख 84 हजार रूपए ऑनलाईन ट्रांस्फर किए। पूरी रकम ट्रांस्फर होने के बाद कार की डिलीवरी देने का वादा था लेकिन अब तक डिलीवरी नहीं दी।
खुले आम धमकियां
सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि सुनिल गुर्जर के जैविक पिता नसीराबाद विधायक रामनारायण गुर्जर के छोटे भाई प्रकाश गुर्जर का वह दामाद है। ऐसे में उसने कई बार आपस में ही मामला निपटाने और कार की डिलीवरी दिलवाने के लिए स्वयं रामनारायण गुर्जर और अन्य परिजनों से भी वार्तालाप किया लेकिन किसी ने भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वहीं सुनिल गुर्जर उसे व उसकी पत्नी को धमकाने लगा कि वह कार नहीं देगा। उसकी राजनीतिक पहुंच है तो कोई भी कुछ नहीं कर सकता।
डेढ़ माह में मुकदमा
सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि जूलाई माह के प्रथम सप्ताह में उसने वैशालीनगर थाने में शिकायत दी थी। जिसे पहले तो परिवाद में रखा गया। थानाधिकारी ने स्वयं भी आपसी स्तर पर ही मामला निपटाने के लिए सुनिल गुर्जर को कहा लेकिन उसने एक नहीं सुनी। अब एसीपी के निर्देश पर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि उसे पुलिस पर पूरा भरोसा है कि उसे न्याय मिलेगा और सुनिल गुर्जर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
कई हैं पीड़ित
सुरेन्द्र सिंह की मानें तो कार के अलावा भी वह 10 से 12 लाख रूपए सुनिल गुर्जर से मांगता है। जिसका भी उसके पास पूरा रिकॉर्ड है। वहीं सुनिल ने उसके कई दोस्तों से भी रात्रि में ईमरजैंसी होने की बात कहकर लाखों रूपए लिए हैं जो आज दिन तक वापस नहीं लौटाए। इसी तरह कई ओर भी सुनिल के पीड़ित हैं। जिन्हें सुनिल ने लाखों का चूना लगाया है। ऐसे लोगों से ना तो सुनिल मिलता है और ना ही उनके फोन उठाता है। कोई सामने पड़ भी जाए तो उसे उलटा फंसाने की धमकी देकर भगा दिया जाता है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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22-08-2018
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Monday, 13 August 2018

रिटायर्ड प्रधानाध्यापिका के घर लूट की वारदात का पर्दाफाश, सफेदपोश गिरफ्तार




यूपी के शूटर ने दी थी वारदात अंजाम
नवीन वैष्णव अजमेर
अजमेर के क्रिश्चयनगंज थाना क्षेत्र के गोकुल धाम में जून माह में रिटायर्ड प्रधानाध्यापिका के साथ हुई लूट की वारदात का जिला पुलिस कप्तान राजेश सिंह ने पर्दाफाश कर दिया। उन्होंने बताया कि लूट की वारदात सफेदपोश लोगों के ईशारे पर की गई थी और इस वारदात को ईटावा के बदमाशों ने अंजाम दिया था।
जिला पुलिस कप्तान राजेश सिंह ने बताया कि क्रिश्चयनगंज थानाधिकारी धर्मवीर सिंह और स्पेशल पुलिस के इंचार्ज विजय सिंह रावत की टीम ने मेहनत करके दो माह पहले हुई वारदात को खोलने में सफलता प्राप्त की है। इसके लिए दोनों की टीम बधाई के पात्र हैं। उन्होंने पूरी टीम को सम्मानित करने की बात कही।
शिवसेना का उपजिलाप्रमुख है मुख्य आरोपी
क्रिश्चयनगंज थानाधिकारी धर्मवीर सिंह ने कहा कि वारदात का मुख्य आरोपी कुंदननगर निवासी मनोज यादव है। मनोज शिवसेना के युवा सेना का उप जिला प्रमुख है और अच्छे परिवार से संबंध रखता है। इसी तरह मनोज का जीजा लाली उर्फ संदीप रॉय और गोविन्द सिंह उर्फ लाला के परिवार में भी किसी तरह की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मनोज और अन्य दोनों ने मिलकर ईटावा के बदमाश मौहम्मद ईसरार उर्फ मौहम्मद कल्लू से सम्पर्क साधकर वारदात को अंजाम देने की साजिश रजी। इसके बाद मौहम्मद कल्लू अपने दो साथियों के साथ 11 जून की रात आया और देशी कट्टे की नोक पर लाखों की नगदी व भारी मात्रा में सोने-चांदी के जेवर लूटकर ले गए। मनोज व पकड़े गए दोनों आरोपी पुष्कर रोड़ स्थित निजी अस्पताल के पास ही इंतजार कर रहे थे। यहीं पर लूटे गए माल का बंटवारा भी हुआ। थानाधिकारी धर्मवीर ने कहा कि ईटावा के बदमाशों ने लूटे गए माल की नगदी को छिपा लिया और सोने के जेवरातों का बंटवारा कर लिया। उनकी मानें तो अधिकांश जेवरात भी ईटावा के बदमाश ही ले गए।
बदमाश बनना था सपना
थानाधिकारी धर्मवीर सिंह ने कहा कि मनोज यादव, लाली और लाला सभी सक्षम होते हुए भी लालच में पकड़कर यह वारदात करवाई। उन्होंने कहा कि मनोज यादव का सपना बदमाश बनने का था और शहर पर राज करने की भी उसकी मंशा थी। इसके चलते वह समय समय पर खुद को प्रदर्शित भी करता था।
बड़े-बड़े नेताओं के साथ भी है फोटो
वारदात के मुख्य आरोपी मनोज यादव के फोटो अजमेर शहर के ही नहीं बल्कि प्रदेश के बड़े-बड़े नेताओं के साथ फोटो है। हमेशा मोटी-मोटी सोने की चैनें और अंगुठियां पहनकर किसी बाहूबली की तरह मनोज यादव सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेता था। उसका हुलिया देखकर ही नेता भी उसे अपने पास बैठाना शान समझते थे।
विजय सिंह की मुख्य भूमिका
थानाधिकारी धर्मवीर सिंह ने कहा कि स्पेशल पुलिस के इंचार्ज विजय सिंह रावत की इस वारदात को खोलने में अह्म भूमिका रही। उन्होंने ही आरोपियों के संबंध में सूचना दी जबकि आरोपी तो निश्चिंत हो गए थे कि उनका कहीं नाम तक नहीं आया है। विजय सिंह ने कड़ी से कड़ी जोड़कर आरोपियों को थाने की टीम व स्पेशल टीम के साथ दबोचा। वहीं ईटावा के बदमाशों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।  कार्रवाई में स्पेशल टीम के एएसआई मनोज चौहान, रामनारायण चौधरी, हैडकॉन्सटेबल मनोहर सिंह, दुर्गेश सिंह, कॉन्सटेबल रतन सिंह, जोगेन्द्र सिंह, महिपाल सिंह, क्रिश्चयनगंज थाने से हैडकॉन्सटेबल भगवान सिंह, कॉन्सटेबल जगदीश, प्रभात मीणा, राकेश मीणा, राजकुमार और गिरीराज सिंह शामिल थे।
वारदात को माना था चैलेंज
इस वारदात को थानाधिकारी धर्मवीर सिंह ने भी चैलेंज माना और यहां रहते ही इस वारदात का खुलासा करके बदमाशों को बैरक के भीतर धकेल दिया। आगामी दिनों में धर्मवीर सिंह यहां से रिलीव भी होने जा रहे हैं। उनका तबादला नागौर हुआ है। उनके उज्जवल भविष्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करूंगा और उनको यह सुझाव भी दुंगा कि पुलिस के नारे को बुलंद करें। आमजन को न्याय दिलवाना ही अपनी प्राथमिकता समझें। जैसे कार्य अजमेर पुलिस में किया, उससे भी अच्छा नागौर जिला पुलिस के लिए करें।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987, 9351087614
13-08-2018
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Thursday, 9 August 2018

नगर निगम का जेईएन 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार





भाजपा पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार भी है मामले में आरोपी
नवीन वैष्णव अजमेर
अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधीक्षक कैलाश चंद्र बिश्नोई ने भ्रष्टाचार मुक्त अजमेर अभियान चला रखा है। इसी के तहत नगर निगम के जेईएन को 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। वहीं निगम का वार्ड संख्या 4 का पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार भागने में कामयाब हो गया।
एसीबी एसपी कैलाश चंद्र बिश्नोई ने बताया कि फॉयसागर रोड़ निवासी मोहित सोनी ने ब्यूरो को शिकायत दी कि वह अपने मकान पर ही तीसरी मंजिल का निर्माण कार्य कर रहा है। स्थानीय भाजपा पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार उसके यहां आया और निर्माण कार्य को अवैध बताकर काम बंद करवाने की धमकी दी साथ ही भू तल पर चल रही डेयरी को भी बंद करवाने को कहा। इसके बाद भी जब पंवार को तवज्जो नहीं दी गई तो वह निगम के जेईएन राजेश मीणा को अपने साथ ले गया और काम रूकवाने का प्रयास किया। निर्माण कार्य करने के लिए पार्षद ने 50 हजार व जेईएन मीणा ने 25 हजार की डिमाण्ड की। बिश्नोई ने कहा कि शिकायत का सत्यापन करवाकर स्पेशल यूनिट इंचार्ज मदनदान सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
50 से कम नहीं चलेगा
एसीबी के स्पेशल यूनिट इंचार्ज मदनदान सिंह ने बताया कि इस मामले का मुख्य आरोपी वार्ड 4 का पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार ही है जो भाजपा से ही पार्षद है। पार्षद पंवार ने सोनी को साफ कहा था कि 50 हजार की राशि से एक रूपया भी कम नहीं चलेगा वहीं जेईएन 25 हजार में राजी हो गया। देर रात एसीबी ने जाल बिछाया। जेईएन ने अंधेरी गलियों में परिवादी मोहित सोनी को बुलाया और जैसे ही रकम ली उसे एसीबी की टीम ने दबोच लिया। उन्होंने कहा कि पार्षद को भी दबोचने का प्रयास किया गया लेकिन वह शातिर निकला और भागने में कामयाब हो गया। पार्षद के घर भी दबिश दी गई लेकिन वह वहां भी नहीं मिला। जल्द ही पार्षद पंवार भी गिरफ्त में होगा।
आरएसएस की स्कूल का पूर्व प्राचार्य
मामले का आरोपी पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आदर्श विद्या निकेतन स्कूल का प्राचार्य भी रह चुका है। इसके अलावा भी आरएसएस में कई पदों पर रहने की बात भी सामने आई है।
भाजपा बोर्ड पर दाग!
नगर निगम का भाजपा बोर्ड इस बार किसी ना किसी तरह सवालों के घेरे में ही रहा है। अब भाजपा के ही एक पार्षद के इस तरह खुले आम भ्रष्टाचार करने से बोर्ड पर ओर दाग सा लग गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं भी इस पार्टी से ही हैं और कहते हैं कि ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा। उन्हीं की पार्टी में गत दो दिन से लगातार जनप्रतिनिधि ही भ्रष्टाचार करते पाए गए हैं। ऐसे में पार्टी के आलाकमान क्या कहेंगे?
निगम में भ्रष्टाचार का जाल
नगर निगम में यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले भी तीन कार्रवाईयां हो चुकी है लेकिन यहां के अधिकारी व जनप्रतिनिधि इससे कोई सबक नहीं लेते। यदि एसीबी गहनता से यहां की पड़ताल करें तो भ्रष्टाचार की कई परतें खुल सकती है और सफेदपोशों के चेहरों से नकाब भी हटेंगे। आज शहर में जो अतिक्रमण हो रखे हैं या आवासीय भूखण्डों पर आलीशान होटलें या फिर व्यावसायिक कॉम्पलेक्स बने हुए हैं। वह निगम के अधिकारियों से छुपे हों, ऐसा तो संभव ही नहीं। जब बनना शुरू होता है उसी समय सारा तय हो जाता है। यदि कोई शिकायत हो तो उसे भी टाल दिया जाता है। एसीबी के एसपी बिश्नोई जी और उनकी टीम को अब तक की कार्रवाई के लिए बहुत बधाई और शुभकामनाएं। एक सुझाव अवश्य दुंगा कि निगम में चल रहे भ्रष्टाचार के जाल को पूरी तहर समाप्त करवाएं जिससे कि अजमेर का विकास हो सके।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987, 9351087614
09-08-2018
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Wednesday, 8 August 2018

बबीता नाम पर संकट! ब्यावर में भाजपा की सभापति पति और दलाल के साथ गिरफ्तार


एसीबी ने सवा दो लाख लेते रंगे हाथ दबोचा, सौ करोड़ के मॉल की स्वीकृति के लिए 78 लाख की दुकान ली
नवीन वैष्णव @अजमेर
अजमेर जिले के ब्यावर नगर परिषद की सभापति बबीता चौहान सवा दो लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार की गई है। सभापति चौहान के पति नरेन्द्र चौहान और एक अन्य बिचौलिए को भी एसीबी ने दबोचा है। वहीं एसीबी ने एक अन्य मामला भी दर्ज किया है जिसमें सभापति बबीता चौहान और उसके पति नरेन्द्र ने बिचौलिए के जरिए मॉल के कन्वर्जन के लिए 50 लाख कीमत की दुकान की रजिस्ट्री भी करवाई थी।
अजमेर एसीबी के एसपी कैलाश चंद्र बिश्नोई ने बताया कि ब्यावर की सभापति बबीता चौहान के खिलाफ जमकर भ्रष्टाचार करने की शिकायतें मिल रही थी। इसके तहत इस पर नजर रखी जा रही थी। इसी दौरान ब्यावर के कॉलेज रोड़ स्थित जैन फर्टिलिटी हॉस्पिटल के संचालक डॉ राजीव जैन ने सभापति चौहान के खिलाफ परिवाद पेश किया जिसमें बताया कि उसके आवासीय भूखण्ड को व्यावसायिक में रूपान्तरित करने के लिए फाईल लगाई तो नगर परिषद के बाबू जुंजार ने सभापति के घर जाकर मिलने की बात कही। जब वह सभापति चौहान व उसके पति से मिला तो भू रूपान्तरण के लिए सवा दो लाख रूपए की राशि की डिमाण्ड की तथा साथ ही चार-पांच दिन में रूपए देने को भी कहा। डॉ जैन की शिकायत का सत्यापन करवाकर आज सुबह लगभग सवा नौ बजे बबीता चौहान के घर पर ही रिश्वत की रकम भिजवाई गई। जैसे ही रकम चौहान ने प्राप्त की और जैन का ईशारा मिला। एसीबी की टीम ने धावा बोलकर चौहान दम्पति को दबोचना चाहा। ऐसे में दोनों ने शातिरपन दिखाते हुए शिवप्रसाद नामक व्यक्ति को रिश्वत की रकम लेकर भगाने का प्रयास भी किया लेकिन इसमें भी वह विफल रहे।
मनपसंद दुकान लूंगी
एसपी बिश्नोई ने बताया कि सभापति चौहान के खिलाफ ब्यावर नगर परिषद के पार्षद गुरूबच्चन सिंह ने एसीबी को शिकायत दी कि हॉस्पिटल मार्ग पर कॉम्पलैक्स की स्वीकृति के लिए फाईल लगाई जिसमें सभापति चौहान और उसका पति नरेन्द्र चौहान स्वीकृति के लिए कॉम्पलेक्स में मनपंसद दुकान की डिमांड कर रहे हैं। तय बातचीत के अनुसार शिकायतकर्ता गुरूबच्चन सिंह ने पार्षद चौहान के कहे अनुसार एक दुकान की रजिस्ट्री किसी बिचौलिए के नाम भी करवा दी। जिसकी वर्तमान कीमत लगभग 78 लाख रूपए है। बिश्नोई ने कहा कि हालांकि नरेन्द्र चौहान ने दुकान की रजिस्ट्री सविता कांकाणी के नाम करवाई थी। इससे पहले शिकायतकर्ता से पांच लाख रूपए लेकर सविता के खाते में जमा करवाए गए और यही रकम शिकायतकर्ता के खाते में डाली गई जिससे कि स्पष्ट हो कि रूपए देकर दुकान ली गई है। 
प्रोपर्टी भी खोलेगी राज
भाजपा से जीतकर पार्षद बनी बबीता चौहान पर चुनाव प्रभारी व स्थानीय विधायक की मेहरबानी रही कि वह सभापति भी बना दी गई। सभापति बनने के बाद से ही बबीता चौहान के पति नरेन्द्र चौहान ने पूरा साम्राज्य जमा लिया और हर फाईल पर रूपए लेना शुरू कर दिया। कई तो ऐसे मामले भी हुए कि सड़क बनी नहीं और उसकी राशि भी स्वीकृत हो गई। सभापति चौहान को लेकर ना केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा में भी रोष था लेकिन भाजपा के आला नेताओं का हाथ सिर पर होने के कारण इसका बाल भी बांका नहीं हो पाता। अब चौहान की प्रोपर्टी की जांच चल रही है जो भी कई राज खोलेगी। 
वो भी बबीता ये भी बबीता
जैसे ही सोशल मीडिया पर सभापति बबीता चौहान के ट्रेप की खबर प्रसारित हुई तो लोगों ने यह भी लिखा कि बबीता नामक की युवतियां और उनके पतियों के दिन अच्छे नहीं है। जहां मंगलवार को बबीता चौधरी अपने वकील पति के साथ धरी गई वहीं आज बुधवार को सभापति बबीता चौहान भी अपने पतिदेव के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार हुई।
कार्रवाई करने वाली टीम
भाजपा की भ्रष्टाचार सभापति बबीता चौहान के खिलाफ कार्रवाई एसपी कैलाशचंद्र बिश्नोई के नेतृत्व में की गई। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रप्रकाश शर्मा, डीएसपी महिपाल सिंह, सीआई इस्माईल खान, हैडकॉन्सटेबल कैलाश चारण, रामचन्द्र, रीडर राजेश शर्मा, कॉन्सटेबल भरत सिंह, युवराज सिंह, शिव सिंह, जीवनदान और किरण सिंह शामिल थे। पूरी टीम को महिला एवं बाल विकास विभाग के बाद बड़ी कार्रवाई करके भ्रष्टचारियों को जेल के सीखचां तक पहुंचाने का काम करने के लिए बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। खास तौर से एसपी कैलाशचन्द्र बिश्नोई को बधाई  जो भ्रष्टचारियों को अपने नियत स्थान तक पहुंचाने के लिए अलर्ट रहते हैं। 
नागौर में पटवारी गिरफ्तार, यह भी ‘‘ब’’
अजमेर एसीबी की टीम ने एक दिन में ही दो कार्रवाई कर डाली। दुसरी कार्रवाई नागौर के खींवसर तहसली के तांतवास पटवार मण्डल में हुई। एसपी बिश्नोई ने बताया कि परिवादी भूरा राम ने टयूबबेल शिफ्टिंग के लिए पटवारी बस्तीराम से बात की तो उसने अवैध बताकर सीज करवाने की धमकी दी। ऐसा नहीं करने की एवज में दस हजार रूपए की डिमाण्ड की। बाद में 8 हजार रूपए में राजी हुआ। भूरा राम की शिकायत का सत्यापन करवाकर आज 8 हजार रूपए लेते बस्तीराम को रंगे हाथ ट्रेप किया गया। उक्त कार्रवाई डीएसपी जाकिर हुसैन और उनकी टीम ने अंजाम दी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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08-08-2018
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Monday, 6 August 2018

आईआरएस अधिकारी ने फंदे में ढूंढा परेशानियों का अंत, आईएएस पति पर आरोप


नवीन वैष्णव@ अजमेर
जयपुर के राजस्व विभाग के जीएसटी विभाग में कार्यरत 35 वर्षीय महिला आईआरएस अधिकारी ने बीती देर रात फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस को सुसाईड नोट बरामद हुआ है जिसमें उसने पति और सास पर प्रताड़ित करने के आरोप जड़े हैं।
जयपुर शहर पूर्व के पुलिस उपायुक्त गौरव यादव ने बताया कि सोमवार रात्रि लगभग 12 बजे बजाज नगर स्थित एजी कॉलोनी में रहने वाली आईआरएस अधिकारी बिन्नी शर्मा द्वारा फांसी लगाने की सूचना मिली थी। इस पर रात्रि में ही पुलिस की टीम को मौके पर भेज दिया गया और एफएसएल से जांच करवाई गई। इसके बाद शव को जयपुरिया अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया गया। उन्होंने कहा कि मौके से अंग्रेजी में लिखा एक सुसाईड नोट बरामद हुआ है जिसमें लिखा गया कि पति गुरमीत वालिया और उनकी मां ने खूब प्रताडित किया। इन दोनों ने उनका जीवन खराब कर दिया। इससे दुखी होकर ही वह यह कदम उठा रही है। उपायुक्त यादव ने कहा कि मृतका बिन्नी शर्मा के पति गुरमीत वालिया भी आईएएस अधिकारी हैं और चण्डीगढ़ में कार्यरत हैं।
मां के साथ रहती थी बिन्नी
यादव ने बताया कि मृतका बिन्नी अपनी मां और दो बच्चों के साथ यहां रहती थी। मिली जानकारी के अनुसार बिन्नी काफी समय से डिप्रेशन में भी रहती थी। पति और उसके बीच चल रही अनबन की बात भी प्रथम दृष्टया सामने आई है। पूरे मामले की जांच में पुलिस जुटी हुई है। यादव ने कहा कि बिन्नी शर्मा के पति आईएएस गुरमीत वालिया को सूचित कर दिया गया लेकिन अब तक वह जयपुर नहीं पहुंचे हैं।
क्या यही है आखिरी रास्ता?
इस घटनाक्रम के बाद फिर सवाल उठता है कि क्या खुदकुशी करना किसी समस्या का आखिरी उपाय है? ऐसा तो नहीं हो सकता लेकिन फिर भी मामूली से मामूली व्यक्ति से लेकर शीर्षस्थ पद पर बैठे लोगों द्वारा ही यह कदम उठाना अपने आप में सोचने पर मजबूर करता है। यह समस्या मामूली नहीं है। इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जिससे कि लोगों के मन से आत्महत्या जैसे विचार बिलकुल ही निकल जाएं। एक अध्ययन के अनुसार डिप्रेशन का कारण कम होती आत्मीयता है। आज सोशल मीडिया या व्हॉटसएप सहित अन्य माध्यमों से तो हमसें हजारों लोग जुड़े हुए हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से कुछ ही लोगों से जुड़े रहते हैं। ऐसे दोस्त ही नहीं रखते जिनसे रोजाना मुलाकात करें या उनसे अपनी परेशानियां शेयर करें। जब परेशानियां बढ़ने लगती है तो व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है और उसे यह दुनिया बुरी लगने लगती है। वह सुसाईड की ओर ही अपने कदम बढ़ाता है। यदि उस समय कोई हो जो उसकी सुन सके और उसे समझा सके तो वह ऐसा नहीं करेगा।
इसलिए डिजिटल रूप से लोगों से जुड़े रहें लेकिन व्यक्तिगत रूप से भी लोगों के सम्पर्क में रहें और रोजाना कुछ समय ही सही ऐसे लोगों के साथ बिताएं। उनके साथ अपने मन के विचार और परेशानियां शेयर करें। शेयर करने से अवश्य ही समाधान निकलेंगे। जो बात आपको परेशान कर रही है, हो सकता है उसका समाधान आपका ही कोई मित्र निकाल सकें, तो शेयर करें और खुलकर जीएं।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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07-08-2018
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फ्रेंडशिप डे पर हुई तीन दोस्तों की मौत, आज एक साथ उठी अर्थियां


अजमेर के लामाना गांव में फ्रेंडशिप डे एक दर्द भरी याद छोड़ गया। दरअसल गांव के रहने वाले तीन दोस्त हाईवे पर खड़े थे। इसी दौरान तेज गति में आई पिक अप गाड़ी ने उन्हें कुचल दिया। इससे एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो दोस्तों ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
मांगलियावास थाने की प्रशिक्षु थानाधिकारी सुमन मीणा ने बताया कि रविवार देर रात लामाना निवासी महादेव सिंह, हुकुम सिंह और नीरज हाईवे स्थित सलीम होटल पर खाना खाने आए थे। खाना खाने के बाद सभी हाईवे पर खडे़ होकर बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान काल बनकर आई पिक अप ने उनको टक्कर मार दी। इससे महादेव की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई जबकि हुकुम सिंह और नीरज गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को जेएलएन अस्पताल भिजवाया जहां कुछ समय ईलाज के बाद ही दोनों को भी मृत घोषित कर दिया गया। मीणा ने कहा कि आज तीनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है साथ ही पिक अप चालक के विरूद्ध लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने का मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।
गांव में नहीं जले चुल्हे
एक ही गांव के तीन युवकों की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर व्याप्त है। जब तीनों की अर्थियां उठी तो हर किसी की आंखे नम थी। बताया जा रहा है कि गांव में शोक के कारण ग्रामीणों के यहां चुल्हे तक नहीं जले। हर कोई मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने में जुटे हुए थे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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06-08-2018
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एक करोड़ की लूट का पांच दिन में पर्दाफाश, 2 आरोपी गिरफ्तार



नवीन वैष्णव@ अजमेर
अजमेर संभाग के भीलवाड़ा जिला पुलिस ने गत 5 दिन पहले ट्रक ड्राईवर को बंधक बनाकर एक करोड़ रूपए की लूट को अंजाम देने वाले गिरोह का 5 दिन में पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करके लूटा गया ट्रक व वारदात में प्रयुक्त कार भी जप्त कर ली है।
भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक डॉ रामेश्वर सिंह ने बताया कि गत 1 अगस्त को अलसुबह रायला थानाधिकारी महावीर सिंह को फोन पर सूचना मिली थी कि कुछ बदमाश ट्रक ड्राईवर से मारपीट करके उसे जंगल में पटक गए हैं। इसकी सूचना पर थानाधिकारी जंगल में पहुंचे और ट्रक ड्राईवर को अस्पताल पहुंचाकर उपचार दिलवाया साथ ही उसका मेडिकल मुआयना भी करवाया। पीड़ित ट्रक चालक हरियाणा के लोहिंगा निवासी तौफिक खान की रिपोर्ट पर बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद थानाधिकारी महावीर सिंह और साईबर टीम ने कड़ी मेहनत करके आरोपियों का सुराग लगाया और दो आरोपियों को दबोच भी लिया। उक्त गिरोह के सरगना और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
ट्रांस्पोर्ट से रैकी
रायला थानाधिकारी महावीर सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में माण्डलगढ़ थाना क्षेत्र के आरजिया निवासी आबिद और लुहारिया निवासी फारूख को गिरफ्तार किया गया। दोनां से कड़ी पूछताछ की गई और इनकी निशानदेही पर लूटा गया ट्रक और वारदात में प्रयुक्त वैनग आर कार को जप्त किया गया। आरोपियों ने कबूला कि ट्रक ड्राईवर जब भीलवाड़ा ट्रांस्पोर्ट नगर से 75 लाख रूपए से अधिक कीमत की कपड़े की गांठे भरकर दिल्ली के लिए रवाना हुआ। उसी समय उन्होंने लूट की वारदात अंजाम देने का प्लान बनाया। इसके बाद रायला थाने के आगे निकलते ही ट्रक में चढ़कर ड्राईवर को बांधकर पटक दिया और ट्रक को खुद के कब्जे में ले लिया। इसके बाद गिरोह के तीन साथी पीछे चल रही वैगन आर कार में ड्राईवर तौफिक की आंख पर पट्टी बांधकर वापस भीलवाड़ा के लिए रवाना हुए और बीच में ही ड्राईवर को जंगल में पटक गए। ऐसा करने के पीछे भी उनका मकसद पुलिस को गुमराह करना था। महावीर सिंह ने कहा कि आरोपियों ने ट्रक का माल कहां बेचा और गिरोह में अन्य कौन था। इसकी गहनता से जांच की जा रही है। जल्द ही गिरोह के सरगना सहित अन्य सदस्यों को दबोचा जाएगा और माल भी बरामद किया जाएगा। उन्होंने अंदेशा जताया कि इस गिरोह से हाईवे पर हुई कई लूट की वारदातें भी खुल सकती है।
नवीन वैष्णव
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Sunday, 5 August 2018

आरएएस प्री परीक्षा शांतिपूर्ण सम्पन्न, नेटबंदी ने किया परेशान


नवीन वैष्णव@ अजमेर
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से रविवार को राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी प्रारम्भिक परीक्षा 2018 का प्रदेश भर में आयोजन किया गया। इसमें कुल 75.80 फीसदी अभ्यर्थियों ने भाग लिया। किसी भी परीक्षा केन्द्र से कोई भी गड़बड़ी की खबर फिलहाल नहीं मिल सकी है। परीक्षा के सफल आयोजन के लिए आयोग के अध्यक्ष दीपक उप्रेती और सचिव पी सी बैरवाल की जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है।
आयोग की ओर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार परीक्षा में सर्वाधिक अभ्यर्थियों की उपस्थिति संख्या टौंक में 85.90 रही जबकि सबसे कम उदयपुर में 60.21 रही। बात अगर अजमेर की करें तो यहां भी केवल मात्र 60.57 फीसदी परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा के दौरान काफी सख्ती देखी गई। जो नियम आयोग की ओर से निर्धारित किए गए थे। उन सभी नियमों की पालना करवाई गई। कई महिला अभ्यर्थियों के कुर्ते की बाहें काटने की भी खबरें प्रदेश भर से मिली।
रविवार और फिर नेटबंदी 
रविवार का दिन यानि अवकाश और फिर उपर से नेटबंदी की मार। मानों हर किसी को यह जमकर खली। सभी ने जिला प्रशासन और आयोग को कोसने में कहीं कमी नहीं छोड़ी। आमजन ही नहीं बल्कि राजपत्रित अधिकारियों ने भी नेटबंदी के निर्णय पर खासा रोष जताया। आपको बता दें कि एक ओर तो सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है वहीं दुसरी ओर नेटबंदी करके आमजन को हैरान कर रही है। इसके कारण डिजिटल ट्रांजेक्शन के साथ ही बच्चों की पढ़ाई  सहित नेट से जुड़े कई अन्य काम भी प्रभावित हुए।
निकालना चाहिए ओर उपाय
गृह विभाग को चाहिए कि हर परीक्षा में नेटबंदी करके लाखों लोगों को परेशान करने की बजाय कोई ओर उपाय निकालना चाहिए। राजस्थान पुलिस कॉन्सटेबल की परीक्षा से शुरू हुआ यह दंश ऐसा नहीं हो कि हर परीक्षा में आमजन को झेलना पड़े। नेटबंदी पर एक बोर्ड अधिकारी ने अच्छा तंज भी कसा था कि बोर्ड की परीक्षाओं में भी लाखों अभ्यर्थी बैठते हैं यदि बोर्ड भी यह परिपाटी शुरू कर दे तो कैसा रहेगा? विभाग को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।
नहीं थी उम्मीद
अभ्यर्थियां की प्रश्न पत्र को लेकर प्रतिक्रिया मिली जुली रही। कुछ ने प्रश्न पत्र को कठिन तो कुछ ने सरल बताया। वहीं अधिकांश अभ्यर्थियों का यही कहना रहा कि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि 5 अगस्त को उनकी परीक्षा हो सकेगी, लेकिन आयोग के अध्यक्ष दीपक उप्रेती ने पद संभालते ही जिस तरह की रणनीति बनाई, उसी का नतीजा है कि परीक्षा सही समय पर और शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो सकी।
नवीन वैष्णव
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Saturday, 4 August 2018

आरएएस परीक्षा को लेकर अजमेर में रहेगा नेट बंद


नवीन वैष्णव @अजमेर
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से रविवार को राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी (प्रारम्भिक) परीक्षा 2018 का प्रदेश भर में आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां को अंतिम रूप दे दिया गया है। परीक्षा के मद्देनजर कई जिलों में नेट बंद करने का निर्णय भी जिला प्रशासन की ओर से लिया गया है।
आरपीएससी की ओर से आयोजित आरएएस प्री परीक्षा के लिए पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। रविवार को यह परीक्षा हजारों परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित होने जा रही है। परीक्षा को लेकर प्रदेश के जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। परीक्षा में किसी तरह की बाधा नहीं हो, इसके लिए कई जिलों में नेट भी बंद रहेगा।
जिले में यहां बंद रहेगा नेट
अजमेर जिला कलक्टर आरती डोगरा ने बताया कि संभागीय आयुक्त के आदेशानुसार अजमेर शहर, ब्यावर और किशनगढ़ में सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक नेट पूरी तरह बंद रखा जाएगा। इसकी पालना के लिए सभी मोबाईल ऑपरेटर्स को सूचित कर दिया गया है। ब्रॉडबेंड सेवाओं को इससे मुक्त रखा गया है। डोगरा ने कहा कि जिले में परीक्षा शांतिपूर्ण हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
जिला प्रशासन लें निर्णय
आयोग के सचिव पी. सी. बैरवाल ने बताया कि परीक्षा को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। सभी परीक्षा केन्द्रों पर शांतिपूर्ण परीक्षा हो इसके लिए पुख्ता बंदोबस्त कर दिए गए हैं। नेटबंदी के सवाल पर बैरवाल ने कहा कि गृह विभाग को परीक्षा का आयोजन सफलतापूर्वक करवाने के लिए पत्र लिखा गया था। इसमें यह भी लिखा था कि जिला और संभाग स्तर पर यह निर्णय लिया जाए कि नेट बंद करना आवश्यक है या नहीं है। उनका उद्देश्य परीक्षा की गोपनीयता और कानून व्यवस्था को बनाए रखना है।
नवीन वैष्णव
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